मंगलवार, 25 अप्रैल 2023

गांधी

गांधी :- डॉ० प्रो० अवधेश कुमार शैलज ,पचम्बा, बेगूसराय।

गाँधी मानव नहीं, वे अतिमानव कहलाते थे।
अवसर को पहचान, सदा नीति अपनाते थे।।
गाँधी मानव आम नहीं, साधक नीतिज्ञ विद्वान् थे।
जन-जन में घुल मिल जाने के कलाकार महान् थे।।
कूटनीतिज्ञ, लक्ष्योन्मुख गांधी बापू जिनके नाम थे।
मोहनदास करमचंद गांधी उनके असली नाम थे।।
भारत के शोषित पीड़ित जन सदियों से परेशान थे।
अठारह सौ सनतावन से हो रहे वे वलिदान थे।।
मंगल पाण्डेय स्वतंत्रता आन्दोलन के उद्घोषक थे।
इन्हें संभाला गांधी ने भी सरल हिन्द जन पोषक थे।।
काले गोरों यवनों की निष्ठा में आदर्श महान् थे।
कोई उनके प्रबल समर्थक, किन्हीं हेतु बेकाम थे।।
आयत क़ुरान पढ़ते मन्दिर में ऐसे वे इन्सान थे।
अल्ला ईश्वर एक बताते, वे नेता कुशल महान् थे ।।
ए एच ह्यूम, ऐनी बेसेंट के काँग्रेस के वे जान थे।
गोलमेज के सम्मेलन में भारत की पहचान थे।।
गाँधी मानव नहीं, वरन् खादी में लिपटे पुतले थे।
अंग्रेजों के संग असहयोग आंदोलन को निकले थे।।
चरखा चश्मा घड़ी छड़ी बकरी छकरी ही सहारा था।
नेहरू जैसे युवा वर्ग और कन्या का संग सहारा था।।
सत्य न्याय के चलते अपनों से वैर उन्होंने साधा था।
शब्द कोष परिभाषा अपनी, नीति दर्शन न आधा था।।
चलते थे त्याग गरम पथ को, उन्हें नरम पथ न्यारा था।
सौंपा हिन्दूस्थान बहुल जन , उन्हें यवन मत  प्यारा था।।
नमक हेतु सच आग्रह कर, सैन्धव रस अमृत त्यागा था।
जूट मशीन पाक को, लेकिन भारत हित चरखा मांगा था।।
तज सुभाष, आजाद हिन्द को, शूली पर भगत चढ़ाया था।
विश्वयुद्ध में ब्रिटिश हित बापू ने वीरों की बलि चढ़ाया था।।
गाँधी मानव ही नहीं, दानवों के संग रहने वाले साधक थे।
अंग्रेजों की नीति ज्ञाता, बापू हर उभय पक्ष के गायक थे।।
राष्ट्रपिता गाँधी भारत के चीर हरण के साक्षी नायक थे।
कहते हैं महात्मा गांधी भारत के एक मात्र उन्नायक थे।।
अस्त्र शस्त्र से हीन महात्मा अन्न जल त्यागी मौनी थे।
अगम निगम जानते थे सब कुछ, राजनीतिक ज्ञानी थे।।
पोरबंदर दीवान पुत्र, वैरिस्टर धर्म निभाते थे।
कुछ भी हो जाए, लेकिन वे कभी नहीं घबराते थे।।
दक्षिण अफ्रीका के तमाचे का गोरों को सबक सिखलाया था।
वेद पुराण उपनिषद् विज्ञ ने बुद्ध मार्ग अपनाया था।।
सत्ता से थे दूर, मगर सत्ता की राह दिखाते थे।
काँग्रेस बदनाम न हो, रीति नीति बताते थे।।
कहते गोडसे ने छलनी की या उन्हें अन्य ने गोली मारा था।
मरते समय लेकिन गाँधी ने श्री राम का नाम पुकारा था।।
राम नाम सत्य हो गया है उनका, बकरी बलि का प्यारा है।
चरखा खादी छाप हो गया, घड़ी छड़ी का नहीं सहारा है।।
आम लोग सिर झाड़ू दीखता औ टोपी गंदा बेचारा है।
लाठी उनकी तेल पी रही, आश्रम सूना अंधियारा है।।

डॉ० प्रो० अवधेश कुमार शैलज ,पचम्बा, बेगूसराय।


सोमवार, 17 अप्रैल 2023

Marriage :-

"Whether marriage is sanctioned by law or religion or not, yet marriage is a permanent sexual relationship in the biological sense and to some extent in the social sense." :- The Psychology of sex (sexual psychology) Original author:- Havelock Ellis  (1938), Translator:- Manmath Nath Gupta (2008), Rajpal & Sons (Publication).

रविवार, 9 अप्रैल 2023

शैलज दोहावली भाग ५

शैलज आया धरा पर,
समय करम गति लेख।
खोया पाया परम पद,
सत् जग अनुभव देख।।

श्रद्धा नारी आदि शक्ति, विश्वास नरोत्तम शिव हैं।
शिव शक्ति संगम से, विकसित जग जीवन है।

शैलज लोक-परलोक हित, 
देश-काल-पात्र अनुसार। 
नारी-नर जग पूज्य नित, 
जिनके सम्यक् व्यवहार।।