शनिवार, 22 सितंबर 2018

वोट, प्रजातंत्र, नागरिक अधिकार एवं कर्त्तव्य :

Vote ( मत) :-

Vote is an opinion of a person towards given subject / situation / any two or more persons or groups through written,verbal or symbolic process. अर्थात्
मत किसी व्यक्ति / वस्तु / उद्देश्य या परिस्थिति अथवा किन्हीं दो या अधिक व्यक्तियों या समूहों के प्रति लिखित, वाचिक / शाब्दिक या सांकेतिक / प्रतीकात्मक राय / विचार /अभिप्राय है।(६/१/२०१७ को जारी)
Democracy is an ideal social adjustment process & relatively the best administrative approach for multi-dimensional  development of human being. अर्थात्
प्रजातंत्र मानव के बहु-आयामी विकास के निमित्त एक आदर्श सामाजिक समायोजनात्मक प्रक्रिया एवं तुलनात्मक / अपेक्षाकृत सर्वोत्तम प्रशासनिक व्यवस्था है।
(दिनांक 16/05/2014  की रात्रि में सोशल मीडिया पर प्रसारित)
किसी भी प्रजातान्त्रिक देश में वहाँ के नागरिकों का बहुमत प्राप्त व्यक्ति,उनका दल और उनके नेता द्वारा ही देश के जन,धन,ज्ञान-विज्ञान एवं सम्मान की सुरक्षा, विकास तथा प्रशासनिक कार्य होता है,जिसके लिए उसे वोट देने वाली या नहीं देने वाली जनता अपने नेता के रूप में स्वीकार कर चुकी होती है, वैसी सरकार या उसके नेता यदि पक्षपात एवं पूर्वाग्रह से प्रभावित कार्य करते हैं या निर्णय लेते हैं तो जनता द्वारा उनका वहिष्कार अनिवार्य है और इसके लिए प्रबुद्धजनों का नेतृत्व जरूरी है।

प्रो० अवधेश कुमार शैलज, पचम्बा, बेगूसराय।

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