शुक्रवार, 23 सितंबर 2022

आज का ताजा खबर :-

आज का ताजा खबर........
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आज का ताजा खबर.........
आज का ताजा खबर.........
आज का ताजा खबर.........

बाबू जी! आ गया.............
आज का ताजा खबर..........
बाबू जी! आ गया.............
आज का ताजा खबर..........

पड़ी कानों में मेरी,
फट सा गया- हृदय ।
आँखें रह गई पड़ी पथराई सी ।

बज रहे सात थे रात्रि के,
था ठिठुर रहा- जाड़े के भींगी रातों में ।
जैसे सरसिज दल पर - शवनम की बूँद एक,
थरथर करता- अस्तित्व हीन ।

छलका चाहा- आँखों में आँसू की बूँद एक,
पर प्रेस्टिज था, क्या करता औ कैसे ?
भारत ! तेरी यह गति ...................?
हैं विलख रहे बच्चे तेरे, हो ठिठुर-ठिठुर,
इन शीतलहर मय रातों में,
जाड़े के मौसम में ।

राजे-रजवाड़ों को देखो -
तोशक तकिये औ कोट पैंट
नीचे में ऊनी बूट और
स्वेटर के नीचे है-तन-मन ।

जो मन में आया- हाजिर है ,
बच्चे उनसे हैं- खेल रहे,
कृत्रिम नवनीत प्रकाशों में ।
पढ़ने की इच्छा जागी तो-
एयर हैं, नौकर चाकर हैं ।
शोषण की शिक्षा लेने-
ये शिक्षालय जाते हैं ।
इनकी तो चलती है इतनी-
ये मन की बात चलाते हैं ।
गर मन चाहा तो ये देखो,
घर पर शिक्षक बुलवाते हैं ।

पर, यह तो जाड़े की एक रात,
ये तीन रात के भूखे हैं ।
अखबार बेच ये अपना पेट चलाते हैं,
बेबसी निगाहें डाल सोच कुछ-
आगे को बढ़ जाते हैं ।

परिवार चार, अवलम्ब एक ।
छोटा बच्चा- दस बरसातों को देखा है।
तपती धरती, जलती छाया,
हर
छुट चुकी नौकरी- विधवा माँ की,
झूठी-अफवाही आरोपों में ।

दलवाले करते आन्दोलन,
पुलिस करती है इंतजार ।

नेता करते हैं- राजनीति,
मीडिया बनाती समाचार,

घर-घर की यही कहानी है,
किस्से लिखते हैं- कथाकार।

कवियों की भीड़ उमड़ पड़ती,
गायक का चलता है व्यापार ।

ज्ञानी-विज्ञानी कलाकार
फिल्मों को मिलता- पुरस्कार।
नुक्कड़-नाटकों को बल मिलता,
ए.के.अपराधों से डरता,
सन् 'सैंतालिस' भूला-बिसरा ।

झंडा तिरंगा ले संविधान,
वृहत्तर भारत का ले विधान,
अब भी माँ के लिये शीश
कर रहे जवान हैं- वलिदान ।

पर,जाड़े में कम्बल मिलता,
वोटों को नोट मिला करता ।
होठों की, आँख मिचौनी से,
सत्ता का खेल चला करता ।
सत्ता-सत्य की चाल देख,
जनता दुनियाँ है- परेशान ।
                
(क्रमशः)

दिलचस्पी लेते हैं- अमीर,
घुटते जाते केवल गरीब ।
आज का ताजा खबर.........
आज का ताजा खबर.........
आज का ताजा खबर..........।
                

          ज्ञातव्य है कि प्रस्तुत रचना मेरी पूर्व प्रकाशित रचना 'आज का ताजा खबर' का ही वर्तमान समय के सन्दर्भ में किसी भी तरह के पक्षपात से रहित तथा पूर्वाग्रह मुक्त पुष्पित, पल्लवित एवं विकसित संस्करण है।
         अतः सुधी पाठक गण से अनुरोध है कि प्रस्तुत रचना के सन्दर्भ में किसी प्रकार का अन्यथा भाव नहीं लेंगे ।
           - प्रो० अवधेश कुमार उर्फ शैलज
                    पचम्बा, बेगूसराय ।
  (प्रभारी प्राचार्य सह व्याख्याता मनोविज्ञान, एम. जे.जे.कॉलेज, एम., बनवारीपुर, बेगूसराय, कॉलेज कोड:८४०१४)।


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