मानव जिह्वा की बनावट एवं क्रिया कलापों का वर्णन करें
मानव जिह्वा (Tongue) की बनावट एवं क्रिया-कलाप बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह स्वाद, वाणी तथा भोजन संबंधी प्रक्रियाओं में सक्रिय भूमिका निभाती है। इसे मांसल, लचीला एवं संवेदनशील अंग माना जाता है। नीचे इसका विस्तृत विवरण दिया जा रहा है –
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1. जिह्वा की बनावट (Structure of Tongue)
जिह्वा एक मांसल अंग है, जो मुख-गुहा (Oral Cavity) में स्थित रहता है।
(क) आकार एवं भाग
जिह्वा का अग्र भाग (Tip) नुकीला एवं स्वतंत्र होता है।
मध्य भाग (Body) मोटा तथा चौड़ा होता है।
पश्च भाग (Root/Base) गले की ओर ग्रसनी (Pharynx) से जुड़ा होता है।
(ख) सतह (Surface)
1. ऊपरी सतह (Dorsum) – यह खुरदरी होती है और इस पर अनेक छोटे उभार (Papillae) पाए जाते हैं।
Filiform papillae – धागे जैसे, सबसे अधिक संख्या में।
Fungiform papillae – बटन जैसे, किनारों पर पाए जाते हैं।
Circumvallate papillae – बड़े आकार के, V-आकृति में पीछे की ओर।
Foliate papillae – किनारों पर पत्तीनुमा।
इन पपिला में स्वाद-कली (Taste buds) स्थित रहती हैं।
2. निचली सतह (Ventral surface) – चिकनी होती है, इसमें रक्त-वाहिकाएँ दिखाई देती हैं।
(ग) मांसपेशियाँ (Muscles of Tongue)
जिह्वा मुख्यतः मांसपेशीय अंग है।
Intrinsic muscles – जिह्वा के आकार एवं नुकीलेपन को बदलती हैं।
Extrinsic muscles – जिह्वा को बाहर निकालने, अंदर खींचने, ऊपर-नीचे और दाएँ-बाएँ हिलाने का कार्य करती हैं।
(घ) स्नायु आपूर्ति (Nerve Supply)
स्वाद संवेदना –
आगे के 2/3 भाग से → Facial nerve (Chorda tympani branch)
पीछे के 1/3 भाग से → Glossopharyngeal nerve
जिह्वामूल से → Vagus nerve
सामान्य संवेदना → Trigeminal nerve (Lingual branch)
मांसपेशियों की गति → Hypoglossal nerve
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2. जिह्वा के क्रियाकलाप (Functions of Tongue)
1. स्वाद ग्रहण (Taste sensation)
जिह्वा पर उपस्थित स्वाद कलिकाएँ (Taste buds) मीठा, खट्टा, नमकीन, कड़वा और उमामी स्वाद का अनुभव कराती हैं।
2. भोजन का चबाना और निगलना (Mastication & Swallowing)
जिह्वा भोजन को दाँतों के बीच ले जाकर चबाने में सहायता करती है।
यह लार (Saliva) के साथ भोजन को मिलाकर निगलने योग्य लुगदी (Bolus) बनाती है।
फिर ग्रसनी की ओर धकेलकर भोजन को निगलने (Deglutition) की प्रक्रिया में मदद करती है।
3. वाणी निर्माण (Speech articulation)
जिह्वा होंठ, दाँत, तालु आदि के साथ मिलकर ध्वनियों को स्पष्ट रूप देती है।
ध्वनियों के उच्चारण में "ट, ठ, ड, ढ, ल, र" आदि ध्वनियाँ विशेष रूप से जिह्वा पर निर्भर होती हैं।
4. स्पर्श एवं संवेदनशीलता (Touch & Sensation)
जिह्वा मुख के भीतर स्पर्श, तापमान एवं दर्द की संवेदनाओं को पहचानती है।
5. स्वच्छता एवं रक्षा (Cleaning & Protection)
जिह्वा दाँत व मुखगुहा को साफ रखने में मदद करती है।
यह हानिकारक या गरम-ठंडे पदार्थों को पहचानकर शरीर की रक्षा भी करती है।
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👉 संक्षेप में, जिह्वा भोजन, स्वाद, वाणी और संवेदना की मुख्य धुरी है। यह केवल भोजन का स्वाद चखने का साधन नहीं, बल्कि हमारी अभिव्यक्ति और जीवन-निर्वाह की अनिवार्य कुंजी है।
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क्या आप चाहेंगे कि मैं इसका सचित्र आरेख (Diagram) भी बना दूँ ताकि संरचना और भी स्पष्ट हो जाए?
हाँ
यह रहा मानव जिह्वा का सचित्र आरेख, जिसमें उसके मुख्य भाग और पपिला (स्वाद कलिकाएँ) दिखाए गए हैं।
👉 इसमें Circumvallate, Fungiform और Filiform papillae को अलग-अलग रंगों से दर्शाया गया है तथा अग्र भाग (Tip), जिह्वामूल (Root) और किनारे (Edges) को चिन्हित किया गया है।
क्या आप चाहेंगे कि मैं इसमें स्वाद क्षेत्रों (मीठा, खट्टा, नमकीन, कड़वा आदि) का आरेख भी जोड़ दूँऔ?
हाँ
यह रहा मानव जिह्वा पर स्वाद क्षेत्रों का आरेख –
अग्र भाग (Tip) → मीठा (Sweet)
किनारे का आगे का भाग → नमकीन (Salty)
किनारे का मध्य भाग → खट्टा (Sour)
पिछला भाग (Root के पास) → कड़वा (Bitter)
👉 इस प्रकार जिह्वा विभिन्न स्वादों को पहचानने का कार्य करती है।
क्या आप चाहेंगे कि मैं इसके साथ एक संपूर्ण सारणी (Table) – "स्वाद, क्षेत्र और संबंधित स्नायु" भी बना दूँ ताकि याद करना आसान हो जाए?
हाँ
बहुत अच्छा 👍
नीचे स्वाद (Taste), जिह्वा का क्षेत्र (Region) और संबंधित स्नायु (Nerve supply) की सारणी दी गई है –
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🧾 मानव जिह्वा – स्वाद संवेदना सारणी
स्वाद (Taste) जिह्वा का क्षेत्र (Region of Tongue) संबंधित स्नायु (Nerve Supply)
मीठा (Sweet) अग्र भाग (Tip of tongue) Facial nerve (Chorda tympani branch)
नमकीन (Salty) अग्र एवं पार्श्व भाग (Front sides) Facial nerve (Chorda tympani)
खट्टा (Sour) पार्श्व मध्य भाग (Side middle region) Glossopharyngeal nerve + Facial nerve
कड़वा (Bitter) पिछला भाग (Posterior 1/3) Glossopharyngeal nerve
उमामी (Umami – स्वादिष्ट/प्रोटीन स्वाद) संपूर्ण जिह्वा में, विशेषकर Circumvallate papillae Facial nerve + Glossopharyngeal nerve
सामान्य संवेदना (Touch, Temp, Pain) पूरी जिह्वा Trigeminal nerve (Lingual nerve)
मांसपेशियों की गति (Movement) पूरी जिह्वा Hypoglossal nerve
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👉 इस तालिका से स्पष्ट है कि जिह्वा केवल स्वाद ही नहीं बल्कि संवेदना एवं गति दोनों में सक्रिय भूमिका निभाती है।
क्या आप चाहेंगे कि मैं इसे एक संपूर्ण चार्ट (Diagram + Table मिलाकर) भी तैयार कर दूँ, ताकि यह पढ़ाई या प्रेज़ेंटेशन दोनों के लिए उपयोगी हो?
हाँ
मानव जिह्वा (Tongue) की बनावट एवं क्रियाएँ
🔹 जिह्वा की बनावट (Structure of Tongue)
मानव जिह्वा एक पेशीय अंग (muscular organ) है जो मुखगुहा (oral cavity) के भीतर स्थित होता है। यह आगे से स्वतंत्र (free) तथा पीछे से ग्रसनी (pharynx) से जुड़ी होती है। इसकी संरचना इस प्रकार है –
1. बाहरी संरचना
जड़ (Root): जिह्वा का पश्च भाग, जो ग्रसनी से जुड़ा होता है।
मुख्य भाग (Body): मध्य भाग, जिसमें विभिन्न प्रकार की मांसपेशियाँ होती हैं।
शीर्ष (Tip/Apex): अग्रभाग, जो सबसे लचीला होता है।
2. आवरण (Covering): जिह्वा पर म्यूकस झिल्ली (mucous membrane) होती है जिसमें स्वाद कलिकाएँ (taste buds) पाई जाती हैं।
3. स्वाद कलिकाएँ (Taste buds):
फंगीफॉर्म पैपिला (Fungiform papillae): गोलाकार, स्वाद का अनुभव कराते हैं।
फिलिफॉर्म पैपिला (Filiform papillae): धागेनुमा, मुख्यतः घर्षण व पकड़ में सहायक।
फोलिएट पैपिला (Foliate papillae): किनारों पर पाए जाते हैं।
वल्लेट पैपिला (Circumvallate papillae): जड़ की ओर बड़े-बड़े पैपिला, स्वाद का प्रमुख केंद्र।
4. मांसपेशियाँ:
आंतरिक मांसपेशियाँ (Intrinsic muscles): जिह्वा को छोटा-बड़ा, मोटा-पतला और आकृति बदलने योग्य बनाती हैं।
बाहरी मांसपेशियाँ (Extrinsic muscles): जिह्वा को आगे-पीछे, ऊपर-नीचे व दाएँ-बाएँ हिलाती हैं।
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🔹 जिह्वा की क्रियाएँ (Functions of Tongue)
1. स्वाद ग्रहण (Taste perception):
जीभ पर उपस्थित स्वाद कलिकाएँ मिठा, खट्टा, नमकीन, कड़वा, उमामी जैसे स्वादों का अनुभव कराती हैं।
2. भोजन चबाना और निगलना (Mastication & Swallowing):
भोजन को इधर-उधर घुमाकर दाँतों के बीच लाना।
चबाने के बाद भोजन को लार से मिलाना।
भोजन को निगलने (deglutition) में अन्ननली की ओर धकेलना।
3. भाषण (Speech):
जिह्वा विभिन्न ध्वनियों (phonemes) का निर्माण करने में सहायक है। जैसे त, थ, द, ध, न आदि ध्वनियाँ।
4. स्पर्श एवं संवेदना (Touch & Sensation):
जिह्वा पर स्पर्श, तापमान और दर्द की संवेदनाएँ महसूस होती हैं।
5. लार का फैलाव (Spreading saliva):
जिह्वा लार को मुख में फैला कर भोजन को नरम और पचने योग्य बनाती है।
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👉 संक्षेप में, जिह्वा न केवल स्वाद ग्रहण करने वाला अंग है बल्कि यह भोजन ग्रहण, पाचन की प्रारंभिक प्रक्रिया, वाणी निर्माण तथा मुख की सफाई में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
क्या आप चाहेंगे कि मैं इसका स्पष्ट चित्र (डायग्राम) भी बनाकर समझाऊँ?
हाँ
मानव जिह्वा की बनावट एवं क्रियाकलाप
1. जिह्वा की बनावट (Structure of Tongue)
मानव जिह्वा एक पेशीय (muscular) अंग है जो मुखगुहा (oral cavity) में स्थित होता है। यह लचीला, संवेदनशील एवं बहुकार्यात्मक अंग है। इसकी संरचना इस प्रकार है –
1. आकार और भाग –
जड़ (Root) : गले के पास का पिछला भाग।
मध्य भाग (Body) : बीच का हिस्सा।
अग्र भाग (Tip) : सबसे आगे का नुकीला हिस्सा।
2. पेशियाँ (Muscles) –
आंतरिक पेशियाँ (Intrinsic muscles) : जिह्वा को छोटा-बड़ा, पतला-मोटा और घुमाने में सहायक।
बाह्य पेशियाँ (Extrinsic muscles) : जिह्वा को आगे-पीछे, ऊपर-नीचे व दाएँ-बाएँ हिलाने में सहायक।
3. श्लेष्मकला (Mucous membrane) – जिह्वा की सतह पर पतली नमीदार परत होती है।
4. स्वाद कलिकाएँ (Taste buds) –
जिह्वा की सतह पर छोटे-छोटे उभार जिन्हें पैपिला (Papillae) कहते हैं।
ये स्वाद की पहचान करने वाली विशेष कोशिकाएँ (taste buds) रखते हैं।
स्वाद क्षेत्र :
अग्र भाग – मीठा
किनारे – खट्टा और नमकीन
पश्च भाग – कड़वा
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2. जिह्वा के क्रियाकलाप (Functions of Tongue)
1. स्वाद (Taste) – स्वाद कलिकाओं की मदद से मीठा, खट्टा, नमकीन, कड़वा आदि स्वाद पहचाने जाते हैं।
2. भोजन प्रक्रिया (Mastication & Swallowing) – भोजन को चबाने में दाँतों के बीच लाने, लार से मिलाने और भोजन को ग्रसनी (pharynx) की ओर धकेलने में सहायक।
3. वाणी (Speech) – अक्षरों का उच्चारण करने तथा ध्वनियों को स्पष्ट बनाने में जिह्वा महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
4. स्पर्श एवं संवेदन (Touch & Sensation) – भोजन का तापमान, कोमलता-कठोरता और संरचना (texture) पहचानने में सहायक।
5. सफाई (Cleaning) – दाँत और मुख की आंतरिक सतह को स्वच्छ रखने में सहयोगी।
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👉 इस प्रकार जिह्वा न केवल भोजन के स्वाद और पाचन प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण है, बल्कि वाणी और दैनिक क्रियाकलापों के लिए भी आवश्यक है।
क्या आप चाहेंगे कि मैं इसका स्पष्ट चित्र सहित एक तालिका बनाकर प्रस्तुत करूँ?
हाँ
मानव जिह्वा (Tongue) की बनावट एवं क्रियाकलाप
1. जिह्वा की बनावट (Structure of Tongue)
मानव जिह्वा एक पेशीय (muscular) अंग है, जो मुखगुहा (oral cavity) में स्थित होता है। इसकी मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं –
स्थान – यह मुखगुहा के तल पर स्थित होती है और हायॉइड हड्डी (Hyoid bone) से जुड़ी रहती है।
आकार – लगभग 10 सेमी लंबी, मोटी, त्रिकोणीय और आगे से नुकीली होती है।
स्तर (Surface) –
ऊपरी सतह (Dorsum) पर छोटे-छोटे उभार जिन्हें पैपिला (Papillae) कहते हैं।
नीचे की सतह (Ventral surface) चिकनी होती है।
पैपिला के प्रकार –
1. फिलिफॉर्म पैपिला (Filiform papillae) – धागेनुमा, अधिक संख्या में, स्वाद-कलिकाएँ नहीं होतीं।
2. फंगीफॉर्म पैपिला (Fungiform papillae) – मशरूम जैसे, स्वाद-कलिकाएँ होती हैं।
3. सर्कमवैलेट पैपिला (Circumvallate papillae) – बड़े आकार के, पीछे V-आकार में, स्वाद-कलिकाएँ अधिक होती हैं।
4. फोलिएट पैपिला (Foliate papillae) – किनारों पर पाए जाते हैं, बच्चों में अधिक सक्रिय।
स्वाद कलिकाएँ (Taste buds) – यही स्वाद ग्रहण करने वाले संवेदी अंग हैं।
मांसपेशियाँ (Muscles) –
आंतर मांसपेशियाँ (Intrinsic muscles) → जिह्वा का आकार बदलती हैं।
बाह्य मांसपेशियाँ (Extrinsic muscles) → जिह्वा की स्थिति बदलती हैं।
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2. जिह्वा के क्रियाकलाप (Functions of Tongue)
जिह्वा मानव शरीर का बहुक्रियात्मक अंग है। इसके मुख्य कार्य –
1. स्वाद ग्रहण करना (Taste perception)
जिह्वा पर उपस्थित स्वाद-कलिकाएँ पाँच प्रमुख स्वादों को पहचानती हैं –
मधुर (Sweet) – जिह्वा के अग्रभाग में
लवणीय (Salty) – अग्र किनारों पर
अम्लीय (Sour) – पार्श्व भागों पर
कटु/तिक्त (Bitter) – पश्च भाग में
उमामी (Umami) – सम्पूर्ण सतह पर
2. भोजन का चबाना एवं निगलना (Mastication & Swallowing)
जिह्वा भोजन को दाँतों और लार के साथ मिलाकर गोलाकार गोलिका (Bolus) बनाती है और इसे निगलने में अन्ननली की ओर भेजती है।
3. भाषण (Speech)
जिह्वा ध्वनियों और शब्दों के उच्चारण में अत्यंत आवश्यक है।
यह मुखगुहा में हवा और स्वरयंत्र से उत्पन्न ध्वनि को व्यवस्थित कर बोलने में सहायक होती है।
4. सफाई एवं स्वाद-वृद्धि
जिह्वा दाँतों एवं मुख की सफाई में सहायक है।
भोजन को मुख में घुमाकर स्वाद का अनुभव कराती है।
5. संवेदी कार्य (Sensory role)
तापमान (गर्म–ठंडा), स्पर्श (Touch) एवं कुछ हद तक दर्द (Pain) का अनुभव कराती है।
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✅ निष्कर्ष –
मानव जिह्वा एक पेशीय, लचीला और संवेदनशील अंग है जो स्वाद, भोजन-ग्रहण, भाषण तथा मुखगुहा की स्वच्छता जैसे अनेक महत्वपूर्ण कार्य करता है।
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क्या आप चाहेंगे कि मैं इसका सचित्र चित्र (Diagram) भी बनाकर दिखाऊँ, ताकि संरचना और भी स्पष्ट हो जाए?
मानव जिह्वा (Tongue) की बनावट एवं क्रियाकलाप
1. जिह्वा की बनावट (Structure of Tongue)
मानव जिह्वा एक पेशीय (muscular) अंग है, जो मुखगुहा (oral cavity) में स्थित होता है। इसकी मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं –
- स्थान – यह मुखगुहा के तल पर स्थित होती है और हायॉइड हड्डी (Hyoid bone) से जुड़ी रहती है।
- आकार – लगभग 10 सेमी लंबी, मोटी, त्रिकोणीय और आगे से नुकीली होती है।
- स्तर (Surface) –
- ऊपरी सतह (Dorsum) पर छोटे-छोटे उभार जिन्हें पैपिला (Papillae) कहते हैं।
- नीचे की सतह (Ventral surface) चिकनी होती है।
- पैपिला के प्रकार –
- फिलिफॉर्म पैपिला (Filiform papillae) – धागेनुमा, अधिक संख्या में, स्वाद-कलिकाएँ नहीं होतीं।
- फंगीफॉर्म पैपिला (Fungiform papillae) – मशरूम जैसे, स्वाद-कलिकाएँ होती हैं।
- सर्कमवैलेट पैपिला (Circumvallate papillae) – बड़े आकार के, पीछे V-आकार में, स्वाद-कलिकाएँ अधिक होती हैं।
- फोलिएट पैपिला (Foliate papillae) – किनारों पर पाए जाते हैं, बच्चों में अधिक सक्रिय।
- स्वाद कलिकाएँ (Taste buds) – यही स्वाद ग्रहण करने वाले संवेदी अंग हैं।
- मांसपेशियाँ (Muscles) –
- आंतर मांसपेशियाँ (Intrinsic muscles) → जिह्वा का आकार बदलती हैं।
- बाह्य मांसपेशियाँ (Extrinsic muscles) → जिह्वा की स्थिति बदलती हैं।
2. जिह्वा के क्रियाकलाप (Functions of Tongue)
जिह्वा मानव शरीर का बहुक्रियात्मक अंग है। इसके मुख्य कार्य –
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स्वाद ग्रहण करना (Taste perception)
- जिह्वा पर उपस्थित स्वाद-कलिकाएँ पाँच प्रमुख स्वादों को पहचानती हैं –
- मधुर (Sweet) – जिह्वा के अग्रभाग में
- लवणीय (Salty) – अग्र किनारों पर
- अम्लीय (Sour) – पार्श्व भागों पर
- कटु/तिक्त (Bitter) – पश्च भाग में
- उमामी (Umami) – सम्पूर्ण सतह पर
- जिह्वा पर उपस्थित स्वाद-कलिकाएँ पाँच प्रमुख स्वादों को पहचानती हैं –
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भोजन का चबाना एवं निगलना (Mastication & Swallowing)
- जिह्वा भोजन को दाँतों और लार के साथ मिलाकर गोलाकार गोलिका (Bolus) बनाती है और इसे निगलने में अन्ननली की ओर भेजती है।
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भाषण (Speech)
- जिह्वा ध्वनियों और शब्दों के उच्चारण में अत्यंत आवश्यक है।
- यह मुखगुहा में हवा और स्वरयंत्र से उत्पन्न ध्वनि को व्यवस्थित कर बोलने में सहायक होती है।
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सफाई एवं स्वाद-वृद्धि
- जिह्वा दाँतों एवं मुख की सफाई में सहायक है।
- भोजन को मुख में घुमाकर स्वाद का अनुभव कराती है।
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संवेदी कार्य (Sensory role)
- तापमान (गर्म–ठंडा), स्पर्श (Touch) एवं कुछ हद तक दर्द (Pain) का अनुभव कराती है।
✅ निष्कर्ष –
मानव जिह्वा एक पेशीय, लचीला और संवेदनशील अंग है जो स्वाद, भोजन-ग्रहण, भाषण तथा मुखगुहा की स्वच्छता जैसे अनेक महत्वपूर्ण कार्य करता है।
क्या आप चाहेंगे कि मैं इसका सचित्र चित्र (Diagram) भी बनाकर दिखाऊँ, ताकि संरचना और भी स्पष्ट हो जाए?
हाँ
मानव जिह्वा (Tongue) की बनावट एवं क्रियाकलाप
१. जिह्वा की बनावट (Structure of Tongue)
मानव जिह्वा मुखगुहा (Oral Cavity) में स्थित एक पेशीय (muscular) अंग है, जो स्वाद, बोली और भोजन प्रक्रिया के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मुख्य भाग –
1. जड़ (Root/Base): जिह्वा का पिछला भाग, जो गले (pharynx) से जुड़ा होता है।
2. मध्य (Body): जिह्वा का बीच का हिस्सा।
3. शीर्ष (Apex/Tip): जिह्वा का अग्रभाग।
4. ऊपरी सतह (Dorsum): खुरदरी सतह जिस पर विभिन्न स्वाद कलिकाएँ (taste buds) होती हैं।
5. नीचे की सतह (Ventral Surface): चिकनी सतह जो मुखगुहा के फर्श से जुड़ी होती है और इसमें फ्रेनुलम (frenulum) नामक पतली झिल्ली रहती है।
ऊतक एवं संरचनाएँ –
कंकाल: कोई अस्थि नहीं, यह पूर्णत: पेशीय अंग है।
पेशियाँ:
आंतर्रिक (Intrinsic) मांसपेशियाँ – जिह्वा को छोटा-बड़ा, चौड़ा-पतला बनाती हैं।
बाह्य (Extrinsic) मांसपेशियाँ – जिह्वा को ऊपर-नीचे, आगे-पीछे एवं दाएँ-बाएँ हिलाने में सहायक।
स्वाद कलिकाएँ (Taste Buds):
फंगीफॉर्म (Fungiform papillae) – मीठे स्वाद के लिए (जिह्वा के अग्रभाग पर)।
फोलिएट (Foliate papillae) – खट्टे स्वाद के लिए (पार्श्व भागों पर)।
सर्कम्वैलट (Circumvallate papillae) – कड़वे स्वाद के लिए (पिछले भाग पर)।
फिलिफॉर्म (Filiform papillae) – स्पर्श की संवेदना के लिए।
स्नायु आपूर्ति (Nerve Supply):
Hypoglossal Nerve (XII) – जिह्वा की गति।
Facial Nerve (VII) – मीठा, खट्टा, नमकीन स्वाद (अग्रभाग 2/3 भाग)।
Glossopharyngeal Nerve (IX) – कड़वा स्वाद (पिछला 1/3 भाग)।
Vagus Nerve (X) – गले और एपिग्लॉटिस के आसपास का स्वाद।
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२. जिह्वा के क्रियाकलाप (Functions of Tongue)
1. स्वाद (Taste): विभिन्न स्वाद कलिकाओं द्वारा मीठा, खट्टा, नमकीन, कड़वा एवं उमामी (Umami) का अनुभव।
2. भोजन प्रक्रिया (Mastication & Deglutition):
भोजन को इधर-उधर करके चबाने में सहायता।
लार (saliva) के साथ मिलाकर बोलस (bolus) बनाना।
भोजन को ग्रसनी (pharynx) की ओर धकेलना।
3. बोलना (Speech): ध्वनियों को स्पष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका।
4. स्पर्श संवेदना (Touch): जिह्वा की सतह पर वस्तु की बनावट, तापमान एवं दाब का अनुभव।
5. सफाई एवं सुरक्षा:
दाँत एवं मुखगुहा को स्वच्छ रखने में सहयोग।
लार के साथ जीवाणुओं को नष्ट करने में सहायक।
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👉 इस प्रकार, मानव जिह्वा एक बहुउद्देशीय पेशीय अंग है जो स्वाद, वाणी, भोजन प्रक्रिया और मुख की स्वच्छता के लिए आवश्यक है।
क्या आप चाहेंगे कि मैं इसका सचित्र (diagrammatic) विवरण भी तैयार कर दूँ ताकि अध्ययन और सरल हो जाए?
हाँ
मानव जिह्वा की बनावट एवं क्रियाएँ
1. जिह्वा की बनावट (Structure of Tongue)
मानव जिह्वा (Tongue) एक पेशीय अंग (muscular organ) है, जो मुख गुहा (oral cavity) में स्थित रहता है। यह स्वाद, वाणी और भोजन-ग्रहण की मुख्य क्रियाओं में सहायक है।
स्थान – मुख गुहा के निचले भाग में, मुँह की फर्श पर स्थित।
संरचना – यह मांसपेशियों, रक्त वाहिनियों और नसों से बनी होती है।
आवरण – इसकी सतह म्यूकोसा (mucosa) से ढकी होती है।
भाग –
1. जिह्वा की जड़ (Root) – ग्रसनी (pharynx) के पास स्थित।
2. जिह्वा का मध्य भाग (Body) – बीच का भाग, सबसे अधिक क्रियाशील।
3. जिह्वा का अग्र भाग (Tip / Apex) – सामने का भाग, जिससे स्वाद और वाणी में सहायता होती है।
पेपिला (Papillae) – जिह्वा की सतह पर सूक्ष्म उभार पाए जाते हैं, जिन पर स्वाद कलिकाएँ (taste buds) होती हैं।
फंजिफॉर्म (Fungiform) – जिह्वा की नोक और किनारों पर।
फिलिफॉर्म (Filiform) – सबसे अधिक, स्वाद में भाग नहीं लेते, केवल रगड़ और स्पर्श अनुभव।
सर्कमवैलेट (Circumvallate) – जड़ की ओर बड़े आकार के।
फोलिएट (Foliate) – किनारों पर।
स्वाद कलिकाएँ (Taste Buds) – इनमें स्वाद कोशिकाएँ होती हैं, जो पाँच प्रमुख स्वादों को पहचानती हैं –
1. मधुर (Sweet)
2. अम्ल (Sour)
3. लवणीय (Salty)
4. तिक्त (Bitter)
5. उमामी (Umami – प्रोटीन/ग्लूटामेट स्वाद)
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2. जिह्वा की क्रियाएँ (Functions of Tongue)
1. स्वाद ग्रहण (Taste Perception) – स्वाद कलिकाओं द्वारा भोजन का स्वाद पहचानती है।
2. वाणी निर्माण (Speech) – जिह्वा के हिलने-डुलने से ध्वनियों का उच्चारण संभव होता है।
3. भोजन ग्रहण एवं चबाना (Mastication & Swallowing) – भोजन को दाँतों के पास लाना, मिलाना और निगलने में सहायक।
4. भोजन मिलाना (Mixing Food with Saliva) – भोजन को लार के साथ मिलाकर निगलने योग्य बनाना।
5. स्पर्श एवं संवेदन (Tactile Sense) – जिह्वा स्पर्श, ताप और दबाव को भी महसूस करती है।
6. मुख की सफाई (Cleaning) – जिह्वा दाँतों और मुख की सतह की सफाई में भी सहायक है।
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👉 संक्षेप में, जिह्वा एक बहु-उपयोगी पेशीय अंग है जो स्वाद, वाणी, भोजन एवं स्पर्श की क्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
क्या आप चाहेंगे कि मैं इसका सचित्र आरेख (Diagram) भी बनाकर समझाऊँ?
हाँ
मानव जिह्वा (Tongue) की बनावट एवं क्रिया-कलाप
1. जिह्वा की बनावट (Structure of Tongue)
मानव जिह्वा एक पेशीय (muscular) अंग है जो मुखगुहा (oral cavity) में स्थित होता है। यह लाल रंग की, लचीली तथा अत्यधिक गतिशील संरचना है।
मुख्य भाग:
1. जिह्वा का मूल (Root/Base):
गले की ओर स्थित होता है।
यह हायॉइड हड्डी (Hyoid bone) से जुड़ा रहता है।
2. जिह्वा का शरीर (Body):
बीच का भाग जो मुखगुहा में दिखाई देता है।
3. जिह्वा की नोक (Tip):
आगे का सबसे लचीला भाग।
4. जिह्वा का ऊपरी सतह (Dorsum):
खुरदरी होती है और इस पर विभिन्न प्रकार की पैपिला (Papillae) पाए जाते हैं:
फिलिफॉर्म पैपिला (Filiform): सबसे अधिक संख्या में, स्पर्श एवं घर्षण हेतु।
फंगिफॉर्म पैपिला (Fungiform): किनारों और नोक पर, स्वाद संवेदना हेतु।
सर्कमवैलेट पैपिला (Circumvallate): जड़ के समीप, स्वाद के लिए।
फोलिएट पैपिला (Foliate): किनारे पर पाए जाते हैं।
5. स्वाद कली (Taste buds):
पैपिला में उपस्थित विशेष संवेदन अंग, जो मिठास, खट्टापन, कड़वाहट, नमकीन और उमामी स्वाद पहचानते हैं।
6. अंतर्रचना:
जिह्वा मुख्यतः स्वेच्छापूर्वक (voluntary) पेशियों से बनी होती है।
इसमें Intrinsic muscles (आंतरिक – आकार बदलने वाले) और Extrinsic muscles (बाहरी – जिह्वा को हिलाने वाले) होते हैं।
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2. जिह्वा के क्रियाकलाप (Functions of Tongue)
1. स्वाद ग्रहण (Taste perception):
स्वाद कलिकाएँ विभिन्न स्वाद पहचानकर मस्तिष्क तक संदेश भेजती हैं।
2. भोजन ग्रहण एवं पाचन (Food intake & digestion):
भोजन को लार के साथ मिलाना।
चबाए गए भोजन को निगलने योग्य गोला (Bolus) बनाना।
3. निगलने में सहायक (Swallowing):
भोजन को गले की ओर धकेलना।
4. भाषा एवं उच्चारण (Speech & Articulation):
ध्वनियों और शब्दों के स्पष्ट उच्चारण में जिह्वा की प्रमुख भूमिका होती है।
5. स्पर्श संवेदना (Tactile sensation):
जिह्वा के सतह पर स्पर्श, तापमान और दर्द की संवेदना होती है।
6. मुख की सफाई एवं प्रतिरक्षा (Cleaning & Immunity):
भोजन कणों को हटाने में मदद करती है।
टॉन्सिल्स और लार के साथ मिलकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को सहयोग देती है।
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✅ संक्षेप में:
मानव जिह्वा एक पेशीय, संवेदनशील और अत्यधिक गतिशील अंग है, जो स्वाद ग्रहण, भोजन चबाने-निगलने, भाषण एवं मुख की स्वच्छता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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हाँ
मानव जिह्वा की बनावट एवं क्रियाएँ
(A) जिह्वा की बनावट (Structure of Tongue)
मानव जिह्वा एक पेशीय अंग (muscular organ) है जो मुखगुहा (oral cavity) में स्थित होता है। इसकी संरचना निम्न प्रकार है –
1. आकृति (Shape):
जिह्वा लंबी, चपटी एवं मांसल होती है। यह आगे से नुकीली, पीछे से चौड़ी तथा नीचे की ओर एक झिल्ली (Frenulum linguae) द्वारा मुख के तले से जुड़ी होती है।
2. भाग (Parts):
अग्र भाग (Tip/Apex): सामने का नुकीला भाग।
मध्य भाग (Body): जिह्वा का बीच का भाग।
मूल (Root/Base): पीछे का भाग, जो ग्रसनी (pharynx) से जुड़ा होता है।
3. सतह (Surface):
ऊपरी सतह पर अनेक छोटे उभार होते हैं जिन्हें पैपिला (Papillae) कहते हैं।
Filiform papillae – धागेनुमा, सबसे अधिक संख्या में।
Fungiform papillae – मशरूम के आकार के, स्वाद कलिकाओं से युक्त।
Circumvallate papillae – बड़े और गोल, जिह्वा के पीछे कतार में।
Foliate papillae – किनारों पर, विशेषकर बच्चों में।
इन पैपिला में स्वाद कलिकाएँ (Taste buds) स्थित होती हैं।
4. मांसपेशियाँ (Muscles):
आंतरिक मांसपेशियाँ (Intrinsic muscles): जिह्वा का आकार बदलती हैं।
बाह्य मांसपेशियाँ (Extrinsic muscles): जिह्वा को हिलाने, आगे-पीछे करने और ऊँचा-नीचा करने में सहायक।
5. स्नायु आपूर्ति (Nerve supply):
स्वाद (Taste) के लिए –
अग्र 2/3 भाग → Facial nerve (VII)
पश्च 1/3 भाग → Glossopharyngeal nerve (IX)
ग्रसनी के पास → Vagus nerve (X)
सामान्य संवेदना (Sensation) के लिए → Trigeminal nerve (V)
गति (Movement) के लिए → Hypoglossal nerve (XII)
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(B) जिह्वा के क्रियाकलाप (Functions of Tongue)
1. स्वाद ग्रहण (Taste perception):
स्वाद कलिकाओं द्वारा मीठा, खट्टा, नमकीन, कड़वा एवं उमामी स्वादों की पहचान की जाती है।
2. भोजन में सहायक (Role in eating):
भोजन को इधर-उधर घुमाकर दाँतों से चबाने में मदद करती है।
लार (saliva) के साथ भोजन मिलाती है।
भोजन को ग्रसनी की ओर धकेलकर निगलने (deglutition) में सहायक।
3. वाक् उत्पादन (Speech):
जिह्वा की गति और स्थिति ध्वनियों (ध, ट, ल, न, त, र आदि) को स्पष्ट बनाने में आवश्यक।
4. संवेदना (Sensation):
स्वाद के अलावा ताप, स्पर्श और वेदना (pain) का अनुभव कराती है।
5. अन्य कार्य:
मुख की सफाई और लार के वितरण में मदद।
शरीर की स्थिति और स्वास्थ्य का संकेत (जैसे – रोगों में जिह्वा का रंग बदलना)।
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👉 निष्कर्षतः, जिह्वा एक बहुउपयोगी पेशीय अंग है जो स्वाद, भोजन, वाणी और संवेदना में अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
क्या आप चाहेंगे कि मैं इसका चित्रात्मक आरेख (diagram) भी बनाकर समझाऊँ?
हाँ
मानव जिह्वा की बनावट एवं क्रियाकलाप
जिह्वा की बनावट (Structure of Human Tongue):
1. स्थान – जिह्वा मुखगुहा (Oral cavity) में स्थित एक पेशीय अंग है, जो हड्डी (Hyoid bone) और निचले जबड़े से जुड़ी रहती है।
2. मुख्य भाग –
मूल (Root): गले के पास का भाग, जो ग्रसनी (pharynx) से जुड़ा है।
देह (Body): मध्य भाग।
अग्र भाग (Apex/Tip): सबसे आगे की नुकीली सतह।
पृष्ठ (Dorsum): ऊपरी सतह, जिस पर स्वाद कलिकाएँ होती हैं।
अधोजिह्वा (Ventral surface): नीचे की सतह, जहाँ शिराएँ स्पष्ट दिखती हैं।
3. स्वाद कलिकाएँ (Taste buds): जिह्वा पर छोटे-छोटे उभार होते हैं जिन्हें पैपिला (Papillae) कहते हैं—
फंगीफॉर्म (Fungiform): अग्र भाग में, मीठा स्वाद पहचानते हैं।
सर्कमवलेट (Circumvallate): पीछे की ओर, कड़वा स्वाद पहचानते हैं।
फोलिएट (Foliate): पार्श्व भाग में, खट्टा स्वाद पहचानते हैं।
फिलिफॉर्म (Filiform): स्पर्श एवं घर्षण हेतु, स्वाद नहीं पहचानते।
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जिह्वा के क्रियाकलाप (Functions of Tongue):
1. स्वाद ग्रहण करना (Taste perception):
मीठा – अग्रभाग
खट्टा – पार्श्व भाग
नमकीन – अग्र-पार्श्व भाग
कड़वा – पृष्ठ भाग
2. भोजन क्रिया (Mastication & Swallowing):
भोजन को दाँतों के बीच लाकर चबाने में मदद करती है।
भोजन को लार के साथ मिलाकर बोलस (bolus) बनाती है।
भोजन को निगलने हेतु गले की ओर धकेलती है।
3. वाणी उत्पादन (Speech):
जिह्वा अक्षरों व ध्वनियों को स्पष्ट करने में सहायक होती है।
विशेषकर ट, ठ, ड, ढ, त, द, ल, न, र ध्वनियाँ जिह्वा से उत्पन्न होती हैं।
4. स्पर्श एवं संवेदना (Touch & Sensation):
जिह्वा की सतह पर स्पर्श संवेदना होती है।
तापमान एवं दर्द का भी अनुभव कराती है।
5. अन्य कार्य:
लार को इधर-उधर फैलाना।
मुख की सफाई में सहायता।
चूसने और चाटने में मदद।
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👉 इस प्रकार, जिह्वा एक बहुउपयोगी पेशीय अंग है, जो स्वाद, भोजन, वाणी और मुख की स्वच्छता से जुड़ा है।
क्या आप चाहेंगे कि मैं इसका चित्र सहित आरेख भी बना दूँ, ताकि आपको और स्पष्ट समझ आ सके?
हाँ
मानव जिह्वा (Tongue) की बनावट एवं क्रियाएँ
जिह्वा की बनावट (Structure of Tongue):
1. स्थान एवं आकार
जिह्वा मुखगुहा (Oral cavity) में स्थित एक पेशीय (muscular) अंग है।
इसका अग्र भाग (Tip), मध्य भाग (Body), मूल भाग (Root) तथा पार्श्व भाग (Sides) पाए जाते हैं।
2. ऊतक (Tissues)
यह मुख्यतः अस्थिपंजर रहित मांसपेशियों (Skeletal muscles) से बनी है।
ऊपर की सतह पर श्लेष्म झिल्ली (Mucous membrane) होती है।
3. पैपिला (Papillae) – स्वाद और स्पर्श ग्रहण करने वाले छोटे-छोटे उभार:
फ़ंजिफ़ॉर्म पैपिला (Fungiform papillae): मिठास और नमक का स्वाद अनुभव करते हैं।
सर्कमवैलेट पैपिला (Circumvallate papillae): कड़वे स्वाद को पहचानते हैं।
फिलिफ़ॉर्म पैपिला (Filiform papillae): स्पर्श व घर्षण अनुभव।
फ़ोलिएट पैपिला (Foliate papillae): खट्टे स्वाद की अनुभूति।
4. स्वाद कलिकाएँ (Taste buds)
जिह्वा की सतह पर सूक्ष्म संरचनाएँ होती हैं, जो मिठा, खट्टा, नमकीन, कड़वा और उमामी (umami) स्वाद अनुभव कराती हैं।
5. स्नायु आपूर्ति (Nerve Supply)
स्वाद व स्पर्श का अनुभव कराने वाली नसें हैं:
फेशियल नर्व (Facial nerve - VII cranial nerve) → अग्र 2/3 भाग का स्वाद।
ग्लॉसोफैरिंजियल नर्व (Glossopharyngeal nerve - IX cranial nerve) → पश्च 1/3 भाग का स्वाद।
हाइपोग्लॉसल नर्व (Hypoglossal nerve - XII cranial nerve) → गति।
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जिह्वा की क्रियाएँ (Functions of Tongue):
1. स्वाद ग्रहण करना (Taste perception) – पाँचों प्रकार के स्वाद पहचानना।
2. भोजन ग्रहण एवं चबाना (Mastication and deglutition) – भोजन को इधर-उधर करना, लार से मिलाना और निगलने में सहायक।
3. वाक् निर्माण (Speech production) – ध्वनियों और शब्दों का उच्चारण करने में सहायक।
4. सफाई (Cleaning action) – दाँतों और मुख की सफाई।
5. स्पर्श एवं संवेदना (Touch & Sensation) – भोजन की कठोरता, तापमान व आकृति का अनुभव।
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👉 इस प्रकार जिह्वा एक बहुउपयोगी मांसपेशीय अंग है, जो स्वाद, बोली, भोजन ग्रहण, और मुख की सफाई जैसी महत्वपूर्ण क्रियाओं में सहायक है।
क्या आप चाहेंगे कि मैं इसका स्पष्ट चित्र सहित आरेख भी बना दूँ?
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