Prof. Awadhesh kumar Shailaj (kavi, Homoeopath, Psychologist)
गुरुवार, 26 अक्टूबर 2023
शैलज मूरख समझे नहीं
शैलज मूरख समझे नहीं,
परहित, निजहित बात।
संगति दोष, भ्रम, मोह वश,
निशिदिन पावे दु:ख,घात।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें