भोली-भाली प्रिया सौम्या , जीवन की हरियाली है।
राज-श्री, शुभदा, सुखदा; सौभाग्य बढ़ाने वाली है।।
नयनों की काजल हितकारी, राधा श्याम दुलारी है।
नर मुनि सुरासुर पूज्या, रमणी कन्या सुखकारी है।।
हृदवासिनी धनदा गृहिणी, कामिनी जया कल्याणी है।
प्रेयसी प्रिया पावन दिव्या, अबला प्रबला गृहलक्ष्मी है।।
दारा, तनुजा, भगिनी, देवी, बधू, कन्या रुप अनेकों नारी हैं।
विटप वल्लरी पुष्पलता प्रिया, हिय हार प्रियम्वदा प्यारी हैं।।
धारिणी पुंबीज सन्त्तति दाता, मातृत्व वात्सल्य प्रदायिनी है।।
दिव्यांगना शैलज हितकारी, सुर सरि गंगा जग पाविनी है।
भोली-भाली प्रिया सौम्या, जीवन की हरियाली है।
राज श्री शुभदा सुखदा, सौभाग्य बढ़ाने वाली है।।
डॉ० प्रो० अवधेश कुमार शैलज,
पचम्बा, बेगूसराय, बिहार, भारत।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें