भूतपूर्व सांसद, स्व० मथुरा प्रसाद मिश्र का जन्म 100 वर्ष पूर्व 1918 ई० सन् में भारत देश के बिहार राज्य के बेगूसराय जिलान्तर्गत पचम्बा ग्राम में हुआ। राजनीति से संन्यास लेने के पश्चात् उन्होंने वास्तव में संन्यास ले लिया और भगवान् रजनीश का शिष्यत्व प्राप्त कर स्वामी आनन्द मैत्रेय कहलाये।
मथुरा प्रसाद मिश्र न केवल राजनीतिज्ञ थे,वरन् एक उत्कृष्ट कोटि के साहित्यकार थे। हिन्दी साहित्य के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। पचम्बा के एक गरीब भूमिहार ब्राह्मण स्व० रामायण सिंह ने अपनी जमीन पचम्बा में मिडिल स्कूल की स्थापना हेतु बिहार के राज्यपाल को दान के रूप में प्रदान किया और मथुरा प्रसाद मिश्र, राम जी मिश्र,रामबहादुर मिश्र, सुखदेव सिंह, जयदेव मिश्र, महादेव मिश्र, नागेश्वर मिश्र,जयनारायण सिंह एवं पचम्बा के अन्य अनेक लोगों के सक्रिय सहयोग से पचम्बा स्कूल का निर्माण एवं विकास हुआ। उस समय पचम्बा का यह एक मात्र स्कूल पचम्बा और इसके आसपास के दूर-दूर तक के गाँवों में शैक्षणिक विकास के प्रकाश स्तम्भ रुप में विकसित हुआ।
पचम्बा का प्रेम चन्द्र पुस्तकालय जिससे मैं बाल्यकाल से ही जुड़ा रहा और जिससे मुझे अध्ययन, अध्यापन एवं लेखन की प्रेरणा मिलती रही, वह प्रेम चन्द्र पुस्तकालय राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी के भी आकर्षण का केन्द्र रहा और गाँधी जी पुस्तकालय देखने हेतु पचम्बा पधारे, उस पुस्तकालय को भी पुष्पित, पल्लवित एवं विकसित करने में पचम्बा के लोगों का उत्साह वर्धन करने में मथुरा प्रसाद मिश्र का हार्दिक योगदान रहा।
मुझे बचपन से ही चाचा स्व० मथुरा प्रसाद मिश्र जी का स्नेह मिलता रहा और मथुरा प्रसाद मिश्र, जयनारायण सिंह, सुखदेव सिंह, जयदेव मिश्र, महादेव मिश्र, नागेश्वर मिश्र, रमेश चन्द्र यादव जी इत्यादि गुरुजन मेरे सामाजिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षिक विकास की प्रेरणा के श्रोत रहे परिणाम स्वरुप मैं 1974 से 1984 तक पुस्तकालय विकास आन्दोलन से जुड़ा रहा तथा पुस्तकालय संघ में बेगूसराय जिला का सचिव रहा। दिनांक 4 जून 1983 को नेलसन माण्डेला के पक्ष में मैंने नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले दस मनीषियों द्वारा स्थापित एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा शान्ति, न्याय एवं मानवता के पक्ष में जारी अपील पर हस्ताक्षर किया जिसे एमनेस्टी इंटरनेशनल के श्री लंका स्थित कार्यालय द्वारा विश्व के सभी राष्ट्र प्रधानों एवं संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव को भेजा गया और 8 मार्च 1985 को एमनेस्टी इंटरनेशनल के भारतीय शाखा के कार्यकारिणी सदस्य रवि नायर ने अपने पत्रांक 312/6 के माध्यम से मुझे एमनेस्टी इंटरनेशनल का सदस्य बनने के लिए भी पत्र भेजा।
मुझे बचपन से ही काव्य, साहित्य, पत्रकारिता, लेखन, सम्पादन, पत्रकारिता, लोकसेवा, सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों, राजनीति तथा अध्यात्म में अभिरुचि रही और चाचा मथुरा प्रसाद मिश्र एवं अन्य महान् लोगों से मुझे हमेशा प्रेरणा मिलती रही फलस्वरुप दिनांक 7 मार्च 1999 को मैंने रचनात्मक कार्य क्रमों हेतु स्वतन्त्र संस्था रचनात्मक सेवा केन्द्र, पचम्बा, बेगूसराय की स्थापना की तथा संस्था के माध्यम से " 21 वीं शताब्दी को रचनात्मक शताब्दी " , "पचम्बा" को एक " रचनात्मक ग्राम ", माननीय प्रधानमंत्री "नरेन्द्र दामोदर दास मोदी" जी को " हिन्द-उन्नायक " तथा भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री माननीय " अटल बिहारी वाजपेयी " जी को " रचनात्मक युग पुरुष " घोषित किया गया और पचम्बा में एक " रचनात्मक महिला विद्यालय " की नींव डाली गई । इसी प्रकार पचम्बा को विश्व ऊँकार परिवार से सम्बद्ध हुआ और यहाँ आदर्श मनोवैज्ञानिक संगठन एवं शोध संस्थान की भी स्थापना की गई।
इस तरह से माननीय भूतपूर्व सांसद मथुरा प्रसाद मिश्र ,राम जी मिश्र एवं जयनारायण सिंह मुझे जीवन के अनेक क्षेत्रों में विकास की प्रेरणा मिली ।
चाचा मथुरा प्रसाद मिश्र जी अत्यन्त सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी के साथ उनका मैत्री पूर्ण सम्बन्ध था । एक प्रीति भोज में अन्य लोगों के साथ मथुरा प्रसाद मिश्र जी के साथ दिनकर जी का दुर्लभ चित्र उपलब्ध है।
चाचा मथुरा प्रसाद मिश्र को मैं जब पत्र लिखता था तो साथ में भगवान् रजनीश को भी पत्र लिखता था और वे दोनों मेरे जैसे सामान्य व्यक्ति को भी अपने हृदय में स्थान देते थे।
स्मरणीय है कि 1918 में मथुरा प्रसाद मिश्र जी का जन्म हुआ था और वर्त्तमान वर्ष 2018 उनके जन्म वर्ष का 100 वाँ वर्ष है ।
इस शताब्दी वर्ष में मैं ( अवधेश कुमार शैलज ) उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहा हूँ तथा इन्टरनेट पर मथुरा प्र० मिश्र के सम्बन्ध में जारी वायोप्रोफाईल भी प्रस्तुत कर रहा हूँ।
Third Lok Sabha
Members Bioprofile
MISHRA, SHRI MATHURA PRASAD, M.A., Cong., (Bihar—Begusarai—1962): S. of Shri Sona Prasad Singh; B. at Pachamba, 1918; ed. at B. N. College and Patna College, Patna; m. Shrimati Tulsi Devi, 1930; Journalist; Secretary Bihar Pradesh Kisan Sabha (1941-48) Suffered imprisonment for participating in freedom movement, 1942-45, Secretary, All India Forward Bloc. 1947-48; Editor, Azad Hind (Weekly) 1947-48; Secretary Kisan Sub-Committee of Bihar Pradesh Congress, 1943-50 Secretary, Navashakti Rastravani group of newspapers Patna; Member, Provisional Parliament 1950-52 and First Lok Sabha, 1952-57 and Second Lok Sabha 1957-62.
Social activities: Helped in founding Middle English School in Pachamba.
Hobbies: Photography and picture-collection.
Favourite pastime and recreation: Gardening, cinema, music, drama, boating and swimming.
Special interests: Spread of education; psychological aid to underdeveloped children; political and social psychology.
Permanent address: Village Pachamba, P. O. Suhrid Nagar, Monghyr Distt., Bihar.
[Voting results at the Election:
Electorate: 4,04,740
Shri Mathura Prasad Mishra . . 1,05,883
Shri Akhtar Hasmi . . 51,163
Shri Rudra Narain Jha . . 26,405
Shri Chandra Mauli Deva . . 14,228
Shri Gulam Mustafa . . 10,333].
इनके जन्म की तारीख अस्पष्ट है एवं अपने मृत्यु का जिक्र नही किया । प्रेमचन्द पुस्तकालय जहाँ गाँधी जी के चरण पड़े आज वह अस्तित्व में नही है । उसका जिक्र आपने नही किया ।
जवाब देंहटाएंबेगूसराय के प्रथम जुझारू सांसद के जन्म अब अवसान की तिथि पर हर साल भव्य कार्यक्रम हो , इसके लिये हमलोंगो को आगे बढ़ना चाहिए ।