गुरुवार, 23 मार्च 2017

मनोविज्ञान व्यक्ति या प्राणी की....

मनोविज्ञान व्यक्ति या प्राणी की अनुभूतियों, समायोजन प्रक्रिया एवं सामान्य और/या असामान्य व्यवहारों का आदर्श वैज्ञानिक अध्ययन करता है।यह अध्ययन आदर्श एवं सकारात्मक वैज्ञानिक अध्ययन होता है। फ्रायड ने दमित काम - प्रवृत्तियों का अध्ययन मनोविश्लेषण पद्धति से किया। होमियोपैथी के जनक महात्मा हैनीमैन ने रूग्ण प्राणी की चिकित्सा हेतु 'समं समे शमयति' सिद्धान्त के आधार पर लाक्षणिक चिकित्सा पर बल दिया और सभी मनो-शारीरिक रोगों का मूल कारण मन की विकृति बताया। अत एव मन के चेतन, अचेतन तथा अवचेतन स्थिति के अध्ययन के साथ इसके इदं, अहं तथा परम अहम् स्वरूप का अध्ययन अत्यन्त आवश्यक है। अत एव होमियोपैथी में भी प्राणी के family, sex एवं self-concept का अध्ययन अत्यावश्यक है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें