बुधवार, 23 जुलाई 2025

बहुस्तरीय रुग्णता सिद्धांत

"यदि किसी प्राणी के रोग लक्षण उत्पन्न करने वाले कारकों का उसके अपने वातावरण में किसी पूर्व काल और / या वर्तमान समय में अनुपस्थिति के बावजूद भी उन रोग लक्षणों की उपस्थिति का बोध उक्त प्राणी को, प्रेक्षक या चिकित्सक को होता हो और / या वैज्ञानिक संसाधनों द्वारा प्रमाणित होता है तो यह अवस्था इस सिद्धांत को प्रमाणित करता है कि "किसी प्राणी की रुग्णता न केवल उसके वातावरण में उपस्थित वनस्पति, खनिज और / या जीव सम्बन्धी किसी स्थूल या सूक्ष्म उद्दीपन से प्रभावित होता है, वरन् परिस्थितिजन्य किसी तात्कालिक या पूर्व प्रभाव आधारित किसी मनोवैज्ञानिक और / या अभ्यान्तरिक असन्तुलन और / या खगोलीय और / या आनुवंशिक प्रभाव के परिणाम पर निर्भर करता है।" और ऐसी परिस्थिति में भी उन्हीं स्थितियों और / या रोग लक्षण समष्टि को उत्पन्न करने वाली होमियोपैथिक या बायोकेमिक औषधियों का उपयोग या प्रयोग उक्त रुग्ण प्राणी के निर्दोष आरोग्य के हित में किया जायेगा।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें