गुरुवार, 4 सितंबर 2025

कविता की परिभाषा:-

"कविता या काव्य मानव के अन्त:स्थल में प्रसुप्तावस्था में पुष्पित , पल्लवित एवं विकसित हो रही वह चैतन्यता है, जो अपनी प्राकृतिक एवं स्वाभाविक अभिव्यक्ति हेतु प्राय: भाषा और साहित्य के वैयाकरणिक प्रतिबन्धों तथा अनुशासनिक मानदण्डों को अंगीकार करते हुए भाव प्रवाह की अविरल धारा का आनन्द लेते हुए अन्तः उद्भूत सहज प्रेरणा के स्नेहिल स्पर्श एवं अवचेतनता के स्वप्निल आनन्द के साथ चराचर को संगीतमयता या लयबद्धता में सराबोर करने की मानसिकता के साथ अपनी अचेतनता में व्याप्त अवगुंठन को सुलझाने के प्रयास एवं अपने आप को समाज में प्रतिष्ठापित करने की प्रतिबद्धता के साथ ही अपनी प्राकृतिक रचनात्मकता की स्वाभाविक ,लिपिबद्ध या गेय रचनात्मक अभिव्यक्ति है।"

डॉ० प्रो० अवधेश कुमार 'शैलज', (प्राचार्य सह विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान, मधैपुरा जवाहर ज्योति महाविद्यालय, ममारकपुर, बनवारीपुर, बेगूसराय, कालेज कोड :८४०१४),
पता:- पचम्बा, बेगूसराय (851218). 

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