1980 में मैंने प्रजातंत्र को पारिभाषित करते हुए कहा था कि "वर्त्तमान समय में भारत में प्रजातंत्र जनता की लाठी से जनता की पीठ पर जनता के द्वारा प्रहार है।" जिसका कुछ दिनों के बाद बेगूसराय (बिहार) की तत्कालीन महत्त्वपूर्ण पत्रिका " बेगूसराय टाईम्स " में प्रकाशन भी हुआ।
कुछ दिनों के बाद मैंने पुनः प्रजातंत्र को परिभाषित करते हुए कहा कि " वर्त्तमान समय में भारत में प्रजातंत्र जनता की प्रयोगशाला में चमचों का खेल" या " प्ले ऑन पेपर " है।
हलाँकि ये सभी परिभाषाएं भारत में प्रजातंत्र या लोकतंत्र या बहुमत तंत्र के नाम पर उनका दुरुपयोग करने वाले व्यक्तियों या शक्तियों के क्रियाकलापों या विचारों के दृष्टिकोण से की गई है।
यही कारण है कि बाद में मैंने प्रजातंत्र की गुणवाचकता और वस्तुवाचकता को ध्यान में रखते हुए कहा था कि "Democracy is an ideal social adjustment process and the best administrative approach for the multidimensional development of human beings." अर्थात् "प्रजातंत्र मानव के बहुआयामी विकास हेतु एक आदर्श सामाजिक समायोजनात्मक प्रक्रिया तथा सर्वश्रेष्ठ प्रशासनिक व्यवस्था है।"
परन्तु बाद में मैंने इस परिभाषा में ईषत् परिवर्तन करते हुए कहा कि "Democracy is an ideal social adjustment process and relatively the best administrative approach for the multidimensional development of human beings."
अर्थात् "प्रजातंत्र मानव के बहुआयामी विकास हेतु एक आदर्श सामाजिक समायोजनात्मक प्रक्रिया तथा तुलनात्मक रूप से सर्वश्रेष्ठ प्रशासनिक व्यवस्था है।"
परन्तु इस परिभाषा की गुणवाचकता और वस्तुवाचकता को ध्यान में रखते हुए कहा जा सकता है कि "Democracy is an ideal social adjustment process and relatively the best administrative approach for the multidimensional development of human beings in relation to any society."
अर्थात् "प्रजातंत्र किसी समाज में मानव और / या मानवेतर सन्दर्भों के हित में सोद्देश्य पूर्ण बहुआयामी विकास हेतु एक आदर्श सामाजिक समायोजनात्मक प्रक्रिया तथा तुलनात्मक रूप से सर्वश्रेष्ठ प्रशासनिक व्यवस्था है।"
अन्य शब्दों में "प्रजातंत्र किसी समाज के सदस्यों द्वारा विकसित या आत्मार्पित संविधान के तहत उनके वैयक्तिक या सार्वजनिक उद्देश्यों के हित में सर्वसम्मत निर्णय की अपेक्षा रखनेवाली एक आदर्श सामाजिक एवं समायोजनात्मक/अभियोजनात्मक प्रक्रिया तथा सर्वश्रेष्ठ प्रशासनिक व्यवस्था है।
"Democracy is an ideal social and adjustable / pragmatic process and best administrative system requiring unanimous decisions in the interests of their individual or public objectives, developed or spirited by members of a society."
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