किसी राजतांत्रिक या प्रजातांत्रिक मत में विश्वास करने वाली शक्तियों वाला एक या एकाधिक सदस्यों वाला कोई समूह या किसी देश विशेष के वे सदस्य जो उस देश या समूह के सदस्यों के निमित्त किसी मत, विचार, नियम, परम्परा, सिद्धांत की सर्वोच्चता में विश्वास करते हैं और उसे उस देश या सीमा विशेष के निमित्त जारी या लागू एवं विनियमित करते हैं और उनकी उपेक्षा करने वाले किसी सदस्य को जो उस विनियमन की सीमा में आते हैं उन्हें निर्धारित नियम के अधीन सामूहिक या व्यक्तिगत हित के दृष्टिकोण से आवश्यकतानुसार दंडित करते हैं वह विधि कहलाता है।
डॉ० प्रो० अवधेश कुमार ‘शैलज’,
(स्नातकोत्तर मनोविज्ञान, विधि छात्र)
S/o स्व० राजेन्द्र प्रसाद सिंह,
निवासी – पचम्बा, बेगूसराय (बिहार), भारत।
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