शुक्रवार, 28 जुलाई 2017

सर्व कल्याणकारी प्रार्थना:-

' सर्व कल्याणकारी प्रार्थना '
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प्रियतम ! स्वामी ! सुन्दरतम् ! माधव ! हे सखा ! हमारे !
मिलती है , शान्ति -👌जगत में, केवल प्रभु ! तेरे सहारे ।।
तुम अमल धवल ज्योति हो, ज्योतित करते हो- जग को ।
स्रष्टा! पालक ! संहर्ता ! तुम एक नियन्ता-जग के ।।
कैसे मैं तुझे पुकारूँ, जड़ हूँ, न ज्ञान -मुझको है ।
प्रभु एक सहारा-तुम हो, रखनी प्रभु लाज -तुझे है ।।
सर्वज्ञ ! सम्प्रभु ! माधव ! तुम तो -त्रिकालदर्शी हो ।
अन्तर्यामी ! जगदीश्वर ! तम-हर ! भास्कर भास्कर हो ।।
मायापति! जन सुख दायक ! तुम व्याप्त -चराचर में हो ।
हे अगुण ! सगुण ! परमेश्वर ! सर्वस्व हमारे -तुम हो ।।
आनन्दकन्द ! करूणाकर ! शशि-सूर्य नेत्र हैं -तेरे ।
तुम बसो अहर्निश प्रतिपल, प्रभु ! अभ्यन्तर में -मेरे ।।
तेरी ही दया कृपा से, अन्न धन सर्वस्व मिला है ।
तेरी ममता इच्छा से, यह जीवन कमल खिला है ।
उपहास किया कर ते हैं, जग के प्राणी सब -मेरे ।
स्वीकार उन्हें करता हूँ, प्रेरणा मान सब -तेरे ।।
कर्त्तव्य किया न कभी मैं, प्रभु ! प्रबल पाप धोने का ।
जुट पाता नहीं मनोबल, प्रभु ! अहंकार खोने का ।।
बस, तिरस्कार पाता हूँ , यह पुरस्कार है- जग का ।
है बोध न मुझको कुछ भी, जगती का और नियति का ।।
यह जीवन चले शतायु, मंगलमय हो जग सारा ।
माधव ! चरणों में तेरे, जीवन अर्पित हो सारा ।।
हे हरि ! दयानिधि! दिनकर! सब जग के तुम्हीं -सहारे ।
हम सब को प्रेम सिखाओ, हे प्रेमी परम हमारे ।।
हो बोध हमें जीवन का, कर्त्तव्य बोध हो सारा ।
अनुकरण योग्य प्रति पल हो, जीवन आदर्श हमारा ।।
ईर्ष्या ,माया,मत्सर का लव लेश नहीं हो हममें ।
धन, बल, विकास, काया का -सुन्दर विकास हो हममें ।।
सौहार्द, प्रेम भावों का प्रभु ! उत्स हृदय में फूटे ।
उत्तम् विचार राशि को,जगती जी भर कर लूटे ।।
सार्थक हो जग में जीवन, सार्थक हो प्रेम हमारा ।
माधव ! चरणों में तेरे, जीवन अर्पित हो सारा ।।
:- प्रो० अवधेश कुमार 'शैलज', पचम्बा, बेगूसराय ।
( प्राचार्य सह विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान, एम.जे.जे.कालेज, एम., बनवारीपुर, बेगूसराय। )
(कालेज कोड : ८४०१४)

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