गुरुवार, 26 अक्तूबर 2023

शैलज मूरख समझे नहीं

शैलज मूरख समझे नहीं, 
 परहित, निजहित बात। 
संगति दोष, भ्रम, मोह वश, 
निशिदिन पावे दु:ख,घात।।

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