गुरुवार, 26 अप्रैल 2018

उद्दीपक की संवेदना, प्रत्यक्षण, भ्रम एवं विभ्रम की सामान्य परिभाषा :-

किसी प्राणी ( Organism ) के अपने या दिये गये वातावरण ( Environment ) में किसी  उद्दीपन ( Stimulus ) की उपस्थिति की अनुभूति उसके वास्तविक स्वरूप के अनुरूप होना उस वस्तु या घटना का ' हू व हू प्रत्यक्षण' है। वस्तु या घटना के प्रत्यक्षण ( Perception ) होने की ठीक पूर्व की अवस्था संवेदना ( Sensation ) है। वस्तु या घटना का 'हू व हू' प्रत्यक्षण नहीं होकर उसके समान्य प्रसम्भावना के अनुरूप प्रत्यक्षण नहीं होकर अन्य रुप में या द्रष्टा के अनुरूप प्रत्यक्षण भ्रम (Illusion) है तथा किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी या घटना की अनुपस्थिति में उनका बोध या प्रत्यक्षण होना विभ्रम (Hallucination) कहलाता है।

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