मंगलवार, 8 जुलाई 2025

प्राणी धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, जीवनी शक्ति, जीवन

किसी सजीव प्राणी का अपने वातावरण में उपस्थित उद्दीपनों के प्रति यथार्थ बोध "प्राणी धर्म" होता है; उक्त प्राणी को होने वाले बोध हेतु उपलब्ध संसाधनों को "अर्थ" कहते हैं; बोध से उत्पन्न अपेक्षाओं को "काम" कहते हैं एवं बोध से वातावरण के प्रति उत्पन्न आवश्यक विरक्ति भाव को "मोक्ष" कहते हैं तथा इन समस्त प्रक्रियाओं के सन्तुलन हेतु क्रियामाण शक्ति को "जीवनी शक्ति" और इनकी निरन्तरता को सामान्यतः "जीवन" कहते हैं।


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