पति-पत्नी को आपस में पति-पत्नी के कर्त्तव्य के पालन के अलावे आवश्यकतानुसार पिता-पुत्री एवं माता-पुत्र जैसे समझ के अनुसार व्यवहार करना चाहिए।
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