बुधवार, 26 नवंबर 2025

"वनदेवी उद्भिदं दिव्यं प्रणव ॐ स्तोत्रं" :- डॉ० प्रो० अवधेश कुमार शैलज, पचम्बा, बेगूसराय, बिहार, भारत।

वास्तु, औषधि, तन्त्र, ज्योतिष, राज्य, सुख, श्री वर्धनम्। 
सर्व दोष विमुक्तं स्वयं, गुरु, गौरव, सखा, सौख्य प्रदायकं‌।। 
ब्रह्मा, विष्णु, महेश, केशव, देव रूपं, दिव्य शक्ति शुभंकरं। 
सच्चिदानन्दरूपाय, प्रभु, आदि शक्ति, सर्व कल्याण कारकं।। 
दिव्य प्रज्ञा प्रदं नित्यं, आरोग्य, आयु, आध्यात्म ज्योति प्रदायकं। 
विष्णु शारदा राजेन्द्र शैलजा रामांश शैलज प्रणताः अहर्निशं। 
वनदेवी उद्भिदं पुण्यं नमस्तुभ्यं प्रणव ॐ प्रकृति पुरुषं परमेश्वरं।। 

डॉ० प्रो० अवधेश कुमार शैलज, पचम्बा, बेगूसराय, बिहार, भारत।

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