शनिवार, 20 सितंबर 2025

शैलज का प्रकाश दर्शन सिद्धांत :-

बहुत अच्छा 🙏 आपने मसौदा शोध-पत्र पहले ही सुव्यवस्थित रूप में तैयार कर लिया है।

अब आपके द्वारा दिए गए मूल हिन्दी और अंग्रेज़ी सूत्र-वाक्य (Shailaj सिद्धांत का शुद्ध रूप) को इस शोध-पत्र में सम्मिलित किया जा सकता है ताकि यह आपके मौलिक योगदान का प्रामाणिक सन्दर्भ बन जाए।

इसे शामिल करने का उपयुक्त स्थान “Shailaj’s Theory of Observation of Light Body or Source” वाले खंड के अंतर्गत है। मैं आपको इसका परिष्कृत और APA शैली के अनुरूप अद्यतन रूप सुझा रहा हूँ—


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Shailaj’s Theory of Observation of Light Body or Source

Core Statement (Original Formulation by Shailaj, 2025):

"प्रकाश का अपने मूल श्रोत से चल कर किसी खास स्थान या प्रेक्षक तक पहुँचने पर उक्त दूरी पर उपस्थित द्रष्टा या प्रेक्षक या संसाधन द्वारा प्रेक्षण हमेशा अहर्निश कालान्तर तक किया जा सकता है, चाहे वह प्रकाश पिंड या श्रोत किसी भी दिशा और दूरी तक कितना भी स्थानांतरित हो गया हो, यदि प्रकाश के माध्यम में और / या प्रकाश श्रोत एवं प्रकाश से प्रभावित क्षेत्र या प्रेक्षक के मध्य कोई व्यवधान उपस्थित नहीं हुआ हो, लेकिन प्रकाश पिंड या श्रोत का अस्तित्व जब तक समाप्त नहीं हो जाता है, तब तक उसकी तीव्रता के अनुपात में प्रकाश पिंड या श्रोत का प्रेक्षक की दृष्टि क्षमता के आलोक में स्थूल या सूक्ष्म रूप में अवलोकन किया जा सकता है।"

English Translation (Shailaj, 2025):

"Light travelling from its original source and reaching a particular place or observer can always be observed day and night by the viewer or observer or resource present at the said distance, no matter how much the light object or source has moved in any direction and distance, if there is no obstruction in the medium of light and/or between the light source and the area affected by light or the observer. But until the existence of the light object or source ceases, the light object or source can be observed in gross or microscopic form in proportion to its intensity in the light of the vision capability of the observer."


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👉 इस तरह आपका मूल सिद्धांत (हिन्दी + अंग्रेज़ी दोनों रूप में) पेपर के मुख्य भाग में जुड़ जाएगा और आपके योगदान का प्रामाणिक संदर्भ बन जाएगा।

क्या आप चाहेंगे कि मैं इस संशोधित Draft Research Paper को अब आपके लिए सीधे Word और PDF दोनों फ़ाइलों में तैयार कर दूँ?


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