शुभमस्तु।।
Prof.Awadhesh kumar Shailaj(AI मानद उपाधि:विज्ञान,मनोविज्ञान,चिकित्सा,साहित्यादि कई क्षेत्रों में।)
रविवार, 21 सितंबर 2025
सूर्य☀ ग्रहण 🌑 (आज दिनांक 21/22 सितम्बर 2025 सम्बन्धी विचार) :-
सूर्य ☀ ग्रहण 🌑 आज दिनांक 21 सितम्बर 2025 की रात 🌙 12 बजे के बाद रात 🌙 25:23 a. m. ⏰ में अर्थात् अंग्रेजी मतानुसार दिनांक 22 सितम्बर 2025 को लगेगा, लेकिन सूर्य☀ ग्रहण 🌑 रात में होगा। सूर्य ☀ ग्रहण 🌑 के समय सम्पूर्ण भारत में 🌙 रात का समय रहने के कारण सूर्य ☀ नहीं दिखाई देंगे। अतः आज 21/22 सितम्बर 2025 रविवार को भारत में सूर्य ☀ ग्रहण 🌑 नहीं लगेगा, इसलिये सूतक नहीं रहने के कारण भारत या अन्य किसी भी स्थान में जहाँ रात के समय सूर्य ☀ ग्रहण 🌑 का समय होगा वहाँ के लोगों पर इस सूर्य ☀ ग्रहण 🌑 का सूतकादि का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
शुभमस्तु।।
© Awadhesh Kumar उर्फ Awadhesh Kumar Shailaj, Surname: Shailaj, Pachamba, Begusarai. सर्वाधिकार सुरक्षित। पर 8:47 am
AI की टिप्पणी :-
आपके द्वारा प्रस्तुत विचार में आपने खगोलीय और धार्मिक दृष्टि से 21/22 सितम्बर 2025 को होने वाले सूर्यग्रहण की स्पष्ट व्याख्या की है। मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं—
1. ग्रहण का समय –
21 सितम्बर की रात 12 बजे के बाद, लगभग 22 सितम्बर 2025 को प्रातः 1:23 बजे (25:23 a.m. आपके अनुसार) सूर्यग्रहण होगा।
यह समय भारत में रात्रि का होगा।
2. भारत में स्थिति –
रात्रि होने के कारण भारतवासी सूर्य को प्रत्यक्ष नहीं देख पाएँगे।
इसलिए भारत में यह सूर्यग्रहण दृश्य नहीं होगा।
3. धार्मिक-सांस्कृतिक प्रभाव –
चूँकि ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहाँ सूतक का नियम लागू नहीं होगा।
इसका कोई प्रभाव पूजा-पाठ, कर्मकाण्ड या दैनिक जीवन पर नहीं पड़ेगा।
4. निष्कर्ष –
यह सूर्यग्रहण भारत तथा उन स्थानों पर जहाँ उस समय रात होगी, प्रभावहीन रहेगा।
केवल उन्हीं स्थानों पर सूतक और ग्रहण-फल मान्य होंगे जहाँ यह प्रत्यक्ष रूप से दृष्टिगोचर होगा।
आपका यह स्पष्टीकरण पाठकों के लिए अत्यंत उपयोगी है क्योंकि अक्सर लोग ग्रहण और सूतक को लेकर भ्रमित रहते हैं।
👉 इसका वैज्ञानिक-खगोलीय विवरण (कहाँ दिखाई देगा, कौन-सी प्रकार का ग्रहण है – पूर्ण, आंशिक या वलयाकार) भी जोड़कर लेख को और समृद्ध कर सकता हूँ।
यह रहा वैज्ञानिक-खगोलीय विवरण, ग्रहण प्रकार और कहाँ, कैसे दिखाई देगा इस बारे में:
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वैज्ञानिक-खगोलीय विवरण
विशेषता जानकारी
प्रकार आंशिक सूर्यग्रहण (Partial Solar Eclipse)
माग्निच्युड (Magnitude) लगभग 0.855 यानी चंद्रमा सूर्य का लगभग 85.5% भाग ढक लेगा जब ग्रहण चरम पर होगा।
अधिकतम ग्रहण बिंदु (Greatest Eclipse Point) दक्षिणी अक्षांश में, लगभग 60° 54′ S, 153° 30′ E के पास (दक्षिण में न्यूज़ीलैंड-क्षेत्र के समीप)
ग्रहण अवधि (समय) <br>• शुरूआत: २०२५-09-21 को विश्व-समय (UTC) में लगभग 17:29 UTC <br>• अधिकतम ग्रहण: लगभग 19:41 UTC <br>• अंत: लगभग 21:53 UTC
दृश्यता वाले क्षेत्र मुख्यतः दक्षिणी गोलार्ध: <br>– न्यूज़ीलैंड के दक्षिणी द्वीप एवं आस-पास के द्वीप <br>– ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट का एक पतला किनारा <br>– विभिन्न प्रशांत द्वीप <br>– अंटार्कटिका के भाग
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भारत-विजय (Visibility in India)
भारत में ग्रहण दृश्य नहीं होगा क्योंकि उस समय सूर्य अस्त हो चुका होगा, यानी रात का समय होगा।
इसलिए भारत में सूर्यग्रहण के दौरान आकाश में कोई ग्रहण-दृश्य परिवर्तन नहीं होगा।
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अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
यह 2025 का अंतिम सूर्यग्रहण है।
यह ग्रहण Solar Saros- श्रृंखला 154 से है।
सूर्यग्रहण के दौरान सुरक्षा विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है यदि आप दृश्य होंगे — जैसे विशेष “eclipse glasses” या ISO मानक फ्लिटर का उपयोग करना चाहिए।
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यहाँ 21 सितंबर 2025 को होने वाले आंशिक सूर्यग्रहण (Partial Solar Eclipse) के वैज्ञानिक विवरण, दृश्यता मानचित्र और भारत में इसके प्रभाव के बारे में जानकारी प्रस्तुत की गई है:
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🌞 सूर्यग्रहण का वैज्ञानिक विवरण
प्रकार: आंशिक सूर्यग्रहण (Partial Solar Eclipse)
माग्निच्युड: लगभग 0.855 — अर्थात् चंद्रमा सूर्य के लगभग 85.5% भाग को ढकेगा।
अधिकतम ग्रहण बिंदु: दक्षिणी अक्षांश में, लगभग 60° 54′ S, 153° 30′ E के पास (दक्षिण में न्यूज़ीलैंड‑क्षेत्र के समीप)
ग्रहण अवधि:
आरंभ: 21 सितंबर 2025, 10:59 PM IST
अधिकतम ग्रहण: 22 सितंबर 2025, 1:11 AM IST
समाप्ति: 22 सितंबर 2025, 3:23 AM IST
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🌍 दृश्यता मानचित्र
यह ग्रहण मुख्यतः दक्षिणी गोलार्ध में दिखाई देगा, विशेषकर निम्नलिखित क्षेत्रों में:
न्यूज़ीलैंड: विशेषकर दक्षिणी द्वीप और स्टीवर्ट द्वीप
ऑस्ट्रेलिया: पूर्वी तट का एक पतला किनारा
अंटार्कटिका: दक्षिणी भाग
प्रशांत महासागर: विभिन्न द्वीप
अटलांटिक महासागर: कुछ भाग
भारत में यह ग्रहण दृश्य नहीं होगा क्योंकि उस समय सूर्य अस्त हो चुका होगा।
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🇮🇳 भारत में प्रभाव
दृश्यता: भारत में यह ग्रहण दृश्य नहीं होगा।
धार्मिक प्रभाव: चूँकि ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहाँ सूतक काल और अन्य धार्मिक प्रतिबंध लागू नहीं होंगे।
सुरक्षित अवलोकन: भारत में यह ग्रहण दृश्य नहीं होने के कारण, इसे देखने की आवश्यकता नहीं है।
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🔭 अवलोकन के सुझाव
सुरक्षित उपकरण: यदि आप ग्रहण को देखना चाहते हैं, तो ISO प्रमाणित सूर्यग्रहण चश्मे का उपयोग करें। सामान्य चश्मे या बिना फिल्टर वाले उपकरणों से सूर्य देखना हानिकारक हो सकता है।
ऑनलाइन स्ट्रीमिंग: भारत में ग्रहण दृश्य नहीं होने के कारण, आप NASA या अन्य खगोलशास्त्रीय संस्थाओं द्वारा आयोजित ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से इसे देख सकते हैं।
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