गुरुवार, 22 सितंबर 2022

होली :-

होली का यह पर्व है, खुशियों का त्यौहार ।
बुरा न इसमें मानिये, इसमें मिलता प्यार ।।
होलिका दहन होते ही, छा जाता उल्लास।
भक्ति प्रेम की शक्ति का, है पुनीत इतिहास।।
धूलि वन्दन होत है, रंग अबीर गुलाल।
प्रेम रंग में रंग सभी, हो जाते खुशहाल ।।
विपदा में हर भक्त के, हरि सदा ही साथ ।
नारायण हरदम रहे, भक्त प्रह्लाद के साथ।।
हरि नृसिंह अवतार में, प्रकटे खम्भा फाड़।
प्रभु ने निज वरदान को किया सत्य साकार।।
लिटा सायं निज जाँघ पर, नख से छाती फाड़।
हिरण्यकश्यपु का प्रभु, किये तुरत उद्धार।।
आज उन्हीं की याद में, यह होली त्यौहार।
सबसे कीजिए दोस्ती, सबको करिये प्यार।
पूर्वाग्रह को त्याग कर, रचिये नूतन संसार ।
प्रेमभाव सहयोग का, दिल मन में हो संचार।।
शैलज गलती मानिये, करिये भूल सुधार।
कर्म धर्म सुधारिये, होगा भव बेड़ा पार।।
सत्य सनातन संस्कृति, विधि विवेक विचार।
अहंकार मद मुक्त हो, करें सुहृद व्यवहार।।
होली पावन पर्व यह मिलन महोत्सव काल।
बन्धु गुरु प्रभु पूजिये, हिन्दू हृदय विशाल।।

प्रो० अवधेश कुमार 'शैलज', पचम्बा, बेगूसराय ।


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