रस टॉक्स (Rhus-Tox) :-
1. कोई भी कष्ट बायीं ओर से दायीं ओर जाता है।
2. स्थिति परिवर्तन के समय कष्ट, लेकिन गति से आराम।
वर्षाकालीन या वर्षा से कष्ट।
3. ठंडा दूध पसन्द।
4. रात्रि 7 बजे से 9 बजे तक बुखार या अन्य कष्ट का बढ़ना।
5. बच्चे या सन्तान की चिन्ता।
6. जिह्वा का अगला तिकोना भाग लाल।
7. टायफाइड बुखार।
8. रात कैसे बीतेगी ? ऐसी चिन्ता का होना।
9. ठंड रहित एवं दर्द सहित बुखार।
10. अधिक बैठे रहने से पल्सेटिला के समान ही रस टॉक्स को पैरों का सूजन हो जाता है।ं
11. सिर के चोट या किसी प्रकार की दुर्घटना के बाद स्मृति हीनता या कोमा की स्थिति को रस टॉक्स दूर करता है।
12. हृदय के वाल्व से सम्बन्धित रोगों को दूर करता है।
13. पानी रस टॉक्स के प्रभाव को कम या समाप्त कर देता है, अतः जल पीने के बाद रस टॉक्स का उपयोग करना चाहिए।
14. रस टॉक्स की एपिस मेल से शत्रुता है, अतः इन दोनों को एक साथ या आगे पीछे उपयोग में नहीं लाना चाहिए, अन्यथा रोगी की मृत्यु संभव है।
(क्रमशः)
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