बुधवार, 23 जुलाई 2025

रोगी केन्द्रित चिकित्सा

होमियोपैथी में पोलीकृष्ट, पैलिएटिव, फालोवर, कम्प्लीमेन्ट्री, प्रतिषेधक, मियाज्मेटिक औषधियों की चर्चा होती है, परन्तु इन औषधियों में से यदि किसी औषधि का रोगी की लक्षण समष्टि से संगतता नहीं हो या वे औषधियाँ रोगी के तात्कालिक कष्ट निवारण में भले ही कमाल हासिल कर ले, लेकिन वह औषधि उस रोगी हेतु औषधि कहलाने का अधिकारी नहीं होगी। भले ही केन्ट के मतानुसार होमियोपैथिक दवायें बन्दूक की गोली के समान होती हैं जो या तो लक्ष्य बेध कर जाती हैं अथवा बगल से होकर गुजर जाती हैं, लेकिन मेरे समझ में आता है कि गोली चलाने वालों को यह ध्यान में रखना आवश्यक है कि बगल के आम लोग का गोली की आवाज से कहीं दिल दहल न जाय।
अतः इस तरह रोगी की की जा रही होमियोपैथिक चिकित्सा "रोगी केन्द्रित चिकित्सा" न होकर वास्तव में "रोग केन्द्रित चिकित्सा" ही होगी।


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