बायोकेमिक औषधियों से असाध्य रोगों का उपचार :-
होमियोपैथिक एवं बायोकेमिक चिकित्सक हेतु स्मरणीय सूत्र :-
1. फेरम फॉस 6x : हर तरह का बुखार तथा फेफड़े के समस्त विकार की महत्वपूर्ण औषधि है, लेकिन लक्षण समष्टि के आधार पर ही फेरम फॉस या अन्य औषधियों या दवाओं का भी आवश्यकतानुसार उपयोग उचित है। सूखी खाँसी। टी बी, निमोनिया, श्वास कष्ट। श्वास लेने में कष्ट। पेशाब कम और किडनी का दर्द। भूख की कमी। पेट दर्द के साथ अतिसार। सामने ललाट का दर्द और / या दायीं ओर का सिर दर्द। आँख के गोलकों में मुख्यतः दायीं आँख का दर्द। कन्धे का दर्द और मुख्यत: बायें कन्धे का दर्द। हृदय रोग और दायें ठेहुँने का दर्द। ठंढ़ा पसन्द। फेरम फॉस अनिद्रा की स्थिति में रात में न लें, दिन में लें। रक्त श्राव की स्थिति में फेरम फॉस 3x या 6x का चूर्ण लगाने तथा गर्म पानी के साथ खाने से आराम मिलता है। फेरम फॉस 3x या 6x काली फॉस 6x के साथ हर घाव को तथा फेरम फॉस 6x कैल्कैरिया फॉस 6x के साथ यकृत (liver), वृक्क या गुर्दे (kidney) और / या हृदय (Heart) के विकार से उत्पन्न शोथ को भी दूर करता है। लाल एवं गर्म रक्तस्राव। दाहिनी हथेली गर्म। सम्भोग के प्रारम्भ में कष्ट या दर्द। योनि की तीव्र खुजली एवं जलन या गर्मी। मासिक धर्म या रज:श्राव प्रायः तीन सप्ताह अर्थात् 21 दिन में ही हो जाता है।
फेरम फॉस की क्लोरोसिस में कैल्कैरिया फॉस से तुलना;
सिर दर्द में नेट्रम फॉस से तुलना;
बहुमूत्र या मूत्रमेह या मूत्राधिक्य में नेट्रम सल्फ से तुलना;
जंघा सन्धि प्रदाह में कैल्कैरिया सल्फ से तुलना;
प्रदाह में बेलाडोना से लेकिन प्रदाह के प्रारम्भ में एकोनाइट से तुलना करनी चाहिए।
ज्ञातव्य है कि फेरम फॉस में न तो एकोनाइट की बैचेनी और न ही जेल्सीमियम के जैसी सुस्ती एवं तन्द्रालुता ही रहती है। यह दोनों के बीच की औषधि है।
फेरम फॉस की तुलना प्रादाहिक रोगों में अर्निका एवं हिपर सल्फर से तथा श्वास रोगों में फास्फोरस से की जाती है।
सिर दर्द में नेट्रम फॉस, बहुमूत्र में नेट्रम सल्फ, बबासीर में कैल्कैरिया फ्लोर, रक्ताल्पता में कैल्कैरिया फॉस तथा डिफ्थीरिया एवं प्रदाह आदि रोगों में कैली म्यूर का प्रयोग फेरम फॉस के बाद या साथ में ही किया जाता है।
फेरम फॉस एण्टिसोरिक तथा एण्टिट्युबरक्युलर औषधि है।
फेरम फॉस (Ferrum Phos) का पूरा नाम फेरम फॉस्फोरिकम (Ferrum Phosphoricum) तथा सामान्य नाम आयरन फॉस्फेट या फॉस्फेट ऑफ आयरन है।
माघ मास तथा मीन राशि के सूर्य में जन्म लेने से पाँव में कष्ट एवं रक्त का अभाव होता है। (20 फरवरी से 20 मार्च तक सायन सायन सूर्य)
सम्बंधित होमियोपैथिक दवा : Aconite Nap., Bryonia alba., Belladona., Arnica., Heper Sulphur., Gelsemium., China., Phosphorus., Merc sol.
2. काली फॉस 6x : मस्तिष्क ज्वर। भूलना। भय। भोजन से आराम। दायीं कनपट्टी का दर्द जो बायीं ओर जाती है। संगति पसन्द। आवाज से कष्ट। धड़कन। दम फूलना। स्वप्न चारिता। अनिद्रा। बग्घा लगना। मिर्गी। उड़ने, गिरने, आग, पहाड़, भूत प्रेत का सपना। दुर्गन्ध रहित चावल के धोवन-सा दस्त। धीमी गति पसन्द। स्वर भंग। लकवा एवं पागलपन को दूर करता है। भविष्य की चिन्ता या भय। चमड़े पर काला दाग या काला रक्तस्राव। मूत्रमार्ग से रक्तस्राव। काला घाव। कटी मछली के धोवन-सा दुर्गन्धित रज:श्राव। रज:श्राव के बाद तीब्र कामेच्छा।नारंगी रंग की योनि और लिकोरिया या प्रदरश्राव। लिंग तनाव रहित। अचानक पेशाब का वेग और उसे रोकना कठिन। पेशाब रास्ते या लिंग तथा मुख का लकवा। वृद्धों को बिछावन पर पेशाब हो जाना।
दमा एवं निम्न रक्तचाप में काली फॉस 3x तथा उच्च रक्तचाप में 12x अधिक उपयुक्त औषधि है।
मीठा कम पसन्द। मस्तिष्क के हिल जाने की स्थिति में काली फॉस का होमियोपैथिक प्रयोग 30 शक्ति में करना विशेष लाभप्रद होता है।
कैली फॉस का मैग फॉस, नेट्रम म्यूर, फेरम फॉस तथा केली म्यूर का विशिष्ट सम्बन्ध पाया जाता है।
शू्ल वेदना और मूत्र-स्थल में आक्षेपिक वेदना होने पर मैग फॉस का तथा पाक्षाघातिक लक्षणों की अधिकता होने पर केली फॉस का प्रयोग किया जाता है।
बड़बड़ाहट वाले प्रलाप एवं रक्त श्राव में नेट्रम म्यूर के साथ पर्याय क्रम में केली फॉस का प्रयोग किया जाता है।
उच्च प्रलाप में फेरम फॉस के साथ तथा सूतिका ज्वर में केली म्यूर के साथ केली फॉस का प्रयोग किया जाता है।
अनेक प्रकार की पीड़ाओं में कैल्कैरिया फॉस के साथ कैली फॉस के प्रयोग की आवश्यकता होती है।
फास्फोरस, फाइटोलैक्का तथा रस टॉक्स के साथ कैली फॉस के लक्षणों में बहुत समानता पायी जाती है।
मानसिक लक्षणों में पल्सेटिला के साथ,
किडनी के लक्षणों में मैग फॉस के साथ तथा
स्नायविक लक्षणों में काफिया, कैमोमिला, इग्नेशिया एवं हायोसियामस के साथ कैली फॉस की तुलना की जा सकती है।
नाड़ी-मण्डल या स्नायु संस्थान के रोगों में साइलीशिया के साथ केली फॉस की तुलना की जाती है।
मासिक श्राव के समय सिर दर्द में जेल्सीमियम, पल्सेटिला एवं सिमिसिफ्यूगा (एक्टिया रेसोमेसा) के साथ; स्नायुओं की उत्तेजना को कम या शिथिल करने के लिए इग्नेशिया एवं काफिया के साथ; स्नायविक रोगों में फॉसफोरस के साथ तथा रक्त के भीतर परिवर्तन के लक्षण रहने पर रस टॉक्स के साथ कैली फॉस की तुलना की जाती है।
कैली फॉस एण्टिसोरिक तथा एण्टि ट्युबरक्युलर औषधि है।
कैली फॉस (Kali Phos) को केली फॉस या काली फॉस भी कहा जाता है। इसका सामान्य नाम फॉस्फेट ऑफ पोटाश है। इसे पोटाशियम फॉस्फेट भी कहा जाता है। इसे कैलियम फॉस्फोरिकम नाम से भी जाना जाता है।
मेष राशि, सायन सूर्य 21 मार्च से 19 अप्रैल तक का समय, फाल्गुन मास तथा सिर का क्षेत्र प्रभावित होने पर काली फॉस उपयोगी है।
सम्बंधित होमियोपैथिक दवा : Rhus tox., Phos. Puls., Acid nitricum., Cyclemen., Anacadium., Conium., Bapticia., Lachesis., Crotelus.,. Kriosotum., Arsenic alb., Cabo-veg., China.
3. कैल्कैरिया फॉस 6x : खट्टा पसन्द। कल्ला ऐंठना। लेटने से आराम। टेढ़ी, टूटी हुई या कमजोर हड्डी । दाँतों में खोंढ़र। प्रातःकालीन तथा अण्डे की सफेद जल-सा लिकोरिया। मासिक धर्म या रज: श्राव प्रायः दो सप्ताह अर्थात् 15 दिनों में ही हो जाता है। रज:श्राव के पूर्व तीब्र कामेच्छा। हस्त मैथुन की प्रवृत्ति। समलैंगिकता। बारम्बारता मन:स्नायु विकृति (Obsesive Compulsive Neurosis). पढ़ाई से थकान। विद्यार्थियों और मुख्यतः छात्राओं का सिर दर्द। नाक का अगला छोर ठंडा। हाथ पांव में सुन्नता, रेंगने की अनुभूति एवं शीतलता। शरीर के अंगों में सूजन की अनुभूति। यात्रा पसन्द लेकिन घर लौटना या स्थान परिवर्त्तन पसन्द। मौसम परिवर्त्तन से कष्ट। सिर दर्द में सिर का ऊपर ठंढा महसूस होता है। सिर पर टोपी वरदास्त नहीं। जल शीर्षता। बच्चों के सिर के ऊपरी भाग में प्रायः कड़ापन नहीं रहता और वह स्थान देर से भरता है। तला या सूखा मांस तथा रोटी पसन्द। भोजन के बाद कष्ट होता है। नेट्रम म्यूर में भोजन नहीं करने से जल्द परेशान नहीं होता है और खाने के बाद भी दुबला होता जाता है। काली फास खाना खाने से प्रायः आराम महसूस करता है। कैल्कैरिया फास के मुख का स्वाद फीका होता है। आवाज़ के साथ दुर्गन्धित पाखाना। कण्ठ का जलन। थूक निगलना कठिन। अफरा। दूध की बनी वस्तु ठीक, लेकिन दूध नहीं पचे मुख्यतः रात्रि में। पेट के बल लेटना और आराम पसन्द। घर और घर से बाहर गये परिजनों की विशेष चिन्ता। वृद्धावस्था के कब्ज एवं लगातार उपयोग करने की स्थिति में कैल्कैरिया फॉस 12x का सेवन उपयुक्त। बुखार या किसी रोग के बाद की कमजोरी में Calcaria Phos 3x देना चाहिए। नेट्रम फॉस के साथ कैल्कैरिया फॉस नहीं लिया जाता है। जिन दवाओं के साथ कैल्कैरिया फॉस का सुसम्बन्ध है, उनके साथ मध्यवर्ती दवा के रूप में प्रयोग करना उपयुक्त है। कैल्कैरिया फॉस मैग फॉस का अनुपूरक है।
कैल्कैरिया फॉस की तुलना बहुमूत्र में काली फॉस एवं नेट्रम फॉस से;
अर्श या बबासीर में फेरम फॉस से;
भगन्दर या फिश्चुला में बार्बेरिस (शल्यक्रिया के बाद कैल्कैरिया फॉस भी) से तथा हड्डी के रोग में भी कैल्कैरिया फ्लोर एवं साइलीशिया से;
भगन्दर के साथ फुफ्फुस उपसर्ग पर्याय क्रम में रहने पर फेरम फॉस एवं साइलीशिया से;
काली खाँसी में कैल्कैरिया फ्लोर से;
कृमि में नेट्रम फॉस से;
लूपस में केली म्यूर से;
रक्त हीनता, घुटने के दर्द (विशेष कर गृहिणी के लिए) तथा छात्र-छात्राओं के सिर दर्द में नेट्रम म्यूर से;
दाँत के क्षरण में मैग फॉस एवं साइलीशिया से;
दाँत के घाव में फ्लोरिक एसिड से;
क्षय रोग में ट्युबरक्युलिनम् एवं साइलीशिया से;
शिशु की दुर्बलता तथा सिर पर तैलीय पसीना आने पर साइलीशिया से;
मस्तिष्क में जल संचय तथा रक्तहीनता में चायना से;
टायफाइड की अंतिम अवस्था में बहुत पसीना आने पर सोरिनम से;
मिर्गी रोग में फेरम फॉस, केली म्यूर, केली फॉस एवं साइलीशिया से;
बच्चों के रोगों एवं वृद्धावस्था में बैरायटाकार्ब से तथा वृद्धौं की बीमारी में सिम्फाइटम से;
गोरे, मोटे, अधिक पसीना वाले, ठण्डे एवं नम पाँव वाले बच्चों के रोगों में कैल्कैरिया कार्ब से तुलना करके औषधि का चयन करें।
कैल्कैरिया फॉस एण्टि-सोरिक, एण्टि-साइकोटिक एवं एण्टि-ट्युबरक्युलर औषधि है।
यह कार्बोएनामेलिस, हिपर सल्फर तथा रूटा की अनुपूरक औषधि है।
कैल्कैरिया फॉस (Calcaria Phos) का सामान्य नाम फॉस्फेट ऑफ लाईम है। इसे कैल्कैरिया फॉस्फोरिका एवं कैल्शियम फॉस्फेट भी कहा जाता है।
मकर राशि, मार्ग शीर्ष या अगहन माह, 22 दिसम्बर से 20 जनवरी के मध्य का समय तथा हड्डी एवं घुटने के भाग कैल्कैरिया फॉस के क्षेत्र में आते हैं।
सम्बंधित होमियोपैथिक दवा : Carbo-anamalis., China., Heper Sulph., Ruta G., Sulphur iod., Zincum Mat., Kali mure., Psorinum., Silicia .
4. मैगनीशिया फॉस 6x : मीठा, गर्मी एवं सेंकना पसन्द। जबड़ा अकड़ना। दायें कंधे तथा बायीं आँख का दर्द।
एक वस्तु का कई विम्ब दीखना। प्रसव के बाद रोटी हरा दीखना। स्वतः बुदबुदाना। नशा सेवन करना। आँखों में खुजलाहट तथा आँसू आना।
रीढ़ की हड्डी में गर्मी का अनुभव। शरीर का काँपना या लेखकों का हाथ काँपना। मेन्स या रज:श्राव के पूर्व नाभि के चारों ओर घूमता हुआ तीब्र दर्द जो रज:श्राव होने पर धीरे-धीरे घटता है।
मैग फॉस में थोड़े दबाव या स्पर्श से वेदना या कष्ट बढ़ता है, लेकिन अधिक दबाव से घटता है, लेकिन कैल्कैरिया फॉस में हर स्थिति में दबाव से कष्ट बढ़ता है।
मैग फॉस तथा कैल्कैरिया फॉस की क्रिया बहुत समानता रहने के कारण शरीर में मैग फॉस का अभाव होने पर प्रकृति कैल्कैरिया फॉस से कुछ अंश लेकर मैग फॉस के अभाव की पूर्ति करती है, इसीलिए मैग फॉस के प्रयोग से सभी लक्षण दूर होते हैं।
मैग फॉस की कमी से पाकस्थली की पेशियाँ सिकुड़ जाती है जिसे रोकने के लिए प्रकृति पेट में गैस बना देती है जिससे पाकस्थली में तनाव के कारण पेट में शू्ल का दर्द हो जाता है, जो मैग फॉस के प्रयोग से दूर हो जाता है।
मैग फॉस का फेरम फॉस के साथ विपरीत सम्बन्ध है, क्योंकि फेरम फॉस को ठण्ड लेकिन मैग फॉस को गर्मी पसन्द है। फेरम फॉस को परमाणु क्रिया की गड़बड़ी से सभी तन्तु संकुचित होते हैं लेकिन मैग फॉस के परमाणु क्रिया की गड़बड़ी से सब अणु संकुचित होते हैं। अतः अंगों में खिंचाव, अकड़न तथा स्नायविक कारणों से उत्पन्न रोगों में मैग फॉस से लाभ मिलता है।
पाकस्थली के वाम भाग में गैस के साथ हृदय रोग में मैग फॉस बहुत लाभदायक है। उदर वेदना में रोगी टहलने के लिए बाध्य हो जाता है, जिससे आराम मिलता है।
गर्दन एवं पीठ के रोगों में 3x से लाभ नहीं होने पर उच्च शक्ति का प्रयोग होता है।
अत्यधिक खुजली में मैग फॉस के मरहम से लाभ नहीं होने पर कैल्कैरिया फॉस के मरहम का पर्याय क्रम में उपयोग करना चाहिए।
कैल्कैरिया फॉस मैग फॉस की पूरक (शेष कार्य को पूरा करने वाली) औषधि है।
मैग फॉस की तुलना शूल दर्द में कैल्कैरिया फॉस के साथ; मिर्गी में कैल्कैरिया फॉस, कैली म्यूर तथा साइलीशिया के साथ; सिर दर्द में खास कर सिर के पिछले भाग से आँख तक दर्द फैलने पर साइलीशिया के साथ, जबकि गर्म प्रयोग से कष्ट घटता है; और इसी तरह उदरामय, होठ में छाले तथा होठ फटने पर अन्य औषधियों का मैग फॉस से तुलना करना चाहिए।
प्रदाह जनित शूल वेदना में फेरम फॉस के साथ, पित्त शू्ल में नेट्रम सल्फ के साथ, अम्ल शू्ल में नेट्रम फॉस के साथ तथा मूत्राशय शू्ल में कैल्कैरिया फॉस के साथ मैग फॉस का पर्याय क्रम में प्रयोग किया जाता है।
स्नायविक लक्षणों में मैग फॉस एवं कैली फॉस दोनों ही प्रभावकारी है। मैग फॉस में अकड़न के लक्षण गर्मी से घटते हैं, लेकिन कैली फॉस उससे विपरीत लक्षणों में लाभप्रद है।
शूल दर्द में कोलोसिन्थ से तथा वायु संचय जनित शू्ल दर्द में डायस्कोरिया से मैग फॉस से प्रतियोगिता है।
ऋतु शू्ल में तथा प्रसव के दर्द में मैग फॉस पल्सेटिला, सिमिसिफ्यूगा तथा बाईबर्नम के समान प्रभावशाली है, परन्तु मैग फॉस का कष्ट गर्म प्रयोग से घटता है, जबकि अन्य औषधियों में ठण्ड से।
स्नायविक दर्द में मैग फॉस आर्सेनिक का प्रतियोगी है और दोनों के रोग लक्षण गर्मी से घटता है।
श्लैष्मिक बाधक दर्द में मैग फॉस की तुलना बोरेक्स से करनी चाहिए।
आक्षेप में मैग फॉस का प्रयोग प्रायः बेलाडोना के बाद ही किया जाता है। मैग फॉस का प्रभाव बेलाडोना जैसा ही होता है।
मैग फॉस का विषघ्न (Anti dote) जेल्सीमियम तथा लैकेसिस होता है।
मैग फॉस एण्टि-साइकोसिक है।
मैग फॉस (Mag Phos) का सामान्य नाम फॉस्फेट ऑफ मैग्नीशिया तथा अन्य नाम मैग्नीशियम फॉस्फोरिकम है।
आषाढ़ मास, सिंह राशि, 22 जुलाई से 21 अगस्त तक के मध्य तथा हृदय एवं चेतना संस्थान मैग्नीशिया फॉस के क्षेत्र में आते हैं।
सामान्य रूप से या तीव्रता से स्थान परिवर्तनशील दर्द में मैग फॉस की तुलना कैली सल्फ से करनी चाहिए, जबकि कैली सल्फ के रोगी को ठण्ड से आराम होता है और यह अन्तर ध्यान में रखना आवश्यक है।
मैग फॉस दुबले-पतले, जीर्ण-शीर्ण, अत्यंत स्नायविक तथा हल्के रंग वाले मनुष्यों के लिए विशेष उपयोगी औषधि है।
सब प्रकार के ज्वरों में अकड़न रोकने के लिए मैग फॉस सर्वोत्तम औषधि है।
हृदय शूल में मैगनीशिया फॉस 3x का उपयोग आवश्यकतानुसार काली फॉस 6x और / या फेरम फॉस 6x के साथ या अदल बदल कर करें। रात्रि में मुख्यतः 7 बजे भोजन के बाद जाड़ा लगना।
सम्बंधित होमियोपैथिक दवा : Borex., Acetic Acid., Vervinum op., Lobeliya., Symphytom., Stramonium., Arsenic alb., Zincum Met., Colocynth., Dioscoriya., Gelsemium., Belladona.
5. नेट्रम फॉस 6x : झागदार पेशाब, पाखाना एवं रक्त श्राव या अन्य श्राव। पढ़ते समय ऊँघना। नींद में खर्राटा। शीत पित्त या जुल पित्ती समूचे शरीर में। खट्टा डकार। किनारों में दाँतों के दाग युक्त पीली क्रीम जैसी जिह्वा। जुलपित्ती या रक्तपित्त में, ब्लड शुगर या मधुमेह में काली फॉस के साथ लक्षणानुसार अदल बदल कर लें। स्त्री पुरुषों की नपुंसकता, स्वप्नदोष, पानी-सा वीर्यश्राव, मृतक या साँप का सपना, खर खर ध्वनि से किसी व्यक्ति की उपस्थिति की आशंका या भय।
नेट्रम फॉस रक्त-शर्करा (Blood sugar) नामक मधुमेह या बहुमूत्र की मुख्य औषधि है।
पीलिया में नेट्रम फॉस 1x अधिक लाभदायक होता है।
कृमि रोग में नेट्रम फॉस 6x का तरल पिचकारी द्वारा गुदा में डाला जाता है।
शिशुओं के उदरामय या दस्त में नेट्रम फॉस के साथ कैल्कैरिया फॉस की तुलना अम्ल एवं दुर्गन्ध के आधार पर होती है।
शुक्र क्षय के बाद पीठ एवं घुटने दोनों की कमजोरी में नेट्रम म्यूर के साथ नेट्रम फॉस की तुलना करनी चाहिए।
पानी पीने के बाद खाँसी में नेट्रम फॉस के साथ साइलीशिया की तुलना करनी चाहिए।
शिशुओं के खट्टी गन्ध वाली टट्टी में नेट्रम फॉस की तुलना कैल्कैरिया कार्ब और रियुमेक्स से की जानी चाहिए।
सम्पूर्ण शरीर में खुजली होने पर नैट्रम फॉस की तुलना आर्टिका युरे़न्स, डोलीकास तथा सल्फर के साथ की जानी चाहिए।
अम्लता प्रधान गठिया वात रोग में कॉलचिकम, बेन्जोइन तथा लाइकोपोडियम के साथ नेट्रम फॉस की तुलना की जाती है।
सीपिया तथा एपिस मेल दोनों औषधियाँ नैट्रम फॉस के दोषघ्न (Anti-dote) हैं।
नैट्रम फॉस एण्टिसाइकोटिक औषधि है।
नेट्रम फॉस (Nat Phos) का पूरा नाम नेट्रम फॉस्फोरिकम तथा सामान्य नाम फॉस्फेट ऑफ सोडा है। इसके अन्य नाम सोडियम फॉस्फेट है।
भाद्रपद मास, तुला राशि, 22 सितम्बर से 21 अक्टूबर के मध्य का समय तथा मूत्र संस्थान एवं प्रजनन यन्त्र नेट्रम फॉस के क्षेत्र में आते हैं।
सम्बंधित होमियोपैथिक दवा : Nux Vomica., Colchicum., Benzoic Acid., Guicum., Lycopodium., Sulphur. Dolicus., Urtica Uren bf azaad
6. नेट्रम म्यूर 6x : नमक, मिर्च एवं चवल पसन्द। रोटी नापसन्द। दूसरे का कष्ट खुद भोगने की इच्छा। झूठ बोलना या चोरी करने की इच्छा या चोरी करने जैसा अपराध बोध। स्वप्न में चोरों का सपना और जगने पर उसे ढ़ूंढ़ना। ऊँघना लेकिन नींद से जगने पर जल्द नींद नहीं आना। धूप चढ़ाने पर मुख्यतः प्रातः 9 बजे से अपराह्न 3 बजे तक कष्ट वृद्धि। पानी से भरे फफोले। लोगों के सामने पेशाब करना संभव नहीं।पेशाब करने के बाद कमर दर्द होना (लाईकोपोडियम में पेशाब करने के बाद कमर दर्द घट जाता है)। सिर में रूसी एवं पीछे का सरदर्द। सान्त्वना से कष्ट। खिड़की या छत से कूद कर आत्महत्या की इच्छा। फूट-फूट कर रोना। पेशाब में जलन एवं दर्द। जीभ के बीच में केश का अनुभव एवं बुलबुले। लार टपकना या बहना। कमर से ऊपर दुबलापन खूब खाने के बाद भी। भूखे रहना पसन्द। जोड़ों पर गोलाकार दाद दिनाय। जननांगों का बाल पहले पकना और झड़ना। योनि का रंग भूरा या हल्का सफेद-सा। योनि सूखी हुई। खाँसने-छींकने से पेशाब होना। ( सिर दर्द एवं बुखार के समय इस दवा का प्रयोग वर्जित है। )
कीट दंश की प्रथमावस्था में फेरम फॉस और कैली फॉस के प्रयोग से जलन आदि दूर हो जाने के बाद नेट्रम म्यूर के प्रयोग से सभी उपसर्ग दूर हो जाते हैं।
कीट दंश में नेट्रम म्यूर की तुलना लीडम से की जाती है।
बिच्छू के काटने पर नेट्रम म्यूर के 1:100 भाग के घोल की एक बूँद आँख में डालने से लाभ होता है।
युवतियों के मासिक श्राव के समय सिर दर्द होने पर नेट्रम म्यूर के साथ पर्याय क्रम में कैल्कैरिया फॉस एवं फेरम फॉस का प्रयोग लाभप्रद सिद्ध होता है।
युवतियों के ऋतु कालीन सिर दर्द में कैल्कैरिया फॉस से नेट्रम म्यूर की विशेष समानता है।
ऋतु काल में अत्यधिक रक्तस्राव होते रहने पर नेट्रम म्यूर की तुलना केली सल्फ के साथ करनी चाहिए।
इयुस्टेशियन नली एवं कर्ण पटल की नली में पीब होने की स्थिति में नेट्रम म्यूर की तुलना केली म्यूर तथा केली सल्फ के साथ की जाती है।
चित्तोन्मत्तता (हाइयोकाण्ड्रिया) के साथ अजीर्णता के लक्षण में नेट्रम म्यूर की तुलना नेट्रम सल्फ के साथ आवश्यक है, लेकिन नेट्रम म्यूर में कब्ज तथा नेट्रम सल्फ में उदरामय पाया जाता है।
जीभ के बीच में केश होने का अनुभव नेट्रम म्यूर में होता है, परन्तु अगले भाग में साइलीशिया में होता है।
बड़बड़ाहट के साथ प्रलाप की स्थिति में केली फॉस एवं नेट्रम म्यूर दोनों का प्रयोग पर्याय क्रम में होता है।
मुँह में पानी आने पर नेट्रम म्यूर के साथ नेट्रम फॉस एवं नेट्रम सल्फ की तुलना करनी चाहिए, क्योंकि नेट्रम म्यूर में स्वच्छ तथा स्वादहीन पानी, नेट्रम फॉस में अम्लीय, जलन कारक एवं दुर्गन्धित पानी तथा नेट्रम सल्फ में तिक्त (तीता), दुर्गन्धित एवं पर्याप्त मात्रा में हर श्लेष्मा युक्त पानी आता है।
एपिस मेल तथा अर्जेण्टिकम् नाइट्रिकम ये दोनों नेट्रम म्यूर की पूरक औषधि है।
नेट्रम म्यूर के बाद पुराने रोग की स्थिति में सीपिया तथा सल्फर के प्रयोग की आवश्यकता होती है।
अत्यधिक नमक खाने के दुष्परिणाम में नेट्रम म्यूर के समान ही फास्फोरस की भी आवश्यकता होती है।
समुद्र स्नान के दुष्परिणाम में नेट्रम म्यूर के समान ही आर्सेनिक का भी प्रयोग किया जाता है।
श्लैष्मिक झिल्ली की शुष्कता में नेट्रम म्यूर की तुलना एलुमिना एवं ब्रायोनियाँ से की जानी चाहिए।
ऋतु श्राव के समय युवतियों के सिर दर्द में नेट्रम म्यूर की तुलना कैल्कैरिया फॉस और फेरम फॉस के साथ की जाती है।
आर्सेनिक तथा फॉस्फोरस नेट्रम म्यूर का विषघ्न (Anti-dote) है।
नेट्रम म्यूर एण्टिसोरिक, एणसिफलेटिक तथा एण्टसायोकेटिक औषधि है।
नेट्रम म्यूर (Nat Mure) साधारण नमक है। इसे सोडियम क्लोराइड या नेट्रम म्यूरेटिकम कहते हैं।
पौष या पूस माह, कुम्भ राशि, 21 जनवरी से 19 फरवरी तक की अवधि तथा टखने तक पिण्डलियाँ एवं चेतना तन्तु नेट्रम म्यूर के क्षेत्र में आते हैं।
सम्बंधित होमियोपैथिक दवा : Apis Mel., Argentum Nitricum., Sepia., Sulphur., Graphitis., Bryonia alba., Alumina., Arsenic alb.
7. नेट्रम सल्फ : मछली या पानी में उत्पन्न किसी भी चीज का भोजन करने से कष्ट वृद्धि। किसी भी करवट मुख्यतः बायीं ओर लेटने से कष्ट। सिर के पीछे या कहीं भी नया या पुराना चोट (मुख्यतः रक्तस्राव रहित जिसमें शक्तिकृत Arnica M का भी उपयोग होता है) के कारण सिरदर्द या blood cancer का प्रभाव। आत्महत्या की प्रवृत्ति। मुख का स्वाद तीता। रक्त कैंसर में 3x, पुराने चोट या होमियोपैथिक प्रयोग में 200 शक्ति उचित है। इस दवा को रक्तस्राव की स्थिति में लेने से रोगी की मृत्यु हो सकती है। अतः रक्तस्राव की स्थिति में नहीं लें।
चैत्र मास या वृष राशि के सूर्य में (20 अप्रैल से19 मई तक) कण्ठ, गर्दन एवं मष्तिष्क रोग में नेट्रम सल्फ।
नेट्रम सल्फ चेचक हैजा एवं मलेरिया आदि बुखार की प्रतिषेधक औषधि है तथा संक्रमण फैलाने की जानकारी के बाद नित्य प्रातः इसकी एक खुराक से भी रोग सहज साध्य हो जाता है तथा रोगी की रक्षा होती है। हैजा में नैट्रम सल्फ 3x प्रातःकाल एक बार लेना हितकर है, इसे दो बार भी ले सकते हैं।
चर्मरोग में नेट्रम सल्फ के बाद नैट्रम म्यूर का प्रयोग उपयोगी होता है।
दमा में साइलीशिया के साथ नेट्रम सल्फ की तुलना की जाती है।
धातुगत साइकोटिक रोग की चिकित्सा में थूजा नेट्रम सल्फ की अनुपूरक औषधि है और इन दोनों औषधियों के ह्वास एवं वृद्धि में भी समानता है।
साइकोटिक रोग में आर्सेनिक का प्रयोग नये रोग की चिकित्सा के रूप में की जाती है तथा नेट्रमसल्फ आर्सेनिक की प्रतिपूरक ( Complement ) औषधि है।
नेट्रम म्यूर एवं सल्फर के अनेक लक्षण नेट्रम सल्फ में भी पाये जाते हैं।
खाँसी में नेट्रम सल्फ की तुलना ब्रायोनियाँ से की जाती है, लेकिन अंतिम अवस्था में जब खाँसी के समय छाती नहीं दबाने से मानो फटकर बाहर आने की अनुभूति हो रही हो, उस समय दोनों का प्रयोग किया जाता है।
आँखों के पुराने कष्टों में नेट्रम सल्फ की तुलना ग्रेफाइटिस से की जाती है।
नेट्रम सल्फ एण्टि-सोरिक, एणटि-सिफलेटिक तथा एण्टि-सायोकेटिक औषधि है।
नेट्रम सल्फ (Nat Sulph) का पूरा नाम नेट्रम सल्फ्यूरिकम तथा सामान्य नाम सल्फेट ऑफ सोडा या ग्लूबर्स साल्ट है। इसे सोडियम सल्फेट भी कहते हैं।
चैत्र मास, वृष राशि, 20 अप्रैल 21 मई के बीच की अवधि, गर्दन, कण्ठ तथा मष्तिष्क नेट्रम सल्फ के क्षेत्र में आता है।
सम्बंधित होमियोपैथिक दवा : Graphitis., Bryonia alba., Stilingia.
8. काली सल्फ 6x : सायं काल से अर्द्ध रात्रि तक तथा मुख्यतः कमरे में एवं गर्मी में खुजली या अन्य कष्ट वृद्धि।
मोतियाबिंद एवं आँख की पुतली की अस्वच्छता में नेट्रम म्यूर के साथ काली सल्फ का सेवन किया जाता है। सर्दी की तृतीयावस्था में कैली सल्फ का प्रयोग किया जाता है और प्रथमावस्था में फेरम फॉस के साथ प्रयोग किया जाता है।
नवीन ज्वर में 6x तथा पुराने ज्वर में 12x का प्रयोग करना चाहिए।
कैली सल्फ 6x तथा 12x कैली म्यूर के अवशिष्ट (छोड़े गये) कार्य को पूरा करता है।
रोग की पुरानी अवस्था में कैली सल्फ की उच्च शक्तियों का व्यवहार किया जाता है।
सूखे चर्मरोग में कैली सल्फ 2x के मलहम का प्रयोग किया जाता है।
ज्वर एवं प्रादाहिक रोगों में फेरम फॉस के साथ कैली सल्फ को पर्याय क्रम में देने से इस औषध की अच्छी क्रिया होती है।
शू्ल वेदना में मैग फॉस के बाद कैली सल्फ की अच्छी क्रिया होती है।
खुजली एवं त्वचा का रंग लाल होने पर साइलीशिया के साथ कैली सल्फ की तुलना करनी चाहिए।
सर्दी तथा श्वसन यन्त्रों के रोग में कैली म्यूर तथा नेट्रम म्यूर के साथ कैली सल्फ की तुलना करनी चाहिए। बधिरता, वक्षःस्थल में भारी घड़घड़ाहट तथा पाकस्थली की वेदना या कष्ट में नेट्रम म्यूर के साथ कैली सल्फ की तुलना आवश्यक है।
पल्सेटिला के अनेक लक्षणों में कैली सल्फ से समानता है, अतः यह इसके निकट की औषधि है। पल्सेटिला और कैली सल्फ के श्राव एवं ह्वास-वृद्धि में कोई अन्तर नहीं होता है लेकिन दोनों की मानसिक अवस्था में बहुत अन्तर है।
पल्सेटिला का मिजाज शान्त, धीर एवं गम्भीर होता है लेकिन कैली सल्फ का चिड़चिड़ा होता है।
पल्सेटिला की अपेक्षा कैली सल्फ क्रिया गहरी एवं स्थाई होती है।
पल्सेटिला से लाभ नहीं होने पर कैली सल्फ के प्रयोग से आश्चर्यजनक लाभ होता है।
केली म्यूर के बाद भी प्रायः कैली सल्फ का ही प्रयोग किया जाता है।
कैली सल्फ एण्टिसोरिक तथा एण्टिट्युबरक्युलर औषधि है।
श्रावण या सावन माह, कन्या राशि, 22 अगस्त से 21 सितम्बर तक की अवधि तथा पेट कैली सल्फ के क्षेत्र में आते हैं।
सम्बंधित होमियोपैथिक दवा : Pulsatila., Acitic Acid., Arsenic Alb., Calcaria carb., Dolicus., Heper Sulphar., Sepia., Rhus tox., Natrum mure., Silicia., Sulphur., Urtica urens.
9. काली म्यूर 6x या 12x : डॉक्टरों का कष्ट। जिह्वा पर सफेद, भूरा या गन्दा लेप। कोलतार सा काला एवं थोड़ा मेन्स तथा दूध सा लिकोरिया ( प्रदरश्राव )। स्थान परिवर्तन करनेवाला ट्यूमर। जिह्वा का ठण्डापन मुख्यतः सायंकाल में। घावों या मुँहासे से सफेद पेस्ट या तार-सा पदार्थ निकलना।
फेरम फॉस के प्रादाहिक रोगों की प्रारंभिक अवस्था में तथा काली म्यूर द्वितीयावस्था में लाभ प्रद होती है।
नेट्रम म्यूर के गुणों से भी काली म्यूर की बहुत समानता है।
कैली म्यूर का अन्य औषधियों के साथ पर्याय क्रम में सेवन उन औषधियों की क्रिया को बढ़ाता है तथा यह सभी धातु का संशोधन करने वाला अर्थात् त्रिदोषनाशक (एण्टिसोरिक, एणसिफलेटिक एवं एण्टसायोकोटिक) होता है।
कैली म्यूर के समान ही कैल्कैरिया फॉस भी गहरी क्रिया करनेवाली और इसके साथ तुलना करने योग्य है।
कैली म्यूर से रोग समाप्त नहीं होने पर कैल्कैरिया सल्फ की आवश्यकता होती है ।
नेट्रम म्यूर एवं साइलीशिया के साथ केली म्यूर का सम सम्बन्ध है। गनोरिया में नेट्रम म्यूर से तुलना होती है।
कैली म्यूर का फेरम फॉस के बाद तथा कैल्कैरिया सल्फ के पहले प्रयोग होता है।
सिफलिस में कैली म्यूर के बाद कैली सल्फ तथा साइलीशिया का व्यवहार किया जाता है।
प्रदाहादि रोगों की द्वितीयावस्था में कैली म्यूर के समान ही ब्रायोनियाँ (कैली म्यूर से गहरी क्रिया करनेवाली), मर्क, पल्सेटिला, सल्फर आदि का प्रयोग किया जाता है।
कैली म्यूर ( Kali Mere ) का पूरा नाम कैली म्यूरेटिकम तथा सामान्य नाम क्लोराइड ऑफ पोटाश है। इसे पोटैशियम क्लोराइड भी कहा जाता है।
बैशाख माह, मिथुन राशि, 20 मई से 21 जून के मध्य की अवधि तथा श्वसन यन्त्र एवं लसीका तन्त्र कैली म्यूर के क्षेत्र में आते हैं।
सम्बंधित होमियोपैथिक दवा : Bryonia alba., Merc sol., Apis Mel., Thuja., Spongia., Iodium., Puls., Rhus-Tox., Sulphur., Phytolacca., Senguneria., Stilingia., Pinus., Ailenthus., Cimicifuga (Actia- recemosa), Berberis valgeris.
10. कैल्कैरिया सल्फ 6x : तलवे की खुजली एवं घाव। रक्तमिश्रित पूयस्त्राव। मुँह का स्वाद मीठा या बेमजा।
डॉ० शुश्लर ने कैल्कैरिया सल्फ के स्थान पर नेट्रम फॉस तथा साइलीशिया के प्रयोग की सलाह दी है।
कैल्कैरिया सल्फ की काली खाँसी, आमाशय, चर्मरोग और गल-गण्ड की सूजन में केली म्यूर से तुलना;
प्रदाह की तृतीयावस्था में केली सल्फ एवं साइलीशिया से तुलना;
आरक्त ज्वर में नेट्रम सल्फ से तुलना;
स्नायु शू्ल में मैग फॉस एवं केली फॉस से तुलना;
कार्निया के घाव या पीब मय ग्रन्थि, मसूड़ों के फोड़े, स्तनों के प्रदाह तथा टांसिल प्रदाह में साइलीशिया से तुलना करें।
हिपर सल्फर की अपेक्षा कैल्कैरिया सल्फ की क्रिया गहरी, दीर्घ स्थायी तथा प्रभावी होती है।
कैल्कैरिया सल्फ की पीब में कैलेण्डुला से तुलना होती है।
प्रदाह में कैली म्यूर के बाद कैल्कैरिया सल्फ का प्रयोग किया जाता है।
प्रदाहादि में सल्फर के बाद या उसके कार्य समाप्त होने पर कैल्कैरिया सल्फ का प्रयोग होता है।
सुनिर्वाचित औषधियों से लाभ नहीं होने पर सल्फर और सोरिनम के समान कैल्कैरिया सल्फ का प्रयोग होता है।
आश्विन मास, वृश्चिक राशि, 22 अक्टूबर से 21 नवम्बर तक की अवधि तथा कूल्हा कैल्कैरिया सल्फ के क्षेत्र हैं।
कैल्कैरिया सल्फ (Calc sulph) का पूरा नाम कैल्कैरिया सल्फ्यूरिकम है। इसका सामान्य नाम जिप्सम या प्लास्टर ऑफ पेरिस है। इसे कैल्शियम सल्फेट भी कहते हैं।
सम्बंधित होमियोपैथिक दवा : Heper Sulphar., Apocynam., Calandula., Pyroginum., Anthraxinum., Sulphur., Tuberculinum.
11. कैल्कैरिया फ्लोर 12 x : गरीबी का भय या अत्यधिक कंजूस। कड़ा और / या नीला चमड़ा या घाव का किनारा। दाँतों का हिलना। हड्डी पर का घाव या ट्यूमर। उजला मोतियाबिंद।
रस टॉक्स के असफल होने पर कैल्कैरिया फ्लोर से लाभ होता है।
कैल्कैरिया फ्लोर पीब होने पर साइलीशिया के बाद तथा सन्धिवात में कैल्कैरिया और ब्रायोनिया के बाद प्रयोग में लाया जाता है।
रक्ताल्पता में कैल्कैरिया फॉस के साथ पर्याय क्रम में इसका उपयोग होता है।
हड्डी में पीब उत्पन्न होने पर कैल्कैरिया फॉस तथा साइलीशिया के साथ कैल्कैरिया फ्लोर की तुलना की जा सकती है।
कैल्कैरिया कार्ब में भी कैल्कैरिया फ्लोर के अनेक मानसिक लक्षण दिखाई देते हैं।
फाइब्रॉइड के कड़ेपन में कैल्कैरिया आयोड तथा कैली आयोड के साथ कैल्कैरिया फ्लोर की तुलना की जा सकती है।
कठिन शोथ एवं गूमड़ में बैरायटा आयोड तथा कैल्कैरिया आयोड के साथ कैल्कैरिया फ्लोर की तुलना की जा सकती है।
श्वास नली के दुर्गन्धित श्राव में आरम एवं कैली बाइक्रोमेकम के साथ कैल्कैरिया फ्लोर की तुलना की जा सकती है।
कैल्कैरिया फ्लोर (Calc Fluor) का पूरा नाम कैल्कैरिया फ्लूरिका तथा सामान्य नाम फ्ल्युराइड ऑफ लाईम है। इसे कैल्शियम फ्ल्युराइड या कैल्कैरिया फ्ल्युरेटा भी कहा जाता है।
ज्येष्ठ माह, कर्क राशि, 22 जून से 21 जुलाई तक की अवधि तथा आमाशयिक स्नायु तंत्र एवं छाती कैल्कैरिया फ्लोर के क्षेत्र में आते हैं।
सम्बंधित होमियोपैथिक दवा : Rhus tox., Shyphilinum., Calcaria Phos., Kali Mure., Natrum Mure., Acid Phos., Silicia.
12. साइलीशिया 12x : ठण्डा पेयजल एवं भोजन, लेकिन गर्म ओढ़ना पसन्द (बालू अर्थात् ऊपर से गरम लेकिन भीतर ठण्डी प्रकृति)। अमावस्या और / या पूर्णिमा के आसपास के नये चाँद का या एकादशी के आसपास कष्ट वृद्धि। पैरों का पसीना दबने से कष्ट। घावों में ठण्डापन महसूस करना। मिर्गी या किसी अन्य कष्ट में रात्रि 2 बजे के बाद से कष्ट का बढ़ना।
सोरायसिस में मैग फॉस के साथ पर्याय क्रम में साइलीशिया का मरहम उपयोगी होता है।
पत्थर खोदने वालों की बीमारियों में साइलीशिया अत्यंत हितकर है।
साइलीशिया का प्रयोग कैल्कैरिया फॉस एवं कैली म्यूर के बाद किया जाता है।
स्थानानुसार स्फोटक या फोड़ा में फेरम फॉस के साथ पर्याय क्रम में साइलीशिया का प्रयोग किया जाता है।
साइलीशिया के पीब में दुर्गन्ध रहती है, लेकिन नेट्रम सल्फ में वैसी नहीं रहती है।
साइलीशिया की पीब को उत्पन्न कर तथा उसे पकाकर पूरी तैयारी की स्थिति में ला देता है, लेकिन कैल्कैरिया सल्फ इसके अलावा पीब को दूर कर आरोग्य करता है। अतः दोनों औषधियों की आपस में तुलना की जा सकती है।
कैल्कैरिया सल्फ का प्रयोग साइलीशिया के बाद ही करना चाहिए।
अश्रु प्रवाही ग्रन्थि की नली के सम्बन्ध में साइलीशिया की तुलना नेट्रम म्यूर के साथ की जा सकती है।
पल्सेटिला की पुरानी अवस्था में साइलीशिया की आवश्यकता होती है।
थूजा, पल्सेटिला, सैनिक्युला एवं फ्लोरिक एसिड ये सब साइलीशिया की परिपूरक औषधियाँ हैं।
हड्डी की बीमारी में साइलीशिया की मर्क से तुलना की जा सकती है। परन्तु मर्क के बाद साइलीशिया का प्रयोग खतरनाक है।
सिर दर्द में स्पाइजेलिया, सैंगुनेरिया तथा जेल्सीमियम के साथ साइलीशिया की तुलना की जा सकती है।
छिलौरी (Whitlow) तथा नाखून का कोना बढ़ने में साइलीशिया के निष्फल हो जाने पर प्रायः ग्रेफाइटिस लाभ दायक सिद्ध होता है।
टीके के दुष्परिणाम की अवस्था में साइलीशिया की तरह ही सामान्यतः साइलीशिया, थूजा, कैली म्यूर, सल्फर तथा मैलेण्ड्रिनम का व्यवहार किया जाता है।
पल्सेटिला तथा पिकरिक एसिड के लक्षणों से भी साइलीशिया की समता पर विचार करना चाहिए।
पल्सेटिला और कैल्कैरिया के बाद साइलीशिया का प्रयोग सफलता पूर्वक किया जाता है।
साइलीशिया का मर्क दोषघ्न (Anti-dote) है।
साइलीशिया एण्टि-सोरिक, एण्टि-सिफलेटिक तथा एण्टि-सायोकेटिक औषधि है।
साइलीशिया (Silica) को सिलिका या बालू भी कहते हैं।
कार्तिक मास, धनु राशि, 22 नवम्बर से 21 दिसम्बर तक की अवधि तथा जंघा साइलीशिया के क्षेत्र में आते हैं।
सम्बंधित होमियोपैथिक दवा : Spig., Paris., Cocculus ind., Petrolium., Graphitis., Psora., Floric Acid., Picric Acid., Hypericim., Ruta G., Merc. Sol.
नोट : 1. इस लेख में किसी भी बायोकेमिक औषधि के लक्षणों में से किन्हीं एक लक्षण का रोगी के लक्षणों से पूर्णतया साम्य हो जाने से उन औषधियों का उपयोग करने से रोगी मनो-शारीरिक दोनों तरह से शीघ्रातिशीघ्र लाभ प्राप्त करेंगे अथवा होमियोपैथिक सिद्धांत के अनुसार निर्दोष आरोग्य के पथ पर अग्रसर होगें और उनके द्वारा प्रसन्नता का अनुभव होना रोग नाश का सूचक होगा। निर्वाचित बायोकेमिक औषधियों को खूब गर्म जल के साथ ही सेवन करें।
2. कोई एक बायोकेमिक औषधि यदि किसी अन्य या दूसरी औषधि का विरोधी हो तो उनका एक साथ या पहली औषधि के प्रभाव को निरस्त किये बिना दूसरी दवाओं का उपयोग नहीं करें।
3. विद्वान चिकित्सकों द्वारा दिये गये निर्देश के विरुद्ध चल कर औषधि का चुनाव या उपयोग नहीं करें साथ ही औषधि की मात्रा, अनुपान एवं सहपान के सम्बन्ध में डॉक्टर शुस्लर या अन्य विद्वान् चिकित्सकों के मतों का अनुशरण करें। नीम हकीम नहीं बनें।
4. सरलता, पवित्रता, मानवता, रचनात्मकता, सकारात्मकता, परोपकारिता, आत्मोन्नति, सेवा, सहयोग, सदभाव, समरसता, प्रसन्नता, अहंकार शून्यता, मध्यम मार्ग, बड़ों के प्रति आदर, बच्चों के प्रति वात्सल्य, हम उम्रों के प्रति प्रेम, ईश्वर में विश्वास एवं जियो और जीने दो के सिद्धांत को जीवन और चिन्तन में स्थान दें।
5. मेरी इस रचना में कोई छेड़छाड़ नहीं करें। अपनी आन्तरिक क्षमता को उन्नत करें और उनका सदुपयोग करें।
6. चिकित्सा एवं अन्य परामर्श हेतु कृपया अगली सूचना तक सम्पर्क नहीं करें। (कम से कम एक माह तक अस्वस्थता तथा विशेष व्यस्तता के कारण चिकित्सा एवं अन्य परामर्श हेतु समय देना संभव नहीं है।)
7. मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति से यदि कोई भूल हुई हो माँफ करने की कृपा करेंगे।
डॉ० प्रो० अवधेश कुमार शैलज, पचम्बा, बेगूसराय।
Wednesday, March 4 Comparative Study of Biochemical and Homeopathic Medicines: -
Memorable formulas for homeopathic and biochemical therapists: -
1. Ferrum Phos 6x: All types of fever, but use of other drugs is also appropriate as required. Dry cough. TB, pneumonia, dyspnea. Trouble taking confidence. Decreased urination and kidney pain. Loss of appetite. Diarrhea with abdominal pain. Frontal headaches. Pain in the eyeball mainly right eye and left shoulder. Heart disease and right hand pain. Cool choice In the case of insomnia, do not take it at night, take it during the day. Applying powder in the condition of Ferrum phos blood secretion and eating with warm water provides relief. Removes every wound with black phos and inflammation with calcareous phos. Red and hot bleeding. Right palm warm. Trouble or pain at the beginning of sex. Severe itching and burning or heat of the vagina. Hemorrhage
Comparison of Ferrum Phos in Chlorosis with Calcarea Phos;
Comparison with Netrum Phos in Headache;
Comparison of netrum sulf in polyuria or diuretic or diuresis;
Comparison of calcarea sulfa in the thigh joint inflammation;
One should compare with Belladonna in Pradah but with Aconite at the beginning of Pradah.
It is known that neither aconite restlessness nor gelcium like slowness and solidity are present in Ferrum foss. It is a medicine between the two.
Ferrum phos is compared to arnica and hepar sulfur in regional diseases and phosphorus in respiratory diseases.
Natrum phos in headache, netrum sulf in polyuria, calcaria floor in babasir, calcaria phos in anemia and cali mur in diseases like diphtheria and inflammatory diseases are used after or along with ferrum phos.
Ferrum phos is an antipsoric and antitubercular drug.
The full name of Ferrum Phos is Ferrum Phosphoricum and the common name is Iron Phosphate or Phosphate of Iron.
Being born in the Sun of Magh month and Pisces sign lacks legs and blood. (Sion Sion Sun from 20 February to 20 March)
2. Kali phos 6x: meningitis. To forget. Fear. Relax with food. Pain of the right canister that goes to the left. Consistency likes Trouble with voice. Pulsation. Throttle Dream beauty. Insomnia. Wag. Epilepsy. Dream of flying, falling, fire, mountain, ghost ghost. Deodorant-like diarrhea of rice without deodorant. Slow motion likes. Tone. Removes paralysis and insanity. Worries or fears of the future. Black stains or black bleeding on the leather. Bleeding from urethra. Black wound. Dhow-like deodorant of chopped fish: Shrave. Raja: Poor libido after discharge. Orange colored vagina and licorice or leprosy. Gender Stressless. Sudden urination velocity and difficult to stop. Paralysis of the urinary tract or penis and mouth. Elderly urination at bedtime. Kali phos 3x in asthma and low blood pressure and 12x in high blood pressure is more suitable medicine. Sweet less likes. Homeopathic use of Kali phos in 30 potency is particularly beneficial in the condition of the brain moving.
Kali phos is found to have a special connection with Mag phos, Natrum Mur, Ferrum phos and Kali Mur.
Mag phos is used in case of painful pains and urinary pains in urinary place and kali phos in case of exacerbation of paralytic symptoms.
Kali phos is used in synonymous order with Natrum Mur in murmurous babble and blood pressure.
In high babble, kali phos is used with ferrum phos and in sutica fever with kelly muur.
Many types of pain require the use of kali phos with calcarea phos.
Significant similarity is found in the symptoms of kali phos with Phosphorus, Phytolacca and Ras Tox. Manic symptoms include Pulsatilla, Kidney Symptoms with Mag Phos and Neurological Symptoms with coffia, Chamomilla, Ignacia and Hyosciamus. Can be compared.
Kali phos is compared with Psilia in vascular or nervous system diseases.
Headache during menstrual periods with Gelsemium, Pulsatilla and Simicifuga (Actia racemsa); with Ignasia and Kafia to reduce or relax the stimulation of nerves; In neurological diseases, phosphorus is compared with phosphorus with phosphorus and signs of changes within the blood.
Kali phos is an antipsoric and anti-tubercular medicine.
Kali phos is also known as kelly phos or kali phos. Its common name is Phosphate of Potash. It is also called Potassium Phosphate. It is also known as Calcium Phosphoricum.
Aries, Sion Sun from March 21 to April 19, Phalgun month and Kali phos are useful when head area is affected.
3. Calcaria phos 6x: Fever or post-operative weakness. Sour choice Squall Relaxation from lying down. Crooked, broken or weak bone. Tooth in the teeth Morning and egg white water-like licorice. Raja: Poor libido before Shrava. Suffering from change of weather. No cap on head. Fried or dry meat and bread likes. The taste of the mouth faded. Deodorant repository with voice. Burning of the gorge. Difficult to swallow spit. Chaotic The milk item is fine, but the milk is not digested mainly at night. Lying on the stomach and preferring rest. Special concern of family and family members. In case of constipation and frequent use of old age, intake of Calcaria phos 12x is appropriate. Calcaria phos is not taken with netrum phos. It is suitable to use as an intermediate drug with drugs with which Calcaria phos is associated. Calcaria phos is a supplement to mag phos.
Comparison of Calcarea phos with Kali phos and Natrum phos in Bahumutra;
From Ferrum phos in Arsh or Babasir;
Barberis (also calcaria phos after surgery) in the fissure or fistula, and in the disease of the calcaria fluor and silicia;
From Ferrum Phos and Psilia, when the prefix is in synonyms with the abscess;
From the calcaria fluor in black cough;
From Natrum phos in Worm;
From Kali Mur in Lupus;
Natrum Mur in blood inferiority, knee pain (especially for housewives) and student headaches;
In tooth erosion from Mag phos and silicia;
From floric acid in a tooth wound;
Tuberculinum and Silicia in Tuberculosis;
Cilicia on infant weakness and oily sweat;
China with water accumulation and anemia in the brain;
From sorinum in the late stage of typhoid sweating;
From Ferrum phos, Kali Mur, Kali phos and Psilia in epilepsy;
From barita carb in children's diseases and old age, and from symphytum in old age;
In diseases of white, obese, over-sweaty, cold, and moist-footed children, select the medicine by comparing it with calcarea carb.
Calcaria phos is anti-soric, anti-psychotic and anti-tubercular medicine.
It is a supplementary drug of Carboamnalis, Hepar Sulfur and Ruta.
The common name of Calcaria Phos is Phosphate of Lime. It is also called Calcaria phosphorica and calcium phosphate.
Capricorn, the path top or the month of Aghan, the time between December 22 to January 20 and the bone and knee portions fall in the area of Calcarea phos.
4. Magnesia phos 6x: Sweet, hot and bake preferences. Jaw numbness. Right shoulder and left eye pain.
View multiple images of an object. Bread looks green after delivery. Mumble automatically. Intoxication Itchy eyes and tears.
Experience of heat in the spine. Tremor of the body or hand tremor of the authors Mens or Raja: Poor pain revolving around the navel before the secretion, which gradually occurs when the secretion occurs.
In Mag phos, pain or pain increases with little pressure or pain, but decreases with high pressure, but in calcarea phos, pressure increases in every situation.
Due to the lack of Mag phos in the body due to the similarity of the action of Mag phos and calcaria phos, nature compensates for the absence of maggos by taking a fraction of the calcaria phos, which is why all the symptoms are overcome by the use of Mag phos.
Lack of Mag Phos causes the muscles of the pustule to shrink, which nature makes gas in the stomach to prevent, due to the tension in the pustule, which causes pain in the stomach, which is overcome with the use of Mag Phos.
Mag phos has an inverse relationship with Ferrum Fos, because Ferrum phos is cold but Mag phos like heat. All fibers are compressed due to disturbance of the atom activity to the ferrum phos, but all the molecules are contracted by the disturbance of the atom activity of the Mag phos. Therefore, Mag phos is beneficial in diseases arising due to stretch, stiffness and neurological causes.
Mag phos is very beneficial in heart disease along with gas in the left part of stomach. In abdominal pain, the patient is forced to walk, which provides relief.
If there is no benefit from 3x in neck and back diseases, high power is used.
If excessive itching does not benefit from ointment of Mag phos, calcaria phos ointment should be used in a synonymous order.
Calcaria phos is a supplement (completing the remaining work) of Mag phos.
Comparison of Mag phos with calcaria phos in colic pain; In epilepsy with calcaria phos, kali mur and psilia; In headaches, especially in the case of pain extending from the back of the head to the eye, along with Psilicia, while hot use reduces the pain; And similarly udramaya, blisters in lips and cracked lips should be compared to other drugs with Mag phos.
Mag phos is used synonymously with Ferrum phos in inflammatory colitis, Natrum sulph in gall schulp, Natrum phos in acidic schooler, and calcarea phos in bladder schulp.
In neurological symptoms both Mag phos and Kali phos are effective. The symptoms of stiffness in Mag phos are reduced by heat, but Kali phos is beneficial in contrast symptoms.
There is competition from colocynth in colic pain and Mag phos from dyscorrhea in air congestion.
Mag phos is as effective as pulsatilla, cimicifuga, and Viburnum in the seasonal pain and pain of labor, but the pain of Mag phos decreases with hot use, whereas in other drugs, cold.
Mag phos is a competitor of arsenic in neurological pain and both have symptoms of heat loss.
In mucous obstructive pain, Mag phos should be compared to borax.
Mag phos is often used only after Belladonna in the attack. Mag phod has the same effect as Belladonna.
Anti-dote of Mag Foss is Gelsemium and Lachesis.
Mag Phos is anti-psychotic.
The common name of Mag Phos is Phosphate of Magnesia and another name is Magnesium Phosphoricum.
Ashadh month, Leo zodiac, from 22 July to 2 August 21, and the Institute of Heart and Consciousness fall in the area of Magnesia phos.
In normal or acute relapsing pain, Mag Phos should be compared with kali Sulph, while kali Sulph patient suffers from cold and it is necessary to keep this difference in mind.
Mag Phos is a particularly useful medicine for thin-skinned, old-fashioned, extremely nervous and light-colored humans.
Mag phos is the best medicine to prevent stiffness in all types of tides.
Use Magnesia phos 3x in heart pain with kali phos 6x and / or ferrum phos 6x or interchangeably as needed. Waking up after dinner, mainly at 7 o'clock in the night.
5. Natrum Phos 6x: Frothy urination, tremor and blood discharge or other discharge. Tingling while reading. Snoring in sleep Cold bile or common urticaria throughout the body. Sour burp. A yellow cream-like tongue with tooth-stain in the edges. In the case of typhoid or bloodborne, in blood sugar or diabetes, change the symptoms with black phos. Female men impotence, dreaming, watery semen, dream of dead or snake, fear or fear of presence of a person by sound.
Natrum phos is the main drug of diabetes or polyuria called blood sugar.
In jaundice, Natrum phos 1x is more beneficial.
In worm disease, liquid of Natrum phos 6x is injected into the anus by atomizer.
Calcarea phos is compared with Natrum phos in the stomach or diarrhea of infants on the basis of acid and deodorant.
After Venus decay, the weakness of both the back and the knee should be compared with Natrum phos with Netrum Mur.
Silicia should be treated with Natrum phos in cough after drinking water.
Natrum phos should be compared with Calcarea carb and Rumex in the infant's stool.
Natrum phos should be compared with Urtica urines, Dolikos and sulphur when itching all over the body.
Natrum phos is compared with Colchicum, Benzoin, and Lycopodium in acidity-rheumatic gout.
Both Sepia and Apis Male are anti-dote drugs of Natrum phos.
Natrum phos is an antipsychotic medicine.
The full name of Natrum Phos is Natrum Phosphoricum and the generic name Phosphate of Soda. Its other name is sodium phosphate.
Bhadrapada month, Libra zodiac, the time between 22 September to 21 October and the Urinary Institute and reproduction machine fall in the area of Natrum phos.
Natrum Mure 6x: Salt, Chilli and Chawal likes. Bread Dislike Willingness to suffer the suffering of another. Guilt such as lying or stealing or stealing. Dream of thieves and find him when awakened. Sleepy but not awake soon after awakening from sleep. Pains increase from 9 am to 3 pm mainly on sunlight. Water-filled blisters. It is not possible to urinate in front of people. Dandruff in the head and back headache. Suffering from consolation. Willing suicide by jumping from window or roof. Weep bitterly. Burning and pain in urination. Hair experience and bubbles in the middle of the tongue. Dripping or flowing saliva. Even after eating plenty of leanness above the waist. Like to be hungry Rounded ringworm on joints. First genital hair ripen and fall. Vagina brown or light white. Vaginal dryness. Urination due to sneezing. (Use of this medicine is prohibited during headache and fever.)
In the first place of insect bite, after using ferrum phos and kali phos, irritation etc. is removed, all the prefixes are removed with the use of natrum mur.
Natrum Mur is compared to leadam in insect bite.
On the bite of a scorpion, putting a drop of 1: 100 solution of Natrum Mure in the eye is beneficial.
Use of Calcaria phos and Ferrum phos in a synonymous order with Natrum mur proves beneficial for young women who have headaches during monthly hearing.
Natrum Mur has a special resemblance to Calcaria phos in the seasonal headaches of young women.
When excessive bleeding occurs during the seasonal period, Natrum Mure should be compared with Kali Sulph.
In the event of exudation in the euesthesian tube and ear canal, Natrum Muer is compared with Kali Mur and Kali Sulph.
Symptoms of indigestion with chitonopathy (haiocandria) require comparison of Natrum Mur with Natrum sulph but constipation is found in Natrum Mur and moderate in Natrum sulph.
The hair in the middle of the tongue is experienced in Natrum Mur, but in the next part in Silicia.
Both Kali phos and Netrum Muer are used in synonymous order in a state of babble with murmur.
Natrum phos and netrum sulph should be compared with natrum mur when mouth watering, because clean and tasteless water in netrum muur, acidic, burning factor and deodorant water in natrum phos and acid (pungency) in natrum sulph, deodorant and sufficient Every mucous-rich water comes in quantity.
Apis mell and argenticum nitricum are both complementary drugs of Natrum Mure.
In the case of chronic disease after natrum mur, the use of sepia and sulphur is required.
Phosphorus is also required in the side effect of eating too much salt, just like Natrum Mur.
Arsenic is also used in the adverse effects of sea-bath, similar to Natrum Mur.
In the dryness of the mucous membrane, the natrum mur should be compared with the alumina and bryonium.
Natrum Mur is compared with Calcaria phos and Ferrum phos in the headaches of young women at the time of seasonal hearing.
Arsenic and phosphorus are anti-dote of Natrum mur.
Natrum mur is an antipsoric, antipsychotic and antipsychotic drug.
Natrum Mure is a common salt. This is called sodium chloride or natrum muraticum.
Paush or Pus month, Aquarius sign, period from January 21 to February 19 and till the ankles are covered in the area of the nerves and the spindle fibers.
7. Natrum Sulph: Increased pain by eating fish or anything produced in water. Trouble with any side lying mainly on the left side. Headache or blood cancer effects due to new or old injury to the back of the head or anywhere (mainly without bleeding in which the use of Arnica M is also potentiated). suicidal tendencies. Taste of mouth 3x in blood cancer, 200 potency in chronic injury or homeopathic use is appropriate. The patient may die from taking this medicine in case of bleeding. Therefore, do not take in case of bleeding.
Natrum Sulph in Grit, Neck and Brain diseases in the Sun of Chaitra month or Taurus (April 20 to May 19).
Natrum sulfate is a prohibitory drug for smallpox cholera and malaria, and after knowing about the spread of infection, even a single dose of the disease is easily cured in the morning and protects the patient. In cholera, it is beneficial to take natrum sulph 3x once in the morning, it can also be taken twice.
Use of natrum mur is useful in dermatitis followed by natrum sulph.
Natrum sulph is compared with psilia in asthma.
Thuja is a supplementary drug of Natrum sulf in the treatment of metallic psychotic disease and there is a similarity in the growth and growth of both these drugs.
In psychotic disease, arsenic is used as a treatment for a new disease and natrum sulph is its (arsenic) supplement.
Many symptoms of natrum mur and sulfur are also found in natrum sulf.
In cough, netrum sulf is compared to bryonians, but in the last stage when the chest is not pressed during the coughing as if there is a feeling of bursting out, both are used.
Natrum sulf is compared with graphitis in chronic eye problems.
Natrum sulph is an anti-soric, anti-syphilic and anti-psychotic drug.
Natrum sulph has the full name Natrum sulfuricum and the common name is sulfate of soda or Glubers salt. It is also called sodium sulfate.
Chaitra month, Taurus, period between April 20 and May 21, neck, gorge and brain netrum fall in the area of Nat sulph.
8. Kali Sulph 6x: Itching or other pains increase from evening to midnight and mainly in the room and in the summer.
Kali sulph is consumed with Natrum mur in cataract and impureness of the pupil of the eye. Kali sulph is used in the third ternary of the winter and with ferrum phos in the first stage.
6x should be used in new fever and 12x in old fever.
Kali sulf completes the residual (discarded) function of 6x and 12x kali mur.
In the chronic state of the disease, high potency of kali sulf is treated.
The ointment of kali sulf 2x is used in dried dermatitis.
In Fever and Territorial diseases, giving the kali Sulph in synonymous order with Ferrum Phos, this drug has good action.
Kali sulph is followed by good action in Mag phos.
Kali sulph should be compared with Silicia when itching and skin color is red.
Kali sulf should be compared with kali Mur and Natrum Mur in cold and respiratory diseases. Comparison of kali Sulph with Natrum Mur is necessary in case of constipation, heavy thunder in the chest, and pain or soreness of the stomach.
Many symptoms of Pulsatilla have a similarity to kali Sulph, so it is a medicine near it. There is no difference in the secretion and respiration of pulsatilla and cali sulph, but there is a great difference in the mental state of both.
Pulsatilla's mood is calm, cold, and severe, but kali sulph is irritable.
Kali sulphate activity is deeper and more permanent than pulsatilla.
There is a surprising benefit from the use of kali sulph if there is no benefit from Pulsatilla.
Cali sulph is often used even after kelly muur.
Kali sulf is an antipsoric and antitubercular medicine.
The month of Shravan or Sawan, Virgo, the period from August 22 to September 21, and stomach fall in the area of Cali Sulph.
9. Kali Mure 6x or 12x: The pain of doctors. White, brown or messy coating on the tongue. Bitumen like black and little mens and milk like licorice (leprosy). Relocatable tumors. Glossitis is mainly in the evening. A white paste or wirey substance coming out of wounds or acne.
Ferrum phos provides benefits in early stage of diseases and in kali mur twilight.
Kali Mur also has a lot in common with the qualities of Natrum Mur.
Consumption of kali mur with other drugs increases the action of those drugs and is an all metal modifier ie antidysoric, antipsychotic and antipsychotic.
Calcarea phos, like kali Mure, is also deep actionable and comparable to it.
Calcarea sulph is needed when the disease is not eliminated by kali mur.
Kali Mur has connections with Natrum Muir and silicia. In Ganoria there is a comparison with Natrum Mur.
Kali Mure is used after Ferrum phos and before Calcarea Sulph.
In syphilis, kali mur is followed by kali sulph and silicia.
In the second stage of Pradahadi diseases, Bryonians (deep action from kali Mur), merc, pulsatilla, sulfur etc. are used in the same way as Cali Mur.
The full name of Kali Mur is kali Muraticum and the common name is Chloride of Potash. It is also called potassium chloride.
The month of Baishakh, Gemini, the period between May 20 to June 21 and the respiratory tract and lymphatic system fall in the area of Cali Mu.
10. Calcarea Sulf 6x: Sole itching and wounds. Bloodshed sacrilege. The taste of the mouth is sweet or tasteless.
Dr. Shushler has suggested the use of Natrum Phos and silicia in place of Calcarea Sulph.
Comparison of Calcarea sulph with kali mur in black cough, gastric, dermatitis, and inflammation of gonads;
Comparison of Kali sulph and silicia in the perennial stage of inflammation;
Comparison of Natrum sulph in blood fevers;
Comparison of Mag Phos and Kali Phos in Muscle Shoe;
Compare with Silicia in corneal wounds or exudate glands, gingival abscesses, mastitis and tonsillitis.
Calcaria sulph has a deeper, longer lasting and effective effect than hepar sulphur.
Calcarea sulph is compared to the calendula in the exudate.
Calcarea sulph is used after kali mur in inflammation.
Calcarea sulph is used after or after sulphur in Pradaadi.
If there is no benefit from well-prescribed medicines, Calcarea sulph is used like sulphur and Psorinum.
Ashwin month, Scorpio zodiac, period from 22 October to 21 November and the regions of hip calcaria sulfa.
Calcaria sulph is the full name of Calcarea sulfuricum. Its common name is Gypsum or Plaster of Paris. It is also called calcium sulfate.
11. Calcarea Fluor 12 x: Fear of poverty or excessive stinging. Hard and / or blue leather or wound edge. Teeth move Bone lesion or tumor. Bright cataract.
Calcarea fluor benefits from Rhus Tox.
Calcaria is used after floor exudate followed by Silicia and in the evening after Calcaria and Bryonia.
In anemia, it is used in a synonym with calcaria phos.
Calcaria fluor can be compared with calcaria phos and Silicia when bone exudate is produced.
Calcaria carb also has many mental symptoms of calcaria fluor.
Calcaria iod can be compared with calcaria iod and cali iod in the stiffness of fibroid.
Calcaria fluor can be compared with barita iod and calcarea iod in hard edema and goat.
Deodorant secretion of the respiratory tract can be compared with calcarea fluor with aram and cali bicromechum.
The full name of Calc Fluor is Calcaria fluorica and the common name is Fluoride of Lime. It is also called Calcium Fluoride or Calcarea Flurata.
The first month, Cancer zodiac, the period from 22 June to 21 July and the stomach nervous system and chest fall in the area of the calcaria fluor.
12. Silicia 12x: Cold drinking water and food, but like hot muffles (sand means warm from above but cold nature inside). New moon around Amavasya and / or Poornima or increase in suffering around Ekadashi. Trouble with feet sweat. Feeling of cold in wounds. Increase in epilepsy or any other pain after 2 pm.
Psoriasis ointment is useful in psoriasis in synonyms with Mag phos.
Silicia is very beneficial in stone carvers' diseases.
Silicia is used after Calcarea phos and kali mur.
Silicia is used in synonymous order with ferrum phos in placenta or abscess.
The exudate of Silicia contains foul smell but does not remain the same in natrum sulph.
By producing and cooking the exudate of Silicia, it brings it to the state of complete preparation, but Calcaria sulph also heals by removing the exudate and hence the two drugs can be compared among themselves.
Calcarea sulph should be used only after psilia.
In relation to the lacrimal flow gland, Silicia can be compared with Natrum Mur.
Pulsatilla requires silicia in its chronic state.
Thuja, pulsatilla, senicula and fluoric acid are all complementary medicines of Silicia.
In bone disease, Silicia can be compared to Merc. But the use of Silicia after Merc is dangerous.
Silicia can be compared with spigelia, sangunaria and gelcium in headache.
Graphitis often proves beneficial when Silicea is sterilized in the growth of chilli and whitening corner.
In the case of vaccine side effects, like Silicia, Silicia, Thuja, kali mur, sulphur and melandrinum are commonly treated.
Symptoms of Pulsitilla and picric acid should also be considered.
After Pulsatilla and Calcaria, Silicia is used successfully.
The Merc of Silicia is anti-dote.
Silicia is an anti-soric, anti-syphilic and anti-psychotic drug.
Silica is also known as silica or sand.
Kartik month, Sagittarius, period from November 22 to December 21 and thighs fall in the region of Silicia.
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Note: 1. In this article, if any one of the symptoms of any biochemic drug is completely equated with the symptoms of the patient, then by using those drugs, the patient will get both psycho-physiological benefits as soon as possible or according to the homeopathic principle. The innocent will move on the path of health and the feeling of happiness through them will be an indicator of disease destruction. Take elected biochemical medicines with plenty of hot water only.
2. If any one biochemic medicine is antagonistic to any other or other medicine, do not use other medicines simultaneously or without canceling the effect of the first drug.
3. Do not choose or use the medicine in accordance with the instructions given by the learned doctors, as well as follow the opinion of the doctor Shusler or other learned doctors regarding the quantity, intake and coagulation of the medicine. Do not become quacks.
4. Simplicity, purity, humanity, creativity, positivity, altruism, self-promotion, service, cooperation, harmony, harmony, happiness, ego emptiness, middle way, respect for elders, respect for children, love for ages, God Place the principle of faith and live and let live in life and thinking.
5. Do not tamper with this creation of mine. Improve your internal capacity and make good use of them.
6. Please do not contact for further information for medical and other consultation. (Due to illness and special busyness for at least one month, it is not possible to give time for medical and other counseling.)
7. Will be pleased to apologize to a normal person like me if there is any mistake.
Dr. Prof. Awadhesh Kumar Shailaj, Pachamba, Begusarai.
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