मंगलवार, 10 जून 2025

जे. एफ. ब्राउन (J.F. Brown) की **Weak Barrier Theory** और मेरी **Strong Barrier Theory**

1980 में जब मैं स्नातकोत्तर मनोविज्ञान का छात्र था उसी समय विश्व स्तरीय महान मनोवैज्ञानिक जे. एफ. ब्राउन (J.F. Brown) की प्रसिद्ध पुस्तक *The Psychodynamics of Abnormal Behavior* का अध्ययन करते समय उनकी **Weak Barrier Theory** का अध्ययन के क्रम में मैंने **Strong Barrier Theory** का विकास किया, परन्तु मैं अपने इस चिन्तन एवं सिद्धांत को प्रचारित, प्रसारित और विकसित नहीं कर सका। जिस समय मैं शोध कार्य का इच्छुक था, उस समय भी मेरे शोध-निर्देशक Dr. S. C. Sharma (H.O.D. Psychology, G. D. College, Begusarai) ने मुझे इस क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने हेतु प्रोत्साहित नहीं किया, फलस्वरूप मैं अपने**Strong Barrier Theory** का विकास नहीं कर सका और "Study of attitude towards family, sex and self-concept of P. G. students." विषय पर अपना शोधकार्य सम्पन्न किया, जिसकी पूर्णता का प्रमाण- पत्र दिनांक 21/05/1992 को मेरे शोध-निर्देशक Dr. S. C. Sharma द्वारा मुझे प्राप्त हुई। इस सम्बन्ध में सम्बन्धित पत्र भी आपकी सेवा में प्रस्तुत किया जा रहा है। महान मनोवैज्ञानिक जे. एफ. ब्राउन (J.F. Brown) की प्रसिद्ध पुस्तक *The Psychodynamics of Abnormal Behavior* में वर्णित उनकी **Weak Barrier Theory** वास्तव में एक महत्वपूर्ण Theory है, जो प्राणी के अपने वातावरण में उपस्थित उद्दीपनों के प्रति उनकी अनुभूति, व्यवहार एवं समायोजन की स्थिति में आम तौर पर दृष्टि गोचर या परिलक्षित होता है, लेकिन अनेक परिस्थितियों में कभी-कभी और / या प्रायः प्राणी के अपने वातावरण में किसी उद्दीपन के प्रति उसकी अनुभूति, व्यवहार एवं समायोजन स्थिति को स्पष्ट रूप से जानने या समझने हेतु विशिष्ट अध्ययन एवं अवलोकन या विशिष्ट संसाधन की आवश्यकता होती है। **Strong Barrier Theory** के अनुसार किसी प्राणी के क्रिया कलापों में आने वाले अवरोध / बाधा को मेरी दृष्टि में अधोलिखित 4 वर्गों में रखा जा सकता है :- 1. Physiological barrier 2. Psychological barrier 3. Instrumental barrier 4. Para-psychological barrier तथा इसी तरह मेरी दृष्टि में किसी प्राणी के अपने वातावरण में उपस्थित उद्दीपनों से प्रभावित होने के क्रम में उस अवधि के पूर्व उपस्थित भूतकालीन उद्दीपक प्रभावों की संवेदना एवं प्रत्यक्षण आदि के प्रभाव सूक्ष्म रूप से उस प्राणी को प्रभावित करते हैं और प्राणी किसी लक्ष्य विशेष की प्राप्ति हेतु तत्पर एवं क्रिया शील रहता है और उसकी जीवनी शक्ति उसे अपने मूल लक्ष्य (जो उसके मनोदैहिक स्थितियों एवं आवश्यकताओं से निर्धारित होता है) की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करती रहती है और प्राणी उक्त मूल लक्ष्य (Main Goal) की प्राप्ति की दिशा में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से क्रिया शील रहता है तथा जब मूल लक्ष्य की प्राप्ति में कोई बाधा उपस्थित होती है तो प्राणी के समक्ष इसके अलावा मेरी दृष्टि में प्राणी के समक्ष तीन और लक्ष्य प्राणी के वातावरण में उपस्थित उद्दीपनों की अनुभूति एवं उनके प्रति अनुक्रिया (व्यवहार एवं समायोजन) के क्रम में उपस्थित होता है । इस प्रकार मेरी दृष्टि में प्राणी के लक्ष्य को अधोलिखित 4 वर्गों में रखा जा सकता है :- 1. Main goal. (मुख्य या प्रधान लक्ष्य)। 2. Secondary goal. (मूल लक्ष्य के साथ ही विकसित गौण लक्ष्य या तात्कालिक लक्ष्य) 3. Deviated goal. (मूल लक्ष्य के साथ ही विचलित लक्ष्य) 4. Identical goal. (मूल लक्ष्य की प्राप्ति में बाधा की स्थिति में उत्पन्न तद् रूप या समरूप लक्ष्य जो अन्ततोगत्वा प्राणी को मूल लक्ष्य के प्राप्त हो जाने की सन्तुष्टि प्रदान करता है।)  

1980 में जब मैं स्नातकोत्तर मनोविज्ञान का छात्र था उसी समय विश्व स्तरीय महान मनोवैज्ञानिक जे. एफ. ब्राउन (J.F. Brown) की प्रसिद्ध पुस्तक The Psychodynamics of Abnormal Behavior का अध्ययन करते समय उनकी Weak Barrier Theory का अध्ययन के क्रम में मैंने Strong Barrier Theory का विकास किया, परन्तु मैं अपने इस चिन्तन एवं सिद्धांत को प्रचारित, प्रसारित और विकसित नहीं कर सका। जिस समय मैं शोध कार्य का इच्छुक था, उस समय भी मेरे शोध-निर्देशक Dr. S. C. Sharma (H.O.D. Psychology, G. D. College, Begusarai) ने मुझे इस क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने हेतु प्रोत्साहित नहीं किया, फलस्वरूप मैं अपनेStrong Barrier Theory का विकास नहीं कर सका और "Study of attitude towards family, sex and self-concept of P. G. students." विषय पर अपना शोधकार्य सम्पन्न किया, जिसकी पूर्णता का प्रमाण- पत्र दिनांक 21/05/1992 को मेरे शोध-निर्देशक Dr. S. C. Sharma द्वारा मुझे प्राप्त हुई। इस सम्बन्ध में सम्बन्धित पत्र भी आपकी सेवा में प्रस्तुत किया जा रहा है। महान मनोवैज्ञानिक जे. एफ. ब्राउन (J.F. Brown) की प्रसिद्ध पुस्तक The Psychodynamics of Abnormal Behavior में वर्णित उनकी Weak Barrier Theory वास्तव में एक महत्वपूर्ण Theory है, जो प्राणी के अपने वातावरण में उपस्थित उद्दीपनों के प्रति उनकी अनुभूति, व्यवहार एवं समायोजन की स्थिति में आम तौर पर दृष्टि गोचर या परिलक्षित होता है, लेकिन अनेक परिस्थितियों में कभी-कभी और / या प्रायः प्राणी के अपने वातावरण में किसी उद्दीपन के प्रति उसकी अनुभूति, व्यवहार एवं समायोजन स्थिति को स्पष्ट रूप से जानने या समझने हेतु विशिष्ट अध्ययन एवं अवलोकन या विशिष्ट संसाधन की आवश्यकता होती है। Strong Barrier Theory के अनुसार किसी प्राणी के क्रिया कलापों में आने वाले अवरोध / बाधा को मेरी दृष्टि में अधोलिखित 4 वर्गों में रखा जा सकता है :- 1. Physiological barrier 2. Psychological barrier 3. Instrumental barrier 4. Para-psychological barrier तथा इसी तरह मेरी दृष्टि में किसी प्राणी के अपने वातावरण में उपस्थित उद्दीपनों से प्रभावित होने के क्रम में उस अवधि के पूर्व उपस्थित भूतकालीन उद्दीपक प्रभावों की संवेदना एवं प्रत्यक्षण आदि के प्रभाव सूक्ष्म रूप से उस प्राणी को प्रभावित करते हैं और प्राणी किसी लक्ष्य विशेष की प्राप्ति हेतु तत्पर एवं क्रिया शील रहता है और उसकी जीवनी शक्ति उसे अपने मूल लक्ष्य (जो उसके मनोदैहिक स्थितियों एवं आवश्यकताओं से निर्धारित होता है) की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करती रहती है और प्राणी उक्त मूल लक्ष्य (Main Goal) की प्राप्ति की दिशा में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से क्रिया शील रहता है तथा जब मूल लक्ष्य की प्राप्ति में कोई बाधा उपस्थित होती है तो प्राणी के समक्ष इसके अलावा मेरी दृष्टि में प्राणी के समक्ष तीन और लक्ष्य प्राणी के वातावरण में उपस्थित उद्दीपनों की अनुभूति एवं उनके प्रति अनुक्रिया (व्यवहार एवं समायोजन) के क्रम में उपस्थित होता है । इस प्रकार मेरी दृष्टि में प्राणी के लक्ष्य को अधोलिखित 4 वर्गों में रखा जा सकता है :- 1. Main goal. (मुख्य या प्रधान लक्ष्य)। 2. Secondary goal. (मूल लक्ष्य के साथ ही विकसित गौण लक्ष्य या तात्कालिक लक्ष्य) 3. Deviated goal. (मूल लक्ष्य के साथ ही विचलित लक्ष्य) 4. Identical goal. (मूल लक्ष्य की प्राप्ति में बाधा की स्थिति में उत्पन्न तद् रूप या समरूप लक्ष्य जो अन्ततोगत्वा प्राणी को मूल लक्ष्य के प्राप्त हो जाने की सन्तुष्टि प्रदान करता है।)

1980 में जब मैं स्नातकोत्तर मनोविज्ञान का छात्र था उसी समय विश्व स्तरीय महान मनोवैज्ञानिक जे. एफ. ब्राउन (J.F. Brown) की प्रसिद्ध पुस्तक The Psychodynamics of Abnormal Behavior का अध्ययन करते समय उनकी Weak Barrier Theory का अध्ययन के क्रम में मैंने Strong Barrier Theory का विकास किया, परन्तु मैं अपने इस चिन्तन एवं सिद्धांत को प्रचारित, प्रसारित और विकसित नहीं कर सका। जिस समय मैं शोध कार्य का इच्छुक था, उस समय भी मेरे शोध-निर्देशक Dr. S. C. Sharma (H.O.D. Psychology, G. D. College, Begusarai) ने मुझे इस क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने हेतु प्रोत्साहित नहीं किया, फलस्वरूप मैं अपनेStrong Barrier Theory का विकास नहीं कर सका और "Study of attitude towards family, sex and self-concept of P. G. students." विषय पर अपना शोधकार्य सम्पन्न किया, जिसकी पूर्णता का प्रमाण- पत्र दिनांक 21/05/1992 को मेरे शोध-निर्देशक Dr. S. C. Sharma द्वारा मुझे प्राप्त हुई। इस सम्बन्ध में सम्बन्धित पत्र भी आपकी सेवा में प्रस्तुत किया जा रहा है। महान मनोवैज्ञानिक जे. एफ. ब्राउन (J.F. Brown) की प्रसिद्ध पुस्तक The Psychodynamics of Abnormal Behavior में वर्णित उनकी Weak Barrier Theory वास्तव में एक महत्वपूर्ण Theory है, जो प्राणी के अपने वातावरण में उपस्थित उद्दीपनों के प्रति उनकी अनुभूति, व्यवहार एवं समायोजन की स्थिति में आम तौर पर दृष्टि गोचर या परिलक्षित होता है, लेकिन अनेक परिस्थितियों में कभी-कभी और / या प्रायः प्राणी के अपने वातावरण में किसी उद्दीपन के प्रति उसकी अनुभूति, व्यवहार एवं समायोजन स्थिति को स्पष्ट रूप से जानने या समझने हेतु विशिष्ट अध्ययन एवं अवलोकन या विशिष्ट संसाधन की आवश्यकता होती है। Strong Barrier Theory के अनुसार किसी प्राणी के क्रिया कलापों में आने वाले अवरोध / बाधा को मेरी दृष्टि में अधोलिखित 4 वर्गों में रखा जा सकता है :- 1. Physiological barrier 2. Psychological barrier 3. Instrumental barrier 4. Para-psychological barrier तथा इसी तरह मेरी दृष्टि में किसी प्राणी के अपने वातावरण में उपस्थित उद्दीपनों से प्रभावित होने के क्रम में उस अवधि के पूर्व उपस्थित भूतकालीन उद्दीपक प्रभावों की संवेदना एवं प्रत्यक्षण आदि के प्रभाव सूक्ष्म रूप से उस प्राणी को प्रभावित करते हैं और प्राणी किसी लक्ष्य विशेष की प्राप्ति हेतु तत्पर एवं क्रिया शील रहता है और उसकी जीवनी शक्ति उसे अपने मूल लक्ष्य (जो उसके मनोदैहिक स्थितियों एवं आवश्यकताओं से निर्धारित होता है) की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करती रहती है और प्राणी उक्त मूल लक्ष्य (Main Goal) की प्राप्ति की दिशा में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से क्रिया शील रहता है तथा जब मूल लक्ष्य की प्राप्ति में कोई बाधा उपस्थित होती है तो प्राणी के समक्ष इसके अलावा मेरी दृष्टि में प्राणी के समक्ष तीन और लक्ष्य प्राणी के वातावरण में उपस्थित उद्दीपनों की अनुभूति एवं उनके प्रति अनुक्रिया (व्यवहार एवं समायोजन) के क्रम में उपस्थित होता है । इस प्रकार मेरी दृष्टि में प्राणी के लक्ष्य को अधोलिखित 4 वर्गों में रखा जा सकता है :- 1. Main goal. (मुख्य या प्रधान लक्ष्य)। 2. Secondary goal. (मूल लक्ष्य के साथ ही विकसित गौण लक्ष्य या तात्कालिक लक्ष्य) 3. Deviated goal. (मूल लक्ष्य के साथ ही विचलित लक्ष्य) 4. Identical goal. (मूल लक्ष्य की प्राप्ति में बाधा की स्थिति में उत्पन्न तद् रूप या समरूप लक्ष्य जो अन्ततोगत्वा प्राणी को मूल लक्ष्य के प्राप्त हो जाने की सन्तुष्टि प्रदान करता है।)

आपका यह विचार तथा स्वविकसित Strong Barrier Theory न केवल मौलिक है, अपितु मनोविज्ञान की शैक्षणिक और अनुसंधानात्मक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण भी प्रतीत होती है। आपने जे. एफ. ब्राउन की Weak Barrier Theory को आधार बनाकर जो Strong Barrier Theory का विकास किया है, वह व्यवहार के अंतर्निहित अवरोधों और उद्दीपन-प्रतिक्रिया की जटिलताओं को अधिक गहराई से समझने की दृष्टि प्रदान करता है।

यहाँ मैं आपके द्वारा वर्णित Strong Barrier Theory को एक सुव्यवस्थित प्रारूप में प्रस्तुत कर रहा हूँ जिससे इसे आगे शोध-पत्र, पुस्तक या शोध प्रस्ताव (Thesis/Dissertation Proposal) के रूप में विकसित किया जा सके:


🧠 Strong Barrier Theory (प्रबल अवरोध सिद्धांत)

विकासकर्ता: प्रो. (डॉ.) अवधेश कुमार ‘शैलज’
प्रेरणा स्रोत: J.F. Brown की Weak Barrier Theory (The Psychodynamics of Abnormal Behavior)
विकास वर्ष: 1980 (एम.ए. मनोविज्ञान अध्ययन काल)

🔷 1. Weak Barrier Theory की संक्षिप्त व्याख्या:

जे. एफ. ब्राउन की Weak Barrier Theory के अनुसार जब किसी प्राणी की चेतना, अनुभूति या व्यवहार पर बाह्य उद्दीपन का प्रभाव तीव्रता से होता है, तो यदि उसकी मानसिक संरचना (barrier) कमजोर होती है, तो वह उद्दीपनों से अत्यधिक प्रभावित होता है। इसका परिणाम विस्थापन, समायोजन विफलता, विकृत प्रतिक्रिया या असामान्य व्यवहार हो सकता है।


🔷 2. Strong Barrier Theory का प्रस्ताव एवं आधार:

आपके अनुसार, व्यवहार में अवरोध केवल मानसिक कमजोरी (weak barrier) से नहीं, बल्कि बहुआयामी बाधाओं के कारण उत्पन्न होता है, जिन्हें चार प्रमुख वर्गों में विभाजित किया जा सकता है:

🔹 1. Physiological Barrier (शारीरिक अवरोध)

  • शरीरगत बीमारियाँ, थकावट, हार्मोनल असंतुलन, तंत्रिका विकृति आदि।

🔹 2. Psychological Barrier (मनोवैज्ञानिक अवरोध)

  • डर, चिंता, आत्महीनता, पूर्वाग्रह, दमन, आंतरिक द्वंद्व, अनसुलझे संघर्ष।

🔹 3. Instrumental Barrier (उपकरणगत / संसाधनगत अवरोध)

  • आवश्यक साधनों, तकनीकी सुविधाओं, सामाजिक सहायता या अवसरों की अनुपलब्धता।

🔹 4. Para-psychological Barrier (परामनोवैज्ञानिक अवरोध)

  • पूर्व जन्मीय स्मृति, गूढ़ ऊर्जा प्रभाव, अतिसंवेदनशीलता, अदृश्य तत्वों का प्रभाव, आभासी अनुभव।

🔷 3. उद्दीपन-प्रतिक्रिया प्रक्रिया में लक्ष्य की चार अवस्थाएँ:

आपके अनुसार, जब प्राणी किसी उद्दीपन से प्रभावित होता है तो उसकी जीवन-प्रेरणा उसे किसी लक्ष्य की ओर प्रेरित करती है। इस प्रक्रिया में वह निम्नलिखित चार प्रकार के लक्ष्यों की ओर अग्रसर हो सकता है:

🔹 1. Main Goal (मुख्य लक्ष्य):

  • प्राणी की मूल आवश्यकता या उद्देश्य जिससे वह सबसे अधिक प्रेरित होता है।

🔹 2. Secondary Goal (गौण या तात्कालिक लक्ष्य):

  • ऐसा लक्ष्य जो मुख्य लक्ष्य के साथ-साथ उत्पन्न होता है और तत्काल समाधान या तुष्टि देता है।

🔹 3. Deviated Goal (विचलित लक्ष्य):

  • जब मुख्य लक्ष्य कठिन प्रतीत होता है तो ध्यान अन्य दिशा में मुड़ता है, यद्यपि वह वास्तविक समाधान नहीं देता।

🔹 4. Identical Goal (समरूप या तद्रूप लक्ष्य):

  • जब मुख्य लक्ष्य प्राप्त न हो सके तो प्राणी ऐसा लक्ष्य स्वीकार करता है जो भावनात्मक रूप से मुख्य लक्ष्य जैसा प्रतीत होता है और संतुष्टि देता है।

📚 संभावित शोध-शीर्षक (Suggested Research Titles):

  1. "A Comparative Analysis of Weak and Strong Barrier Theory in the Context of Human Adjustment."
  2. "The Psychodynamics of Strong Barriers: A Multidimensional Framework of Behavioral Obstruction."
  3. "Para-Psychological and Instrumental Barriers in Motivation and Goal Attainment: A Theoretical Model."
  4. "A Four-Dimensional Goal Theory: Behavioral Responses to Environmental Stimuli under the Strong Barrier Model."

📌 आगे की दिशा (Further Development):

  1. इस सिद्धांत को केस स्टडीज़ और प्रायोगिक अनुसंधान द्वारा पुष्ट किया जा सकता है।
  2. भारतीय मनोविज्ञान और दर्शन के साथ एकीकृत प्रस्तुति इसकी गहराई को बढ़ा सकती है (जैसे – संस्कार, वासना, कर्मविपाक आदि से सम्बद्ध).
  3. एक अनुसंधान लेख, पुस्तक अध्याय, शोध प्रस्ताव या पीएच.डी. स्तर का कार्य इस आधार पर विकसित किया जा सकता है।
  4. व्यवहार चिकित्सा, परामर्श एवं मनोचिकित्सा में इसके व्यावहारिक उपयोग को रेखांकित किया जा सकता है।

यदि आप चाहें, तो मैं इसे शोध-पत्र या प्रस्ताव पत्र (Research Proposal) या PowerPoint Presentation में व्यवस्थित कर सकता हूँ। साथ ही, हिंदी-अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में प्रारूप भी तैयार किया जा सकता है।

क्या आप चाहते हैं कि मैं इस Strong Barrier Theory पर एक पूर्ण शैक्षणिक लेख या प्रस्ताव प्रारूप तैयार करूँ?

Strong Barrier Theory

विकासकर्ता: प्रो. (डॉ.) अवधेश कुमार ‘शैलज’
प्रस्तुतिकाल: 1980 (एम.ए. मनोविज्ञान अध्ययन काल)
प्रेरणा स्रोत: J.F. Brown की Weak Barrier Theory (The Psychodynamics of Abnormal Behavior)


क्षेत्रबीय चर्चा:

J.F. Brown की Weak Barrier Theory के अनुसार जब किसी प्राणी की चेतना, अनुभूति या व्यवहार पर बाह्य उद्दीपन (external stimuli) का तीव्र प्रभाव होता है और मानसिक अवरोध (mental barrier) कमजोर होता है, तो वह उद्दीपनों के प्रति अधिक संवेदनशील होकर असामान्य व्यवहार (abnormal behavior) प्रदर्शित कर सकता है।


आधार भी और नवीन Strong Barrier Theory:

Strong Barrier Theory इस सिद्धांत की पूरक एवं उन्नत रूप है, जो केवल मानसिक कमजोरी नहीं, बल्कि बहुआयामी अवरोधों के समुच्चय से व्यवहारिक बाधाओं को समझने का प्रयास करता है। इस सिद्धांत के अनुसार प्राणी के व्यवहार में अवरोध निम्नलिखित चार मुख्य वर्गों में आते हैं:

1. Physiological Barrier (शारीरिक अवरोध):

  • शारीरिक बीमारियाँ, स्नायु दुर्बलता, हार्मोनल असंतुलन, थकावट आदि।

2. Psychological Barrier (मनोवैज्ञानिक अवरोध):

  • भय, आत्महीनता, दमन, चिंता, अतीत का आघात, आंतरिक द्वंद्व आदि।

3. Instrumental Barrier (साधनगत / उपकरणगत अवरोध):

  • उपयुक्त संसाधनों, सामाजिक समर्थन, या अवसरों की अनुपलब्धता।

4. Para-psychological Barrier (परामनोवैज्ञानिक अवरोध):

  • अतिसंवेदनशीलता, पारलौकिक प्रभाव, पूर्वजन्मीय स्मृति, मानसिक ग्रहणशीलता आदि।

जीवनी-गति औद्दीपन क्रिया-कालाप:

प्राणी जब किसी उद्दीपन के संपर्क में आता है तो उसकी जीवनी शक्ति उसे किसी लक्ष्य की ओर प्रेरित करती है। इस संदर्भ में, Strong Barrier Theory प्राणी के लक्ष्य को चार प्रकारों में वर्गीकृत करती है:

1. Main Goal (मुख्य लक्ष्य):

  • वह मूल उद्देश्य जो प्राणी की आंतरिक आवश्यकता या प्रेरणा से निर्धारित होता है।

2. Secondary Goal (गौण लक्ष्य):

  • मुख्य लक्ष्य के साथ उत्पन्न तात्कालिक या सहयोगी उद्देश्य।

3. Deviated Goal (विचलित लक्ष्य):

  • मुख्य लक्ष्य से भ्रमित होकर उत्पन्न अनावश्यक या भटकावपूर्ण लक्ष्य।

4. Identical Goal (समरूप लक्ष्य):

  • ऐसा लक्ष्य जो भावनात्मक रूप से मुख्य लक्ष्य जैसा प्रतीत होता है और अस्थायी संतुष्टि देता है।

स्थायी और शोध संग्रण:

  • यह सिद्धांत समायोजन की प्रक्रिया को बहुआयामी दृष्टिकोण से देखने का अवसर देता है।
  • यह न केवल मनोचिकित्सा में, बल्कि शिक्षा, परामर्श और व्यावसायिक प्रशिक्षण में भी उपयोगी हो सकता है।
  • Indian psychology (भारतीय मनोविज्ञान) के तत्वों जैसे संस्कार, वासना, आत्मा, कर्मविपाक आदि के साथ इसका एकीकरण इसकी शक्ति को और बढ़ा सकता है।

कार्यानुषील शोध-शीर्षक प्रस्ताव:

  1. "A Comparative Analysis of Weak and Strong Barrier Theory in the Context of Human Adjustment"
  2. "The Psychodynamics of Strong Barriers: A Multidimensional Framework of Behavioral Obstruction"
  3. "Para-Psychological and Instrumental Barriers in Motivation and Goal Attainment"
  4. "A Four-Dimensional Goal Theory in Response to Environmental Stimuli: An Indian Perspective"

प्रस्तुतकर्ता द्वारा आगे की कार्य योजना हेतु:
यदि इच्छुक हों तो इस सिद्धांत पर आधारित पुस्तक, शोधपत्र, प्रशिक्षण-सामग्री, या जनोपयोगी पुस्तिका का भी निर्माण किया जा सकता है।

मैंने आपके Strong Barrier Theory पर आधारित पूर्ण शैक्षणिक प्रारूप को एक दस्तावेज़ में संकलित कर दिया है। आप चाहें तो अब इसके अगले किसी भी रूपांतरण (शोध-पत्र, पुस्तक, प्रस्ताव, PowerPoint, जनपुस्तिका, आदि) हेतु निर्देश दे सकते हैं। क्या आप इसे:

  1. अंतरराष्ट्रीय शोध-पत्र (APA शैली में),
  2. हिंदी-अंग्रेज़ी द्विभाषिक पुस्तक अध्याय,
  3. PowerPoint प्रस्तुति,
  4. प्रशिक्षण पाठ्यक्रम या कार्यशाला गाइड,
  5. Ph.D. शोध प्रस्ताव,

किसी रूप में विकसित कराना चाहेंगे? कृपया वांछित प्रारूप बताएं।

सभी विकल्प महत्वपूर्ण और उपयोगी हैं। अत: 1 से 5 तक के सभी विकल्पों पर क्रमशः विचार किया जाय जिससे इस सिद्धांत को वैश्विक मान्यता प्राप्त हो सके और मेरे चिन्तन से लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त हो सके तथा मेरी रचना धर्मिता की रक्षा हो सके।

बहुत शुभ। अब हम Strong Barrier Theory पर आधारित अंतरराष्ट्रीय शोध-पत्र (International Research Paper – APA Style) का Draft-1 आरंभ करते हैं।


📝 Research Paper Draft (Version 1 – APA Style, English)

Title:
Strong Barrier Theory: A Multidimensional Extension of J.F. Brown’s Weak Barrier Concept in Understanding Behavioral Obstruction

Author:
Prof. (Dr.) Awadhesh Kumar ‘Shailaj’
M.A. Psychology (1980), Ph.D., Independent Thinker and Theorist
(Based on work conceptualized during postgraduate studies, G.D. College, Begusarai, 1980)


Abstract

This paper introduces the Strong Barrier Theory, developed as a multidimensional alternative and enhancement to J.F. Brown’s Weak Barrier Theory from his seminal work The Psychodynamics of Abnormal Behavior. Drawing from the context of Indian psychology and lived academic experience, the theory identifies four categories of behavioral barriers—physiological, psychological, instrumental, and para-psychological—and correlates them with goal-oriented behavior. The theory offers a comprehensive framework to understand the dynamics of behavioral obstruction and adjustment in both normal and abnormal settings. Implications for psychotherapy, education, and integrative counseling are discussed.


1. Introduction

The study of psychological barriers in human behavior has remained a foundational interest across schools of psychological thought. In The Psychodynamics of Abnormal Behavior, J.F. Brown proposed the concept of Weak Barriers—the idea that when mental resistance is low, environmental stimuli penetrate too easily, triggering abnormal behavior. Though insightful, this theory lacks explanatory breadth for diverse behavioral obstructions.

In 1980, during postgraduate studies in psychology, I (the author) proposed the Strong Barrier Theory as a broader and deeper model to understand resistance, behavior, and adjustment. While this theory was never formally disseminated in academic circles due to lack of institutional support, it has now been reconstructed for academic and public application.


2. Weak Barrier Theory: A Review

According to Brown, weak barriers allow overwhelming external stimuli to influence behavior, particularly in emotionally unstable or neurotic individuals. This concept aligns with psychodynamic views of lowered ego-resistance, leading to maladaptive reactions. However, Brown’s theory is predominantly mentalistic and lacks layers involving biological, socio-instrumental, or transpersonal components.


3. Strong Barrier Theory: Foundational Premises

The Strong Barrier Theory posits that behavioral obstruction is not merely a function of mental resistance, but emerges from four interconnected types of barriers. These barriers can individually or jointly interfere with goal-oriented behavior, leading to maladjustment, deviation, or behavioral rigidity.

3.1. The Four Barriers

  1. Physiological Barriers

    • Physical ailments, fatigue, neural dysfunction, hormonal imbalances.
  2. Psychological Barriers

    • Emotional trauma, fear, repression, anxiety, internal conflict.
  3. Instrumental Barriers

    • Lack of access to resources, social or economic constraints, lack of opportunity or support.
  4. Para-Psychological Barriers

    • Hyper-sensitivity, preconscious impressions, past-life residues, subconscious conditioning or energy-field disturbances.

4. Motivation and Goal-Orientation: The 4-Level Model

Behavior is often driven by deep-seated needs and stimuli-based triggers. The Strong Barrier Theory introduces a four-fold goal structure that a living being strives toward in the presence or absence of barriers:

  1. Main Goal: The primary, conscious or unconscious objective derived from internal need states.

  2. Secondary Goal: Temporary or supporting goals that co-arise alongside the main goal.

  3. Deviated Goal: Misguided or substituted objectives arising from misperception or redirection of energy.

  4. Identical Goal: Substitute goal that mimics the emotional satisfaction of the main goal, offering apparent resolution.

This framework allows for detailed analysis of behavioral misalignment and psychological dissonance in real-world scenarios.


5. Integration with Indian Psychology

Unlike Western frameworks that focus primarily on ego, id, or cognitive bias, Indian psychology considers samskara (mental impressions), vasana (latent tendencies), atma (soul), and karma-vipak (fruits of action). The Strong Barrier Theory is aligned with this view, offering a synthesis between Eastern depth psychology and Western behaviorism.


6. Applications

  • Clinical Psychology: Diagnostic and therapeutic formulation of resistance and failure patterns.
  • Educational Psychology: Understanding student disengagement, dropouts, or goal diversion.
  • Counseling and Coaching: Guiding individuals toward main goals by resolving internal and external blocks.
  • Spiritual Psychology: Recognizing para-psychological barriers and life-purpose deviation.

7. Conclusion

The Strong Barrier Theory opens a multidimensional lens to examine behavioral obstruction, combining physiology, emotion, environment, and metaphysical dimensions. It is a step toward integrative psychology that honors the complexity of human functioning. Further empirical and philosophical work is invited to refine and validate this framework.


References

  • Brown, J. F. (1961). The Psychodynamics of Abnormal Behavior. McGraw-Hill.
  • Rao, K. R. (2005). Indian Psychology: Cognition and Consciousness. Indian Council of Philosophical Research.
  • Shailaj, A. K. (1980–2025). Unpublished Conceptual Notes on Strong Barrier Theory. Begusarai, Bihar, India.
  • Vygotsky, L. S. (1978). Mind in Society. Harvard University Press.
  • Maslow, A. H. (1943). A theory of human motivation. Psychological Review, 50(4), 370–396.

✅ Next Steps:

Shall I now prepare this paper in:

  1. MS Word format (.docx)
  2. LaTeX format (.tex)
  3. PDF format

आप किस रूप में इस शोध-पत्र को पहले देखना चाहेंगे? इसके बाद हम पुस्तक अध्याय (विकल्प 2) प्रारंभ करेंगे।


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