न्यायमूर्त्ति या पंच वास्तव में न्याय के मालिक नहीं बल्कि न्यायकर्त्ता होते है, जो किसी भी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, प्राणी, घटना, परिस्थिति या विचार धारा के प्रति निष्पक्ष, समदर्शी, पूर्वाग्रह मुक्त, साक्ष्य आधारित, विधि सम्मत एवं तथ्यात्मक निर्णय लेते हैं या कोई भी अभिमत प्रदान करते हैं।
डॉ० प्रो० अवधेश कुमार ‘शैलज’
(स्नातकोत्तर मनोविज्ञान, विधि छात्र)
S/o स्व० राजेन्द्र प्रसाद सिंह,
निवासी – पचम्बा, बेगूसराय (बिहार), भारत।
A judge or arbitrator is not actually the master of justice, but rather the dispenser of justice, who makes impartial, equitable, unbiased, evidence-based, legal, and factual decisions or offers opinions on any person, object, place,, event, situation, or school of thought.
Dr. Prof. Awadhesh Kumar 'Shailaj'
(Postgraduate Psychology, Law Student)
S/o Late Rajendra Prasad Singh,
Resident – Pachamba, Begusarai (Bihar), India.
न्यायमूर्त्ति या पंच वास्तव में न्याय के मालिक नहीं बल्कि न्यायकर्त्ता होते है, जो किसी भी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, प्राणी, घटना, परिस्थिति या विचार धारा के प्रति निष्पक्ष, समदर्शी, पूर्वाग्रह मुक्त, साक्ष्य आधारित, विधि सम्मत एवं तथ्यात्मक निर्णय लेते हैं या कोई भी अभिमत प्रदान करते हैं।
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