बुधवार, 23 मार्च 2022

खोये हुए से.....

ख्याल में किसके ? क्या तुम सोचते हो ?
और अपने आप से क्या तुम बोलते हो ?
ढ़ूढ़ते किसको ? किसे पहचानते हो ?
पूछते किसका पता ? क्या जानते हो ?

भीड़ से एकान्त में आकर अकेले,
दीखते हो शान्त, पर क्या झेलते हो ?
किन गमों की भीड़ में खोये हुए हो ?
खोये हुए से क्या पता तू पूछते हो ?

(क्रमशः)

प्रो० अवधेश कुमार शैलज, पचम्बा, बेगूसराय ।


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