सृष्टि के आदि से ही संसार में घटित हो रही गोचर या अगोचर; सूक्ष्म या स्थूल; व्यक्त या अव्यक्त समस्त घटनाओं का रिकॉर्ड प्रकृति रखती है, जो अन्ततोगत्वा सत्य एवं वास्तविकता का मार्ग प्रशस्त करती है और हमारे द्वारा काम, क्रोध या लोभ के वशीभूत होकर लिये गए पक्षपात् पूर्ण या पूर्वाग्रह युक्त निर्णय के परिणाम स्वरूप पाप या पुण्य का भागी बनाता है।
वास्तव में कोई भी व्यक्ति अपने हृदय में स्थित आत्मा की परमात्मा प्रेरित पवित्र आवाज को जब अनसुनी कर निर्णय लेता है तो वह पुण्य के स्थान पर पाप को प्रतिष्ठित करने की भूल करता है और न्याय नहीं कर पाता है तथा उसकी सजा में वह खुद को अपनी गलतियों के लिए व्यक्त या अव्यक्त रुप में कोसते रहता है और उसके पास प्रायश्चित के अलावा कुछ भी शेष नहीं रहता है।
अतः विवेकपूर्ण निर्णय एवं सम्यक् व्यवहार हमारे लिए महत्वपूर्ण है।
बुधवार, 30 मई 2018
घटनाओं का प्राकृतिक रिकॉर्ड एवं न्यायिक प्रक्रिया.....।
सोमवार, 14 मई 2018
दाम्पत्य जीवन: समस्या एवं समाधान...।
शुक्रवार, 27 अप्रैल 2018
आदर्श मनोवैज्ञानिक संगठन एवं शोध-संस्थान, पचम्बा, बेगूसराय ( IPORI-PBBI ) के उद्देश्य और कार्य-क्रम :-
आदर्श मनोवैज्ञानिक संगठन एवं शोध-संस्थान, पचम्बा, बेगूसराय ( IPORI-PBBI )
स्थापना दिवस : 23/04/2012.
आदर्श मनोवैज्ञानिक संगठन एवं शोध-संस्थान, पचम्बा, बेगूसराय ( IPORI-PBBI ) के उद्देश्य और कार्य-क्रम :-
1. मानव एवं मानवेतर प्राणियों के उद्भव, विकास एवं मनो-शारीरिक स्थितियों का अध्ययन करना।
2. किसी प्राकृतिक / स्वाभाविक या कृत्रिम परिस्थिति में प्राणी के अनुभूति, व्यवहार एवं समायोजन प्रक्रिया का अध्ययन करना।
3. मानव जीवन के विभिन्न क्षेत्रों यथा कला, विज्ञान, वाणिज्य तथा आध्यात्मिक क्षेत्रों में आदर्श एवं समर्थक / विधायक विज्ञान सम्मत और तुलनात्मक अध्ययन करना।
4. मनोविज्ञान का अन्य विज्ञानों के साथ तुलनात्मक अध्ययन करना।
5. संस्था-हित एवं लोक-हित में आदर्श, रचनात्मक और सकारात्मक सोच को विकसित करना तथा उनसे सम्बन्धित कार्यक्रमों का आयोजन करना।
-प्रो० अवधेश कुमार ,
अध्यक्ष सह सचिव,
IPORI-PBBI
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Ideal Psychological Organization and Research Institute, Pachamba, Begusarai (IPORI-PBBI)
Foundation Day: 23/04/2012.
Objectives and Programs of " Ideal Psychological Organization and Research Institute, Pachamba, Begusarai (IPORI-PBBI) " :-
1. To study the origin, development and psycho-physical conditions of human and non-human beings.
2. To study the feeling, behavior and adjustment process of a being in a natural or artificial situation.
3. To do ideal and supportive / constructive science-based and comparative studies in various fields of human life such as art, science, commerce and spiritual fields.
4. To do comparative study of psychology with other sciences.
5. To develop ideal, constructive and positive thinking in the interest of the organization and public interest and to organize programs related to them.
-Prof. Awadhesh Kumar,
President cum Secretary,
IPORI-PBBI
गुरुवार, 26 अप्रैल 2018
उद्दीपक की संवेदना, प्रत्यक्षण, भ्रम एवं विभ्रम की सामान्य परिभाषा :-
किसी प्राणी ( Organism ) के अपने या दिये गये वातावरण ( Environment ) में किसी उद्दीपन ( Stimulus ) की उपस्थिति की अनुभूति उसके वास्तविक स्वरूप के अनुरूप होना उस वस्तु या घटना का ' हू व हू प्रत्यक्षण' है। वस्तु या घटना के प्रत्यक्षण ( Perception ) होने की ठीक पूर्व की अवस्था संवेदना ( Sensation ) है। वस्तु या घटना का 'हू व हू' प्रत्यक्षण नहीं होकर उसके समान्य प्रसम्भावना के अनुरूप प्रत्यक्षण नहीं होकर अन्य रुप में या द्रष्टा के अनुरूप प्रत्यक्षण भ्रम (Illusion) है तथा किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी या घटना की अनुपस्थिति में उनका बोध या प्रत्यक्षण होना विभ्रम (Hallucination) कहलाता है।
शनिवार, 21 अप्रैल 2018
ज्योतिष शास्त्र : परिभाषा
ज्योतिष्शास्त्रमिदं पुण्यं जड़ चेतनादि प्रकाशकम्। कार्य-कारणप्रकृतितत्वंसो$हम् सुबोधकम्।।
गुरुवार, 15 मार्च 2018
शुभकामना संदेश
शुभकामना संदेश
आदर्श मनोवैज्ञानिक संगठन एवं शोध संस्थान, पचम्बा, बेगूसराय (Ideal Psychological Organization & Research Institute Pachamba, Begusarai (IPORI-PBBI) के 6 वीं वर्ष गाँठ २३ अप्रैल २०१८ के अवसर पर संस्था विश्व के जन-जन के प्रति हार्दिक शुभकामना व्यक्त करती है और पारस्परिक सहयोग तथा सदभाव के साथ रचनात्मक एवं सकारात्मक दिशा में बढ़ने का आग्रह करती है।
:- प्रो० अवधेश कुमार,
अध्यक्ष सह सचिव,
IPORI-PBBI.
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