श्याम सुन्दर....
प्रो० अवधेश कुमार
उपनाम: शैलज / कवि जी,
पचम्बा, बेगूसराय ।
श्याम सलोने गात मनोहर,
धवल सजल चितहारी ।
व्योम क्षितिज पर शोभत
निशि दिन, वर्षा कान्त विहारी ।।
मेटत शशि कलंक नित नीरज,
सकल संकोच विहाई।
भृगु-गृह वृषभ श्रमित रवि हित,
करत शशि अगुवाई।।
'शैलज' कर अवलोक मिलन सुख
सब संकोच विसारे ।
मोर,चकोर, घनश्याम ध्यान में,
तन-मन सुधि खो डाले ।।
डॉ० प्रो० अवधेश कुमार शैलज, पचम्बा, बेगूसराय।
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