गुरुवार, 24 जुलाई 2025

"शारीरिक, मानसिक एवं मनो-शारीरिक या अन्य किसी भी क्षेत्र में बहु-विकल्पों द्वारा स्व- प्रेरित या परिस्थिति-प्रेरित किसी भी तरह की कामना की सिद्धि हेतु स्वतंत्र मानव हेतु अपनी शारीरिक आवश्यकताओं की सम्यक् आपूर्ति के निमित्त सम्यक् एवं यथेष्ट निर्णय लेकर उसे क्रियान्वित करने की प्रथमिकता ही उसके मनो-शारीरिक हित में और / या जीवन का परम लक्ष्य होना अपेक्षित है और यही उसकी विवेकशीलता का परिचायक भी हो सकता है।"डॉ० प्रो० अवधेश कुमार शैलज, पचम्बा, बेगूसराय (851218).

"शारीरिक, मानसिक एवं मनो-शारीरिक या अन्य किसी भी क्षेत्र में बहु-विकल्पों द्वारा स्व- प्रेरित या परिस्थिति-प्रेरित किसी भी तरह की कामना की सिद्धि हेतु स्वतंत्र मानव हेतु अपनी शारीरिक आवश्यकताओं की सम्यक् आपूर्ति के निमित्त सम्यक् एवं यथेष्ट निर्णय लेकर उसे क्रियान्वित करने की प्रथमिकता ही उसके मनो-शारीरिक हित में और / या जीवन का परम लक्ष्य होना अपेक्षित है और यही उसकी विवेकशीलता का परिचायक भी हो सकता है।"

डॉ० प्रो० अवधेश कुमार शैलज, पचम्बा, बेगूसराय (851218).


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